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एक बार में ज्यादा खाने से बेहतर है थोड़ा-थोड़ा कई बार खाना, एक्सपर्ट से जानें इसके फायदे

Benefits Of Eating Small And Frequent Meals In Hindi: स्मॉल और फ्रीक्वेंट मील लेने से वजन नियंत्रण में रहता है और मेटाबॉलिज्म में सुधार होता है।
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एक बार में ज्यादा खाने से बेहतर है थोड़ा-थोड़ा कई बार खाना, एक्सपर्ट से जानें इसके फायदे


Benefits Of Eating Small And Frequent Meals In Hindi: हमारे यहां ज्यादातर घरों में तीन हैवी मील खाने का कल्चर है। लेकिन, तेजी से स्मॉल और फ्रीक्वेंट मील का ट्रेंड भी बढ़ रहा है। इसका मतलब है कि एक बार में हैवी मील लेने के बजाय दिन में कई बार खाएं और बार-बार खाएं। इसका स्वास्थ्य पर बहुत अच्छा असर पड़ता है। इस तरह की डाइट प्लान फॉलो करने से कई तरह की बीमारियों से रिकवरी में भी मदद मिलती है। अच्छी बात ये है कि कई विशेषज्ञ भी स्मॉल और फ्रीक्वेंट मील (Bar Bar Khana Khane Ke Fayde) को ज्यादा महत्व देते हैं। सवाल है, ऐसा क्यों है? वास्तव में एक दिन कम-कम और बार-बार खाने से सेहत को कई तरह के लाभ मिलते हैं। इस बारे में हमने डाइट एन क्योर की डाइटिशियन और न्यूट्रिशनिस्ट दिव्या गांधी से बात की।

कम-कम और बार-बार खाने के फायदे- Benefits Of Eating Small And Frequent Meals In Hindi

Benefits Of Eating Small And Frequent Meals In Hindi

वजन को नियंत्रण रखने में मददगार

अगर आप स्मॉल और फ्रीक्वेंट मील खाते हैं, तो इससे सेहत को कई तरह के फायदे होते हैं। इसमें से एक है, वजन को कंट्रोल करना। दरअसल, जब आप कम-कम खाते हैं, तो इससे आप ओवर ईटिंग से बच जाते हैं। इस तरह, आप अनहेल्दी स्नैकिंग नहीं करते। नतीजनत, बॉडी में अनहेल्दी फैट जमा नहीं होता है और मोटापे जैसी समस्या में कमी आती है।

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एनर्जी हाई रहती है

जब आप दिन में तीन बार हैवी मील लेते हैं, तो दो मील टाइम के बीच काफी गैप आ जाता है। ऐसे में अगली मील लेने तक व्यक्ति की भूख बढ़ जाती है और एनर्जी लो हो जाती है। वहीं, अगर व्यक्ति स्मॉल और फ्रीक्वेंट मील खाता है, तो हर समय पेट भरे का अहसास होता है, जिससे एनर्जी का स्तर मैनेज रहता है। हालांकि, जरूरी ये भी आप स्मॉल और फ्रीक्वेंट मील में क्या खा रहे हैं, इस पर नजर रखें। चाहे आप कम खाएं, लेकिन हेल्दी चीजों को ही प्राथमिकता दें।

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मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है

Benefits Of Eating Small And Frequent Meals In Hindi

स्मॉल और फ्रीक्वेंट मील लेने से व्यक्ति का न सिर्फ वजन कम होता है, बल्कि इसकी मदद से मेटाबॉलिज्म भी बूस्ट होता है। असल बात ये है कि जब आप लंबे समय तक बिना खाए रहते हैं, तो इसका आपके मेटाबालिज्म पर बुरा असर पड़ता है। जबकि, इसके उलट अगर आप नियमित रूप से स्मॉल मील लेंगे, तो आपको लंबे समय तक भूख नहीं लगेगी और मेटाबालिज्म बूस्ट हो सकेगा

पाचन क्षमता में सुधार

कम-कम और बार-बार खाने से पेट के स्वास्थ्य में भी सुधार आता है। असल में, जब आप कम और बार-बार खाते हैं। इससे आपके पाचन क्षमता पर अतिरिक्त दबाव नहीं पड़ता है। ऐसे में आप जो भी खाते हैं, आसानी से हजम हो जाता है। सामान्यतः जो लोग स्मॉल और फ्रीक्वेंट मील लेते हैं, वे लोग हेल्दी चीजें, जैसे स्प्राउट्स आदि को ज्यादा इंपॉर्टेंस देते हैं। इस तरह की चीजों की मदद से बाउल मूवमेंट में सुधार देखने को मिलता है।

All Image Credit: Freepik

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