बिना प्रेग्नेंट हुए भी दिख सकते हैं प्रेग्नेंसी के लक्षण, डॉक्टर से जानें 'फॉल्स प्रेग्नेंसी' के बारे में

फॉल्स प्रेग्नेंसी यानी स्यूडोसाइसिस एक ऐसी स्थिति होती है, जिसमें महिलाओं में प्रेग्नेंसी के लक्षण नजर आते हैं, लेकिन वे प्रेग्नेंट नहीं होतीं।...
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बिना प्रेग्नेंट हुए भी दिख सकते हैं प्रेग्नेंसी के लक्षण, डॉक्टर से जानें 'फॉल्स प्रेग्नेंसी' के बारे में


फॉल्स प्रेग्नेंसी क्या होती है? क्या आपने कभी फॉल्स प्रेग्नेंसी के बारे में सुना है? फॉल्स प्रेग्नेंसी को फैंटम प्रेग्नेंसी (Phantom pregnancy) भी कहा जाता है। यह एक असामान्य स्थिति है, जिसमें महिला को लगता है कि वह गर्भवती है, लेकिन असल में उसके गर्भ में कोई बच्चा नहीं होता है। लेकिन उसमें प्रेग्नेंसी के कुछ ऐसे लक्षण नजर आते हैं, जिससे वह खुद को प्रेग्नेंट समझने लगती है। ऐसी स्थिति में डॉक्टर के पास जाना जरूरी होता है। फोर्टिस अस्पताल, नोएडा की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर आराधना सिंह से जानिए फॉल्स प्रेग्नेंसी के लक्षण, कारण और इलाज के बारे में-

फॉल्स प्रेग्नेंसी क्या है? (What is false pregnancy) 

फाल्स प्रेग्नेंसी एक साइकोसोमैटिक बीमारी (Psychosomatic disease) है, जिसमें महिलाओं को ऐसा लगता है कि वे गर्भवती हो गई हैं। जबकि असल में ऐसा नहीं होता है, वे प्रेग्नेंट नहीं होती हैं। मेडिकल भाषा में इसे  स्यूडोसाइसिस (Pseudocyesis) कहते हैं। यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें महिला को ये महसूस होने लगता है कि वे प्रेग्नेंट है। इसमें उन्हें प्रेग्नेंसी के शुरुआती लक्षण जैसे- थकान, उल्टी आना और पेट में गैस बनना भी दिखाई देते हैं। दूसरे लोग भी उन्हें देखकर गर्भवती समझने लगते हैं। महिला समेत सभी लोगों को लगता है, वह गर्भवती हो गई है, लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं होता है। इसी स्थिति को फॉल्स प्रेग्नेंसी (False pregnancy) यानी स्यूडोसाइसिस (Pseudocyesis) कहते हैं। इसमें आप प्रेग्नेंट नहीं होती हैं, सिर्फ आप में प्रेग्नेंसी के लक्षण नजर आते हैं।

क्या यह एक कॉमन समस्या है? (Is this a common problem)

फॉल्स प्रेग्नेंसी एक कॉमन समस्या बिल्कुल भी नहीं है। ऐसा कुछ ही महिलाओं को महसूस होता है कि वे प्रेग्नेंट हैं, लेकिन असल में प्रेग्नेंट नहीं होती हैं। यह एक रेयर समस्या है, जो अफ्रीका में 344 प्रेग्नेंट महिलाओं में से एक ही महिला में पाई जाती है। यह समस्या विकसित देशों की तुलना में विकासशील देशों में ज्यादा देखने को मिलती हैं।

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फॉल्स प्रेग्नेंसी के लक्षण (Symptoms of false pregnancy)

फॉल्स प्रेग्नेंसी में भी कुछ ऐसे लक्षण नजर आते हैं, जिससे महिला को लगता है कि वह प्रेग्नेंट है। क्योंकि ये लक्षण असली प्रेग्नेंसी के लक्षणों से मिलते-जुलते होते हैं, लेकिन इसमें आपके गर्भ में बच्चा नहीं होता है। फॉल्स प्रेग्नेंसी में दिखने वाले कुछ आम लक्षण इस तरह है:- 

- फॉल्स प्रेग्नेंसी में पेट फूलना और वजन बढ़ना एक आम लक्षण है। इसमें पेट में गैस और फैट जमा होता है।

- इसमें महिलाओं के स्तन भी बड़े होने लगते हैं।

- उल्टी आना, जी मचलाना और चक्कर आने जैसे लक्षण भी फॉल्स प्रेग्नेंसी में देखे जाते हैं।

- पेट में बच्चे के घूमने का भी दिमाग में एहसास होता है। इस दौरान महिलाओं में एस्ट्रोजन और प्रोलैक्टिन हॉर्मोन बढ़ने लगता है, जिससे प्रेग्नेंसी के लक्षण ज्यादा दिखने लगते हैं।

- इस दौरान अनियमित मासिक धर्म का लक्षण भी देखने को मिलता है।

फॉल्स प्रेग्नेंसी के अन्य लक्षण (Other symptoms of false pregnancy)

- पेट में गैस बनना

- पेशाब ज्यादा लगना

- सिरदर्द

- लेबर पेन

- भूख लगना

फॉल्स प्रेग्नेंसी के कारण (Causes of false pregnancy)

फाल्स प्रेग्नेंसी का एक प्रमुख कारण मानसिक दबाव है। इसमें महिला सोचने लगती है कि वह गर्भवती है। इसके अलावा जब महिला में मां बनने की बहुत तीव्र इच्छा होती है या फिर उसके बार-बार गर्भपात हो जाते हैं, तो उसके शरीर में प्रेग्नेंसी जैसे लक्षण पैदा होने लगते हैं। ये सभी फॉल्स प्रेग्नेंसी के कारण बनते हैं। गरीबी, निरक्षरता (illiteracy), बचपन में यौन शोषण, पति-पत्नी के बीच कटु संबंध भी फॉल्स प्रेग्नेंसी का कारण होता है। अफ्रीकन देशों और विकासशील देशों में यह फॉल्स प्रेग्नेंसी के मामले ज्यादा देखने को मिलते हैं। 

कैसे की जाती है फॉल्स प्रेग्नेंसी की जांच (How to check the false pregnancy)

फॉल्स प्रेग्नेंसी की जांच भी ठीक उसी तरह से होती है, जैसे नॉर्मल प्रेग्नेंसी की जांच की जाती है। इसके लिए पहले यूरिन (Urine), खून (Blood) से प्रेग्नेंसी की जांच की जाती है। इसके बाद भी अगर महिला को लगता है कि वह प्रेग्नेंट है, तो इसके लिए अल्ट्रासाउंड (Ultrasound) किया जाता है। अल्ट्रासाउंड से आसानी से पता चल जाता है कि महिला प्रेग्नेंट है या नहीं। फॉल्स प्रेग्नेंसी में बच्चेदानी (Uterus) के अंदर कोई प्रेग्नेंसी नहीं दिखती है।

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क्या है इसका इलाज  (Treatment of false pregnancy)

डॉक्टर आराधना सिंह बताती हैं कि जब महिलाएं अपनी प्रेग्नेंसी की जांच करवाने आती हैं, तो बहुत खुश होती हैं। ऐसे में अगर उन्हें फॉल्स प्रेग्नेंसी निकलती हैं, तो यह बताना बहुत मुश्किल और दुख की बात होती है। उन्हें अल्ट्रासाउंड की मदद से समझाया जाता है कि वे प्रेग्नेंट नहीं है। इसके इलाज के लिए दवाओं की जरूरत नहीं होती है। इसमें सिर्फ महिला को समझाया जाता है कि वह गर्भवती नहीं है, उसमें सिर्फ गर्भवती के लक्षण नजर आ रहे हैं। इसके लिए कभी-कभी मानसिक रोग विशेषज्ञ की भी मदद लेनी पड़ती है। मानसिक रोग के डॉक्टर उनकी निराशा और मानसिक दुःख को दूर करने में मदद कर पाते हैं।

फाल्स प्रेग्नन्सी न हो इसके लिए क्या करना चाहिए ? (What should be done to prevent false pregnancy)

फाल्स प्रेग्नेंसी न हो इसके लिए जैसे ही आपको प्रेग्नेंसी के लक्षण दिखाई दे तो आप स्त्री रोग विशेषज्ञ से संपर्क जरूर करें। डॉक्टर आपकी यूरिन और खून की जांच से पता लगाएंगे कि आप सच में प्रेग्नेंट है या नहीं। इसके लिए अल्ट्रासाउंड की मदद भी ली जा सकती है। 

अगर आप में भी ये लक्षण दिखाई दे, तो आप स्त्री रोग विशेषज्ञ से जरूर मिलें। वे आपको आपकी प्रेग्नेंसी को लेकर सही जानकारी देंगे।

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