आज की तेज जिंदगी में चिंता और तनाव आम मानसिक समस्याएं बनती जा रही हैं। निजी और प्रोफेशनल लाइफ की बढ़ती चुनौतियों, समाजिक दबाव और भविष्य के लिए ज्यादा सोचना लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल रहा है। काम का बोझ, रिश्तों में उलझनें, आर्थिक समस्याएं और सोशल मीडिया की लगातार बदलती दुनिया से तालमेल बैठाने की कोशिश में लोग इतने बिजी हो चुके हैं कि खुद का ख्याल भी नहीं रखते। कई बार लोग अपनी रोजमर्रा की आदतों और व्यवहारों के कारण अनजाने में चिंता बढ़ा लेते हैं। चिंता का कारण बनने वाली आदतें हमारे व्यवहार में इतनी सामान्य हो जाती हैं कि हम उन्हें पहचान भी नहीं पाते। इस लेख में मनोवैज्ञानिक डॉ. ललिता सुगलानी से जानेंगे उन 9 आदतों के बारे में, जो आपकी चिंता का कारण बन सकती हैं और आप इससे कैसे बच सकते हैं।
1. परफेक्शनिज्म - Perfectionism
परफेक्शनिज्म एक ऐसी आदत है जिसमें व्यक्ति हर चीज को परफेक्ट बनाने की कोशिश करता है। यह आदत लगातार तनाव और चिंता को बढ़ा सकती है। ऐसा इसलिए, क्योंकि किसी भी चीज को पूरी तरह परफेक्ट कर पाना असंभव है। जब व्यक्ति किसी काम में छोटी-छोटी गलतियों को लेकर चिंतित रहता है, तो यह चिंता का कारण बन सकता है।
कैसे बचें: अपनी गलतियों को स्वीकारें और उन्हें सीखने के मौके के रूप में देखें और छोटी सफलताओं को सेलिब्रेट करें।
2. टालमटोल - Procrastination
टालमटोल भी एक प्रमुख कारण है जिससे चिंता बढ़ सकती है। जब हम किसी काम को बार-बार टालते हैं, तो इसके पूरे न होने का दबाव बढ़ता जाता है। यह दबाव और अनिश्चितता आखिर में चिंता को जन्म देते हैं।
कैसे बचें: कामों को छोटे हिस्सों में बांटें और एक समय में एक काम करने की आदत डालें। प्रायोरिटी सेट करें और जरूरी काम पहले खत्म करें।
3. चिड़चिड़ापन - Irritability
अक्सर लोग चिड़चिड़ेपन को मानसिक या शारीरिक थकान का हिस्सा मान लेते हैं, लेकिन यह चिंता का भी एक संकेत हो सकता है। छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा आना और चिड़चिड़ापन महसूस करना इस बात की ओर इशारा करता है कि आप मानसिक तनाव और चिंता से गुजर रहे हैं।
कैसे बचें: अपनी भावनाओं को समझें और गुस्से या चिड़चिड़ेपन का कारण खोजें। ध्यान और योग का अभ्यास करें, यह मानसिक शांति प्राप्त करने में मदद कर सकता है।
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4. ओवरथिंकिंग - Overthinking
ओवरथिंकिंग यानी ज्यादा सोचने की आदत, चिंता को और बढ़ा सकती है। जो लोग हर स्थिति का बार-बार सोचते हैं, वे अनजाने में अपनी चिंता बढ़ा लेते हैं। इससे मन में नकारात्मक विचार आते हैं और चीजों को और मुश्किल बना देते हैं।
कैसे बचें: हर बात को बार-बार सोचने से बचें। मेडिटेशन का अभ्यास करें ताकि आप अपने विचारों को कंट्रोल कर सकें।
5. सेल्फ-आइसोलेशन - Self-Isolation
सेल्फ-आइसोलेशन यानी खुद को समाज से अलग कर लेना भी चिंता का कारण बन सकता है। जब हम अपनी समस्याओं को खुद तक सीमित रखते हैं और दूसरों से बातचीत नहीं करते, तो चिंता और तनाव बढ़ने लगते हैं।
कैसे बचें: दोस्तों और परिवार के साथ समय बिताना मानसिक शांति बढ़ाता है।
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6. लोगों को खुश करना - People-Pleasing
लोगों को खुश करने की आदत में लोग दूसरों की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए अपनी खुशी और आराम को नजरअंदाज कर देते हैं। यह आदत चिंता और तनाव का कारण बनती है। ऐसा इसलिए, क्योंकि हमेशा सभी को खुश रखना संभव नहीं होता।
कैसे बचें: अपनी सीमाएं तय करें और सीखें कि 'न' कैसे कहा जाता है। अपनी खुशी और मानसिक शांति को प्राथमिकता दें।
7. ज्यादा आश्वासन लेना - Excessive Reassurance-Seeking
ज्यादा आश्वासन लेना भी चिंता को बढ़ावा देता है। जब हम हर छोटी चीज के लिए दूसरों से पुष्टि मांगते हैं, तो यह असुरक्षा की भावना को बढ़ाता है और अनजाने में चिंता का कारण बनता है।
कैसे बचें: खुद पर भरोसा करना सीखें और अपने निर्णयों के प्रति आत्मविश्वास बढ़ाएं।
8. शारीरिक लक्षण - Physical Symptoms
कई बार चिंता के शारीरिक लक्षण होते हैं, जिन्हें हम नजरअंदाज कर देते हैं। ज्यादा पसीना आना, दिल की धड़कन का तेज होना, मांसपेशियों में दर्द या पेट की समस्या यह संकेत हैं कि आप मानसिक रूप से चिंतित हैं।
कैसे बचें: शारीरिक लक्षणों को नजरअंदाज न करें। नियमित एक्सरसाइज और योग से आप शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं।
9. काम से बचना - Avoidance
कई बार लोग काम या किसी खास स्थिति से बचने के लिए टालमटोल करते हैं, लेकिन यह भी चिंता को बढ़ाता है। बार-बार काम से भागने से मानसिक दबाव और चिंता बढ़ जाती है।
कैसे बचें: हर काम को समय पर करें और उसे टालने की बजाय सीधे समाधान खोजें।
निष्कर्ष
हमारी कुछ आदतें अनजाने में चिंता का कारण बन सकती हैं। इन आदतों को पहचानकर और सही तरीके से निपटकर हम अपनी चिंता को कम कर सकते हैं। चिंता से बचने के उपाय में खुद को समझना, मेडिटेशन करना और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाना शामिल है। अपनी आदतों पर ध्यान दें और चिंता से दूरी बनाएं।
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