हमारे शरीर में खून की कमी से होनी वाली एक गंभीर बीमारी का नाम अप्लास्टिक एनीमिया है। इस बीमारी में शरीर में नई रक्त कोशिकाएं बननी बंद हो जाती हैं, विशेषज्ञों के मुताबिक यह बीमारी किसी भी उम्र में हो सकती है। अप्लास्टिक एनीमिया की स्थिति में अगर लाल और सफ़ेद रक्त कोशिकाओं और प्लेटलेट्स का बनना बंद हो जाए तो यह स्थिति बेहद गंभीर मानी जाती है। इस बीमारी से शरीर में खून की कमी हो जाती है जिसकी वजह से रोगियों की मौत भी हो सकती है। हमारी हड्डियों में मौजूद बोन मैरो के अंदर स्टेम सेल को नुकसान पहुंचने की वजह से रक्त कोशिकाओं और प्लेटलेट्स का बनना कम हो जाता है जिसकी वजह से अप्लास्टिक एनीमिया जैसी स्थिति उत्पन्न होती है। आइये जानते हैं बीमारी के लक्षण, कारण और उपचार के बारे में।
अप्लास्टिक एनीमिया के प्रकार (Types of Aplastic Anemia)
शरीर में खून की कमी से जुड़ी यह बीमारी किसी भी उम्र में हो सकती है। अप्लास्टिक एनीमिया के ज्यादातर मामले 20 की उम्र वाले लोगों या फिर बुजुर्गों में देखे गए हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक अप्लास्टिक एनीमिया दो प्रकार की होती है
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1. एक्वायर्ड अप्लास्टिक एनीमिया (Acquired Aplastic Anemia)
एक्वायर्ड अप्लास्टिक एनीमिया के सबसे ज्यादा मामले अधिक उम्र वाले लोगों में पाए जाते हैं। शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली के कमजोर होने की वजह से यह स्थिति पैदा होती है। एक्वायर्ड अप्लास्टिक एनीमिया के मुख्य कारण इस प्रकार से हैं
- एचआईवी वायरस का संक्रमण
- दवाओं का अधिक सेवन
- कीमोथेरेपी की वजह से
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2. इन्हेरिटेड अप्लास्टिक एनीमिया (Inherited Aplastic Anemia)
इन्हेरिटेड अप्लास्टिक एनीमिया मुख्यतः जीन संबंधी दिक्कतों की वजह से होता है। यह बीमारी सबसे ज्यादा 20 से 30 साल के लोगों में पाई जाती है, इसकी वजह से ल्यूकोमिया और कैंसर जैसी बीमारियों के होने का ख़तरा बढ़ जाता है।
अप्लास्टिक एनीमिया के कारण (What Causes Aplastic Anemia)
अप्लास्टिक एनीमिया की बीमारी हड्डियों में मौजूद बोन मैरो के अंदर पाई जाने वाली स्टेम सेल को नुकसान पहुंचने की वजह से होती है। बोन मैरो,में मौजूद स्टेम सेल रक्त कोशिकाओं का निर्माण करती हैं, इनके क्षतिग्रस्त होने पर शरीर में लाल और सफ़ेद रक्त कोशिका व प्लेटलेट्स का निर्माण नही हो पाता। अप्लास्टिक एनीमिया बीमारी होने के प्रमुख कारण इस प्रकार से हैं
- कीमोथेरेपी।
- कुछ खास दवाओं का अधिक उपयोग
- ऑटोइम्यून संबंधी समस्या
- वायरल इन्फेक्शन
- प्रेगनेंसी
- बेंजीन जैसे रसायनों की वजह से
- नॉनवायरल हेपेटाइटिस
अप्लास्टिक एनीमिया के लक्षण ( Aplastic Anemia Symptoms)
हमारे शरीर में अलग - अलग रक्त कोशिकाओं का अपना अलग रोल होता है। शरीर में लाल रक्त कोशिकाएं ऑक्सीजन को शरीर के हर अंगों तक पहुंचाने का काम करती हैं तो वहीं सफ़ेद रक्त कोशिका का काम संक्रमण से लड़ने का होता है। इसके अलावा प्लेटलेट्स हमारे शरीर में खून के स्राव को रोकने में भूमिका अदा करते हैं। अप्लास्टिक एनीमिया की स्थिति में इनमें से कोई भी रक्त कोशिका की कमी हमारे शरीर में हो सकती है और ऐसी स्थिति में इनके लक्षण भी अलग -अलग होते हैं। आमतौर पर अप्लास्टिक एनीमिया के प्रमुख लक्षण कुछ इस प्रकार हैं
- सांस संबंधी समस्या
- थकान
- धड़कन का अचानक बढ़ जाना
- त्वचा का पीला पड़ना
- लंबे समय तक इन्फेक्शन का रहना
- नाक और मसूड़ों से खून आना
- किसी भी चोट की जगह पर लंबे समय तक खून का बहना
- शरीर पर लाल रंग के चकत्तों का पड़ना
- सिर चकराना
- सरदर्द
- बुखार
- छाती में दर्द
अप्लास्टिक एनीमिया का निदान (Aplastic Anemia Treatment)
अप्लास्टिक एनीमिया की बीमारी के लक्षण दिखने पर चिकित्सक इसकी पहचान के लिए कई तरह के टेस्ट करते हैं। अगर यह बीमारी किसी को गंभीर रूप से है तो उसका इलाज बोन मैरो या स्टेम सेल ट्रांसप्लांट के जरिए होता है। बीमारी की स्थिति गंभीर नही होने पर चिकित्सक दवाइयों के सहारे इसका इलाज करते हैं। शरीर को इन्फेक्शन से बचाने के लिए एंटीबायोटिक्स और एंटी-फंगल दवाएं भी दी जाती हैं। अप्लास्टिक एनीमिया का पता लगाने के लिए खून की जांच और बोन मैरो टेस्ट किया जाता है।
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