
जल्द ही मां बनने जा रही हैं तो आपको अस्पताल में भर्ती होने से पहले कोविड के नियम जान लेने चाहिये ताकि बाद में परेशानी न हो।
अगर आप प्रेगनेंट हैं और आपकी डिलीवरी की तारीख नजदीक है तो आपको अस्पतालों में चल रहे नये नियमों की जानकारी लेनी चाहिये। कोविड के बाद प्रेगनेंट महिलाओं के लिये कई नियम लागू किये गये हैं। जो जल्द ही मां बनने जा रही हैं वो शायद इन नियमों से अंजान होंगी। सरकारी, गैर सरकारी और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर ये नियम फॉलो किये जा रहे हैं तो बेहतर है आप अस्पताल में भर्ती होने से पहले इनकी जानकारी रखें। डिलीवरी के लिये प्रेगनेंट महिलाओं से जुड़े नियम जानने के लिये हमने बात की लखनऊ में केजीएमयू के गाइनी डिपार्टमेंट क्वीनमेरी की हेड और गाइनोकॉलोजिस्ट डॉ उमा सिंह से और समझा कि कोविड के कौनसे नियम अस्पताल में फॉलो किये जा रहे हैं।
1. कोरोना टेस्ट के बिना भर्ती नहीं (COVID test is compulsory)
अस्पतालों में नये नियम के मुताबिक आपको भर्ती होने से पहले कोरोना की जांच करवानी होगी इसलिये अगर आपकी डेट नज़दीक है तो भर्ती होने से एक दिन पहले कोरोना जांच करवा लें। इमरजैंसी आने पर जांच में समय लगता है इसलिये बेहतर है आपके पास पहले से ही जांच रिर्पेाट मौजूद हो। इसके साथ ही गंभीर केसों में प्रेगनेंट महिलाओं को एक से दूसरे अस्पताल रेफर किया जाता है पर उसके लिये भी आपके पास कोविड जांच की रिर्पोट होनी चाहिये। अगर आपका तापमान सामान्य से ज्यादा निकलता है तो आपको कोविड कक्ष में भर्ती कर डिलीवरी की जायेगी।
इसे भी पढ़ें- सरकार ने लगाई पोलियो टीकाकरण पर रोक और स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताई वैक्सीन की सटीक कीमत
2. केवल एक अटेंडेंट (Only 1 attendent is allowed)
अभी तक अस्पतालों में मरीज के साथ रिश्तेदारों की एंट्री पर कोई पाबंदी नहीं थी पर संक्रमण को देखते हुए अब महिला वॉर्ड में भी केवल एक अटेंडेंट को लाने की इजाजत मिल सकेगी। अगर आप किसी दूर वाले इलाके से डिलवरी करवाने अस्पताल आ रही हैं तो आपको इस बात का ध्यान रखना होगा। इसके साथ ही हो सकता है कि रात में किसी को साथ रूकने की इजाजत न मिले। कई सरकारी अस्पतालों में रात के समय रिश्तेदारों को रुकने से माना किया गया है क्योंकि रात के समय स्टॉफ कम होता है। इसलिये अस्पताल आने से पहले पूरी तैयारी कर लें। इसके साथ ही अटेंडेंट का भी कोविड टेस्ट करवाया जा रहा है। केवल कोरोना नेगेटिव वालों को ही मरीज के पास जाने की इजाजत होगी।
3. नियोनेटल केयर में बच्चे से मिल नहीं सकते (Entry in neo-natal ward is banned)
नये नियम के तहत जिन माता-पिता के बच्चे किसी बीमारी के चलते नियोनेटल केयर यूनिट में भर्ती हैं उन्हें बार-बार मिलने की इजाजत नहीं दी जायेगी। अगर बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग करवानी है तो भी डॉक्टर की सलाह लिये बिना आप बच्चे से नहीं मिल पायेंगे। हालांकि ये नियम सरकारी अस्पताल और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में ही लागू किया गया है।
4. मास्क और साफ-सफाई पर कड़े नियम (Mask in mandatory)
अस्पताल में मां और बच्चे को संक्रमण का खतरा सबसे ज्यादा रहता है ऐसे में आपको साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखना है। बिना मास्क लगाये आप अस्पताल के वॉर्ड में नहीं रह पायेंगी इसलिये अपने साथ एकस्ट्रा मास्क लेकर ही अस्पताल जायें।
इसे भी पढ़ें- फेस मास्क को लेकर भारतीय वैज्ञानिकों का दावा- '3 मिनट में कोरोना वायरस को खत्म करेगा ये मास्क'
5. एक सप्ताह के अंदर मिलेगा डिस्चार्ज (Early discharge)
पहले डिलीवरी के बाद मां और बच्चे को 7 से 10 दिन अस्पताल में रखा जाता था पर कोविड को देखते हुए अब जल्दी छुट्टी की जा रही है। ये नियम जानने के बाद आपको घर में इंफेक्शन से बचने के सारे इंतजाम करने हैं क्योंकि उस समय मां और बच्चे की इम्यूनिटी इतनी अच्छी नहीं होती और वो जल्दी बीमारी की चपेट में आ जाते हैं इसलिये इस बात का ध्यान रखें कि आप भर्ती होने से पहले घर में सारे इंतजाम करके जायें। जो सिंगल मदर्स हैं या अकेले रहती हैं उन्हें इस पर गौर करने की ज्यादा जरूरत है।
कोविड के समय आप सेफ रहें और सभी नियमों का पालन करें ताकि आपका होने वाला बच्चा हेल्दी रहे और कोरोना का असर आपके परिवार पर न पड़े।
Read more on Women Health Tips in Hindi
इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है हालांकि इसकी नैतिक जि़म्मेदारी ओन्लीमायहेल्थ डॉट कॉम की नहीं है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें। हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है।