
आंखों के कॉर्निया के पीछे आइरिस होती है। आइरिस में सूजन और दर्द को आयराइटिस कहते हैं। आयराइटिस की वजह से आंखों में दर्द, आंखों में संवेदनशीलता और आंखों में धुंधलापन नजर आने लगता है। इसके साथ-साथ कुछ लोगों की आंखे लाल भी हो जाती हैं। कुछ लोग आयराइटिस और एलर्जिक कंजंक्टिवाइटिस में कंफ्यूज हो जाते हैं। इसका कारण है इनके कुछ लक्षण समान होते हैं। जैसे कंजंक्टिवाइटिस की समस्या से ग्रसित लोगों के आंखों में भी जलन और तेज रोशनी में रहने से परेशानी होती है। ठीक ऐसे ही लक्षण आपको आयराइटिस में भी दिखते हैं। ऐसे में कुछ लोग आयराइटिस को कंजंक्टिवाइटिस समझकर इग्नोर कर देते हैं। नोएडा के आई स्पेशलिस्ट डॉक्टर अतुल सिंह का कहना है कि आयराइटिस की समस्या को नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है। अगर आप इसे लंबे समय तक इग्नोर करते हैं, तो इससे आपके आंखों की रोशनी भी जा सकती है। इसलिए समय पर आयराइटिस का इलाज कराएं। आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से-
इन कारणों से हो सकता है आयराइटिस
आंखों में आयराइटिस समस्या होने के कई कारण हो सकते हैं। आयराइटिस होने का प्रमुख कारण आंखों में संक्रमण, ट्रॉमा, ऑटो इम्यून जैसी बीमारियां होती हैं। इन बीमारियों में प्रमुख रूप से किडनी में सूजन, जुवेनाइल इडियोपैथिक गठिया (बच्चों में होने वाली गठिया की समस्या) और अर्थराइटिस शामिल हैं।
इसके अलावा यह बीमारी आपको ल्यूकेमिया और कावासाकी सिंड्रोम जैसी परिस्थितियों में भी हो सकता है। हालांकि, कुछ मामलों में इसके कारण स्पष्ट नहीं होते हैं। गठिया से ग्रसित बच्चों में आयराइटिस की समस्या हो सकती है। इस स्थिति में बच्चों के आंखों में जलन और सूजन की समस्या हो सकती है। ऐसे में बच्चों को नियमित रूप से स्क्रीनिंग की जरूरत होती है।
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आयराइटिस के लक्षण
अधिकतर मामलों में आयराइटिस के लक्षण अचानक से अनुभव होते हैं।
- कुछ घंटों या फिर कुछ दिनों में आंखों में तेजी से दर्द होना
- आंखों में हल्की संवेदनशीलता और धुंधलापन महसूस होना
- आंखें लाल दिखना
- आंखों में धब्बे या बिंदुओं जैसा अनुभव होना
- आंखों की पुतली छोटी दिखना

ये सभी लक्षण आयराइटिस के हो सकते हैं। अगर आपको इस तरह के लक्षण दिखे, तो तुरंत डॉक्टर्स से संपर्क करें।
आयराइटिस से संभावित जोखिम
समय पर इलाज कराने से आयराइटिस की परेशानियों को कम किया जा सकता है। लेकिन कुछ मामलों में आयइटिस के कारण अन्य परेशानियां होने का खतरा रहता है।
- सिंटेकिया (synechiae)
- मोतियाबिंद (Cataracts)
- बैंड केरेटोपैथी (band keratopathy)
- आंखों के बीच सूजन
- रेटिना में सूजन
- गंभीर मामलों में ऑप्टिक तंत्रिका क्षति, जिससे अंधापन होने का खतराहै
- ग्लूकोमा होने का खतरा (glaucoma)
- मैक्यूलर एडिमा (macular edema)
आयराइटिस के उपचार
डॉक्टर अतुल बताते हैं कि आयराइटिस से ग्रसित लोगों को नियमित रूप से जांच की आवश्यकता होती है। अच्छे और कुशल डॉक्टर की निगरानी में आंखों की देखभाल बहुत ही जरूरी है, अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो आपके आंखों की रोशनी जा सकती है। आयराइटिस के उपचार में लाभ के लिए और आंखों के दर्द को कम करने में मदद करने के लिए आंखों की ट्यूब या खाने वाली गोलियों के रूप में दवा का उपयोग किया जाता है।
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