थायराइड एक ऐसी बीमारी है, जिसके मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इस रोग को कंट्रोल करने के लिए बहुत पुराने समय से ही कुछ खास नैचुरल तरीकों को आजमाया जाता रहा है। कलौंजी को थायराइड के साथ ही दूसरी स्वास्थ्य समस्याओं के लिए भी बेहद फायदेमंद माना जाता है। कलौंजी के बीज थायराइड हार्मोन असंतुलन से पीड़ित लोगों को फायदा पहुंचाते हैं। इसके साथ ही काले जीरे का पाउडर भी थायराइड में लाभकारी साबित होता है। थायराइड उत्तेजक हार्मोन में असंतुलन (Imbalance in thyroid stimulating hormone) होने पर कलौंजी के बीज और पाउडर के सेवन करने से टीएसएच (Thyroid stimulating hormone) लेवल में सुधार होता है। कलौंजी से बीजों को घर पर पीसकर भी पाउडर बनाया जा सकता है। इस पाउडर को थायराइड हार्मोन की दवाइयां लेने के 1-2 घंटे बाद या सुबह खाली पेट 1/2 चम्मच पानी के साथ ले सकते हैं। वैसे इसे खाली पेट सेवन करने की सलाह दी जाती है।
कलौंजी पाउडर (Kalonji powder is beneficial for thyroid )
थायराइड में कलौंजी के पाउडर का सेवन करना काफी लाभकारी होता है। इसके सेवन से वजन में कमी, टीएसएच हार्मोन में संतुलन, टीपीओ एंटीबॉडी में सुधार, सूजन और कोलेस्ट्रॉल को कम किया जा सकता है। लेकिन इसका सेवन ज्यादा करने से भी बचें। आप दिन में 2 ग्राम से ज्यादा कलौंजी पाउडर का सेवन न करें, क्योंकि इसके अधिक सेवन से हाइपरथायरॉइड (Hyperthyroid) और दूसरे साइड इफेक्ट भी नजर आ सकते हैं।
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आयोडीन है जरूरी (Importance of iodine in thyroid)
आयोडीन थायराइड ग्रंथि में जमा हो जाता है और थायराइड के निदान के लिए आयोडीन का सेवन करना जरूरी होता है। आयोडीन प्राप्त करने के लिए आयोडीन युक्त टेबल सॉल्ट लेने की सलाह कभी नहीं दी जाती है, आयोडीन की कमी को पूरा करने के लिए आप केला, दही, पनीर, समुद्री भोजन, समुद्री शैवाल या समुद्री सब्जियां अपनी डाइट में ले सकते हैं। रोजाना 2 बड़े चम्मच डल फ्लेक्स (Dulse flakes), 1 बड़ा चम्मच समुद्री शैवाल सलाद (seaweed salad) और 2 नोरी शीट (Nori sheets) लेने से आयोडीन की कमी को पूरा किया जा सकता है। वयस्कों को प्रति दिन 150 माइक्रोग्राम और गर्भवती महिलाओं को प्रति दिन 220 माइक्रोग्राम आयोडीन की खुराक लेनी चाहिए।
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ऑर्गेनिक ऑयल भी है फायदेमंद (Pure organic oils is beneficial for thyroid )
थायराइड हार्मोन को संतुलित करने में ऑर्गेनिक ऑयल भी फायदेमंद होता है। इसके लिए आप तिल का तेल, मूंगफली का तेल, सरसों का तेल और घी का सेवन कर सकते हैं। लेकिन आपको रिफाइंड वेजिटेबल ऑयल लेने से बचना चाहिए, क्योंकि यह थायराइड के साथ ही स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा नहीं माना जाता है। इसके साथ ही आपको यह भी ध्यान रखना है कि आपने तेल किसमें स्टोर करके रखा हुआ है, क्योंकि इसका भी स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है। इसलिए आपको हमेशा ग्लास कंटेनर (Glass container), सिरेमिक जार (Ceramic jars) में ही तेल स्टोर करके रखना चाहिए। प्लास्टिक की बोतलों (Plastic bottles) मे तेल रखने से बचें। प्रोसेस्ड ऑयल का इस्तेमाल थायराइड ग्रंथि द्वारा थायरोक्सिन (Thyroxine) के उत्पादन को रोकता है। T4 को T3 में बदलने के लिए हेल्दी फैट लेना भी बहुत जरूरी है, लेकिन इस फैट को एनर्जी की तरह तब तक इस्तेमाल नहीं किया जा सकता, जब तक T4 और T3 में संतुलन न हो। यानि इन दोनों को बैलेंस में रखना जरूरी होता है।
क्या सोया प्रोडक्ट लिया जा सकता है? (Can soy products be taken in thyroid)
एक हफ्ते में एक या दो बार सोया और सोया प्रोडक्ट लेने से थायराइड फंक्शनिंग पर इसका असर नहीं पड़ता है। क्योंकि अगर ऐसा होता तो आज पूरे एशियाई देश ही थायराइड के असंतुलन से पीड़ित हो सकते थे। रिसर्च बताते हैं कि कोई भी भोजन थायराइड ग्रंथि में आयोडीन का अवशोषण कर सकता है।
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क्रूसीफर्स वेजिटेबल (Cruciferous vegetables)
थायराइड में गोभी, फूलगोभी और मूली खाना फायदेमंद होता है। लेकिन इनका सेवन करने के लिए इन्हें अच्छी तरह से पकाना जरूरी होता है। थायराइड होने पर मूली को सलाद के रूप में बिल्कुल नहीं खाना चाहिए, क्योंकि हाई सल्फर थायराइड ग्रंथि को नुकसान पहुंचा सकता है। आप अगर इनका सेवन अच्छे से पकाकर या भाप देकर करते हैं, तो इससे थायराइड संतुलन में रहता है। थायराइड अंसुलित होने पर भी इन्हें लिया जा सकता है।
ऊपर दिए गए सभी फूड्स के अलावा आप थायरॉयड को कंट्रोल में रखने के लिए सेलेनियम रिच फूड्स (Selenium rich food) को भी अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। सूरजमुखी के बीज, कद्दू के बीज और बादाम में भरपूर मात्रा में सेलेनियम पाया जाता है। इसके साथ ही आपको योगा और एक्सरसाइज को भी अपनी दिनचर्या में शामिल करना चाहिए।
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