
डिलीवरी के बाद शरीर को रिकवर होने पर कितना समय लगता है? एक्सपर्ट की मानें तो डिलीवरी के बाद शरीर में कई बदलाव आते हैं, बॉडी को पूरी तरह नॉर्मल होने में कई महीने लगते हैं। लगभग 1 साल में बॉडी काफी हद तक रिकवर हो पाती है इसलिए डॉक्टर बच्चों के बीच कम से कम 2 साल का अंतर रखने की सलाह देते हैं। रिकवरी के लिए आपको कई चीजों का ध्यान रखना है। आज हम ऐसे ही 7 बिंदुओं पर बात करेंगे जो आपको डिलीवरी के बाद काम आएंगे। इस बारे में जानकारी के लिए हमने लखनऊ के डफरिन अस्पताल की प्रमुख चिकित्सा अधीक्षिका डॉ सुधा वर्मा से बात की।
1. डिलीवरी के बाद वजन कैसे कम करें? (How to loose weight after delivery)
इस सवाल को लेकर महिलाएं सबसे ज्यादा परेशान होती है पर आपको अपने खानपान पर ध्यान देना वजन की चिंता न करें और भूखा रहकर वजन घटाने के बारे में बिल्कुल भी न सोचें। वजन घटाने के लिए आपको हल्की कसरत करनी है। हाथों की कसरत करनी हो तो बैठकर ही करें। आधा किलो के डंब्ल्स से बैठकर ही कसरत करें। आप रोजाना आधा घंटा वॉक कर सकती हैं। तेज दौड़ना या भारी वजन उठाने से आपको बचना है। वजन घटाने के लिए नियमित रूप से एक ही समय पर हल्की कसरत करें। नींद पूरी करें। रात भर आपको बच्चे के कारण जगना पड़ सकता है इसलिए सुबह कसरत का बोझ न लें। अपने रूटीन के मुताबिक कसरत के लिए समय निकालें।
2. डिलीवरी के बाद क्या खाना चाहिए? (Balanced diet after delivery)
डिलीवरी के बाद आपको रिकवर करने के साथ बच्चे को ब्रेस्टफीड करवाना है इसलिए आपको सही डाइट फॉलो करना जरूरी है। इसके लिए अपनी डायटीशियन से संपर्क करें। गेहूं में फॉलिक एसिड और आयरन होता है इसलिए आपको उसका सेवन करना चाहिए। आप जई, मकई, जौ का आटा भी खा सकती हैं। सारी हरी सब्जियां और फल खाने के साथ आपको प्रोटीन डाइट भी लेनी है, मछली, नट्स, बीज या बीन्स में प्रोटीन होता है। इनका सेवन करें। आपको दाल में घी डालकर खाना है जिससे कमजोरी न हो। डिलीवरी के बाद बॉडी को डिहाईड्रेशन से बचाएं, समय-समय पर पानी पीती रहें। आपको हर दिन उबला हुआ अंडा खाना है, दही और दूध से बने अन्य उत्पाद जरूर लें।
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3. डिलीवरी के बाद रिलेशन कब बना सकते हैं? (Avoid physical contact immediately after delivery)
ये सवाल भी बहुत सी मांएं और कपल्स पूछते हैं कि हम डिलीवरी के कितने समय बाद रिलेशन बना सकते हैं। आपको इस बात का ध्यान रखना है कि प्रेगनेंसी एक तरह का कॉम्प्लेक्स फिजिकल प्रोसेस है जिससे उबरने में महिला को मानसिक और शारीरिक चुनौतियों से गुजरना पड़ता है। डिलीवरी नॉर्मल हुई हो या सीजेरियन, शरीर को रिकवर करने में टाइम लगता है। इसलिए डिलीवरी के बाद रिलेशन बनाने में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। आपको इसमं 4 से 6 हफ्ते का गैप जरूर रखना चाहिए। इतने समय में ब्लीडिंग भी खत्म हो जाती है और टांके भी ठीक हो जाते हैं। डिलीवरी के बाद संक्रमण का खतरा रहता है इसलिए डॉक्टर गैप रखने की सलाह देते हैं।
4. डिलीवरी के बाद क्या नहीं खाना चाहिए? (Food to be avoided after delivery)
डिलीवरी के बाद मां बच्चे को ब्रेस्टफीड करवाती है इसलिए कुछ खाद्य पदार्थ हैं जिनसे दूरी बनानी चाहिए जैसे खट्टे फल। आपको संतरा, आम, कीवी या कोई भी फल जिनमें हल्की सी भी खट्टास हो उससे दूर रहना है क्योंकि इनको खाकर जब आप बच्चे को ब्रेस्टफीड करवाएंगी तो बच्चे की नली में इससे समस्या हो सकती है। कैफीन युक्त चीजें जैसी चाय या कॉफ को भी आपको अवॉइड करना है। एल्कोहॉल और सिगरेट तो मां को छूनी भी नहीं है इससे बॉडी में मिल्क सीक्रिशन कम हो जाता है। आपको ज्यादा मीठी चीजें या चॉकलेट से भी दूरी बनानी है। ज्यादा मिर्च-मसाले वाला खाना या तला-भुना खाना अवॉइड करें।
5. डिलीवरी के बाद इंफेक्शन से कैसे बचें? (Avoid infection after delivery)
डिलीवरी के बाद ज्यादातर महिलाओं को बैक्टेरियल इंफेक्शन हो जाता है। इसे पोस्टपार्टम इंफेक्शन भी कहते हैं। इससे बचने का आसान उपाय है साफ-सफाई पर गौर करें। डिलीवरी के बाद ब्लीडिंग होती है जिसके लिए सेनेटरी पैड का इस्तेमाल किया जाता है पर महिलाएं उसे हर दिन नहीं बदलती या देर तक यूज करती है जिससे इंफेक्शन हो जाता है। डिलीवरी के बाद शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है जिसके बाद बैक्टेरिया या वायरस आसानी से शरीर में अटैक कर देते हैं। इसलिए आपको साफ-सफाई पर ध्यान देना है नहीं तो पेट के निचले हिस्से में दर्द, बुखार, बदबूदार डिस्चार्ज आदि की समस्या भी हो सकती है।
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6. डिलीवरी के बाद नॉर्मल रूटीन वर्क कब से कर सकते हैं? (Duration od complete rest after delivery)
डिलीवरी के बाद महिलाएं अगले ही दिन से घर के कामों में लग जाती है, इससे उनकी सेहत बिगड़ सकती है। आपकी डिलीवरी नॉर्मल हुई हो या सीजेरियन आपको लंबे आराम की जरूरत होती है। इसलिए तुरंत काम के बारे में न सोचें। आपको डिलीवरी के कुछ हफ्तों तक पूरी तरह आराम करना है। जब तक टांके ठीक न हो जाएं तब तक आपको भारी काम या ज्यादा वजन उठाना अवॉइड करना चाहिए। कुछ मांएं तुरंत काम में लग जाती हैं जिसके चलते उनके टांके खुल जाते हैं। आपको इस बात का भी ध्यान रखना है कि कोई भी चीज झटके से नहीं उठानी है। इससे कमर पर जोर पड़ सकता है। आपको इस बात का भी ध्यान रखना है कि टांकों पर बिल्कुल पानी नहीं पड़ना चाहिए वरना टांके पक सकते हैं। इससे संक्रमण भी हो सकता है इसलिए ध्यान रखें।
7. डिलीवरी के बाद जोड़ों में क्यों होता है तेज दर्द? (Causes of muscle pain after delivery)
प्रेगनेंसी के चलते महिलाओं के जोड़ों और हड्डियों में कैल्शियम की कमी हो जाती है जिसके चलते बोन्स में कमजोरी आ जाती है। प्रेगनेंसी के दौरान कई फिजिकल चेंज बॉडी में होते हैं जिसका असर मांसपेशियों पर पड़ता है। ये असर डिलीवरी के बाद भी कई महीनों तक रहता है। प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं का वजन सामान्य से ज्यादा हो जाता है जिसके चलते हड्डियों पर दबाव पड़ता है और दर्द होता है। गर्भस्थ शिशु के वजन का असर भी हड्डी और मांसपेशियों पर पड़ता है जिससे दर्द उठता है। ये दर्द कुछ हफ्तों से लेकर 6 महीने तक रह सकता है।
डिलीवरी के बाद जोड़ों के दर्द के लिए क्या करें? (Treatment of muscles pain after delivery)
- 1. दर्द के लिए आप हल्की कसरत कर सकती हैं। आपको बस शरीर को एक्टिव रखने लायक कसरत करनी है, ज्यादा वजन नहीं उठाना है। हल्की कसरत से जोड़ों का दर्द कम हो जाएगा।
- 2. दर्द को कम करने के लिए आप गरम पानी से सिकाई भी कर सकती हैं। बर्फ की सिकाई से भी आराम मिलता है पर मौसम देखकर विकल्प का चुनाव करें। आपको ये ध्यान रखना है कि दर्द वाले हिस्से में गरम बैग या बर्फ सीधे न लगाएं। इसे आपको साफ कपड़े में लपेटकर ही लगाना है।
- 3. जोड़ों के दर्द मालिश से काफी आराम मिलता है। आप जोड़ों पर रोजाना मालिश करवाएं। अगर मौसम ठंडा है तो तेल को धूप में रख दें और जब वो गरम हो जाए तो गरम तेल से जोड़ों पर मालिश करें काफी आराम मिलेगा।
- 4. डिलीवरी के बाद जोड़ों के दर्द छुटकारा चाहिए तो एक्यूपंक्चर की मदद भी ले सकती है। आप घर में वीडियो से सीखकर या किसी एक्सपर्ट के पास जाकर दर्द से छुटकारा पा सकती हैं। इस तकनीक में आपके बॉडी के विशेष बिंदुओं को दबाया जाता है जिससे दर्द में आराम मिलता है।
डिलवरी के बाद नई मां अपनी जिम्मेदारियों में अपना ख्याल रखना भूल जाती है जबकि सबसे ज्यादा ध्यान देने की जरूरत खुद पर है इसलिए स्ट्रेस न लेते हुए डिलीवरी के बाद आराम करें।
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