Can Skipping Meals Cause Diabetes In Hindi: मौजूदा समय की दौड़-भाग से हर कोई परेशान है। हद तो यह है कि ज्यादातर बड़े शहरों में पति-पत्नी दोनों वर्किंग हैं। इस स्थिति में दोनों के पास ही खाना बनाना का समय नहीं होता है। अफरा-तफरीह में अक्सर लोग बाहर का बना-बनाया खाना खरीदकर खाते हैं। कभी-कभी समय के अभाव के चलते लोग एक समय के मील भी स्किप कर देते हैं। कुछ लोग मील स्किप करने को पॉजिटिव तरीके से लेते हैं। उन्हें लगता है कि मील स्किप करने से वजन कम होता है। जबकि, एक्सपर्ट्स स्पष्ट तौर पर कहते हैं कि लंबे समय तक मील स्किप करने का स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। इसकी वजह से वजन कम होने के बजाय, बढ़ सकता है। कुछ लोगों का यह भी मानना है कि नियमित रूप से लंबे समय तक मील स्किप करने से ब्लड शुगर के स्तर पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। तो क्या मील स्किप करने से लोगों को डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है? आइए, जानते हैं फरीदाबाद स्थित मारेंगो एशिया हॉस्पिटल में डायरेक्टर-न्यूरोलॉजी डॉ. कुणाल बहरानी का क्या कहना है।
क्या मील स्किप करने से डायबिटीज का खतरा बढ़ सकता है?- Does Skipping Meals Cause Diabetes In Hindi
मील स्किप करना कभी भी हमारे हेल्थ के लिए सही नहीं है। इसका आपके ब्लड शुगर के स्तर पर भी नेगेटिव असर पड़ता है। विशेषज्ञों का यह भी कहते हैं कि मील स्किप करने से डायबिटीज का रिस्क बढ़ जाता है? सवाल है, ऐसा कैसे होता है? जानते हैं, विस्तार से-
ब्लड शुगर के स्तर में उतार-चढ़ाव
जब कोई व्यक्ति मील स्किप करता है, तो इसका बॉडी पर नेगेटिव असर पड़ता है। असल में, मील स्किप करने से बॉडी स्टोर्ड एनर्जी को ग्लूकोज के रूप में इस्तेमाल करता है। नतीजतन, शरीर में ब्लड शुगर का स्तर अचानक बढ़ या घट सकता है। अगर लंबे समय तक यह स्थिति बनी रहती है, तो इंसुलिन पर भी प्रभाव पड़ने लगता है। जाहिर है, ऐसे में डायबिटीज होने का रिस्क बढ़ जाता है।
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वजन बढ़ना
अक्सर लोगां को यह गलतफहमी होती है कि नियमित रूप से मील स्किप करने से वजन घटता है। लेकिन, एक्सपर्ट का मानना है कि हमेशा ऐसा हो, यह जरूरी नहीं है। कई बार मील स्किप करने की वजह से इसका उल्टा रिएक्शन हो सकता है और बॉडी वेट बढ़ सकता है। ध्यान रखें कि मोटे लोगों में टाइप 2 डायबिटीज का जोखिम बना रहता है।
हार्मोन में उतार-चढ़ाव
मील स्किप करने से शरीर में एनर्जी की कमी हो जाती है, सेहत पर बुरा असर पड़ता है। ऐसे में हार्मोनल इंबैलेंस भी देखने को मिलते हैं। खासकर, जो लोग लंबे समय तक मील स्किप करते हैं, उनकी बॉडी में कोर्टिसोल हार्मोन का स्तर बढ़ने लगता है। यह हार्मोन तनाव बढ़ाने के लिए जाना जाता है। बढ़ता स्ट्रेस हार्मोन ब्लड शुगर के स्तर को प्रभावित कर सकता है, जिससे डायबिटीज होने का जोखिम बना रहता है।
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डायबिटीज के जोखिम को कैसे कम करें
डायबिटीज के जोखिम को कम करने के लिए यहां दिए गए टिप्स अपनाएं-
- मील स्किप न करें। नियमित अनुसार बैलेंस्ड डाइट लें। इससे ब्लड शुगर का स्तर संतुलित रहता है।
- हमेशा फिजिकली एक्टिव रहें। एक्सरसाइज और वर्कआउट करना फायदेमंद होता है।
- प्रोसेस्ड फूड और शुगर ड्रिंक पीने से बचें। इस तरह की चीजों का सेवन अधिक मात्रा में करने से डायबिटीज का रिस्क बढ़ता है।
- अपनी डाइट में फाइबर को ज्यादा मात्रा में शामिल करें। यह ब्लड में शुगर को एब्जॉर्पशन प्रक्रिया को धीमा कर देता है।