
शरीर में खून का सबसे ज्यादा महत्व होता है, जब हमारे शरीर में खून कम होने लगता है तो हमे कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे ही एक स्थिति रक्त विकार (Blood Disorder) की होती है, जिसमें रक्त वाले हिस्सों को प्रभावित होना पड़ता है। इस दौरान आपका खून सही तरीके से काम करने में असफल होता है। इसके पीछे कुछ बीमारियां, दवाओं का दुष्प्रभाव और पोषण की कमी भी शामिल होती है। ये स्थिति हमे एक गंभीर स्थिति में धकेल सकती है जिसका इलाज कराना किसी के लिए भी जरूरी होता है। जरूरी नहीं कि रक्त विकार में आपको तुरंत लक्षण नजर आने लगे इसमें कई महीने या कुछ हफ्ते भी लग सकते हैं। इसकी जानकारी आपको तब हो सकती है जब आप डॉक्टर द्वारा बताए गई जांच कराते हैं। इसलिए जरूरी है आपको ये जानना कि रक्त विकार कैसे आपके स्वास्थ्य के लिए खतरनाक बन सकता है और इसके प्रकार क्या है, लक्षण और बचाव क्या है।
रक्त विकार कैसे है आपके स्वास्थ्य के लिए खतरनाक
रक्त विकार (Blood Disorder) शरीर को स्वस्थ रखने के लिए एक खराब स्थिति का संकेत है जिसके कारण आप कई गंभीर बीमारियों को न्योता दे सकते हैं। रक्त विकार कई प्रकार के होते हैं जिनसे आपको एनीमिया, थैलेसीमिया, मलेरिया जैसी कई गंभीर बीमारियों का खतरा रहता है। इन सभी बीमारियों या स्थितियों के दौरान आपको तुरंत इलाज की जरूरत के साथ देखरेख की जरूरत होती है जो आपको स्वस्थ रखने में मदद करती है।
रक्त विकार के प्रकार
न्यूट्रोपेनिया (Neutropenia)
न्यूट्रोपेनिया एक प्रकार से सफेद रक्त कोशिका की कमी है, जिसके कारण इसका सीधा असर आपके इम्यून सिस्टम पर पड़ता है। इम्यून सिस्टम के कमजोर होने से आप अक्सर कई गंभीर रोगों की चपेट में आ जाते हैं। जैसे:
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एनीमिया: ये एक ऐसी स्थिति है जब रेड ब्लड सेल्स (Red Blood Cells) की संख्या कम होने लगती है, जिसे हीमोग्लोबीन भी कहा जाता है।
पॉलिसिथेमिया: इस स्थिति में लाल रक्त कोशिकाएं की संख्या अचानक से बढ़ने लगती है। जिसके कारण आपको बहुत ज्यादा थकावट का भी सामना करना पड़ सकता है।
थ्रोम्बोसाइटोसिस
थ्रोम्बोसाइटोसिस खून में प्लेटलेट्स की बढ़ती संख्या को दिखाता है, ये स्थिति किसी भी कारण हो सकती है। इस स्थिति में मरीज को रक्त के थक्के बनना भी एक आम समस्या होती है जिसके कारण कभी-कभी ब्लीडिंग की समस्या भी होने लगती है।
ब्लड क्लोटिंग
ब्लड क्लोटिंग या रक्त के थक्के एक आम समस्या बन गई है जिसका शिकार कई लोग होते है, ये शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकती है। अगर ये स्थिति आपके दिमाग या मस्तिष्क में होती है तो इसे स्ट्रोक कहा जाता है, हृदय में हो तो इसे दौरा कहा जाता है। वहीं, डीप वेन थ्रॉम्बोसिस (DVT) शरीर में अन्य जगहों पर होने वाले रक्त के थक्कों को दिखाता है।
लक्षण
- थकान।
- सांस लेने में परेशानी होना।
- हृदय की गति में अचानक तेजी आना।
- नाक और मुंह से खून निकलना।
- शरीर में खून के थक्के या गांठ महसूस होना।
- हाथ-पैरों में सूजन पैदा होना और दर्द।
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बचाव
- एनीमिया से बचाव के लिए आपको अपनी डाइट में भरपूर मात्रा में आयरन की कमी को पूरा करना चाहिए जिससे की आप एनीमिया का शिकार न हों।
- अपने शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाने के लिए आपको रोजाना एक्सरसाइज और शारीरिक गतिविधियों को अपनाना चाहिए।
- शरीर के सभी हिस्सों का ध्यान रखें और जांचें की आपको किसी हिस्से पर गांठ महसूस न हो।
- नियमित रूप से आपको खून की जांच करानी चाहिए, जिससे की आप अपने स्वास्थ्य के बारे में लगातार जान सके। इससे आपका डॉक्टर आसानी से ज्यादातर बीमारी या समस्याओं को पकड़ सकता है।
- खून की कमी होने पर अपनी डाइट में खून को बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थों को शामिल करें या डॉक्टर द्वारा बताई गई डाइट को अपनाएं।
इस लेख में हम आपको रक्त विकार से होने वाली बीमारियों और इसके प्रकार के बारे में बता रहे हैं जिससे आपको स्वास्थ्य हानि हो सकती है।