ज्यादा सोचने की आदत या ओवरथिंकिंग (Overthinking) आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए काफी नुकसानदायक साबित हो सकती है। बहुत से लोगों को के साथ यह समस्या देखने को मिलती है कि जब वे पूरा दिन के बाद बिस्तर पर जाते हैं, तो ऑफिस में काम को लेकर, रिलेशनशिप या दिनभर के कुछ अन्य अनुभवों के बारे में सोचते रहते हैं। दिनभर के ऐसे कई अनुभव होते हैं जिनको लेकर लोग काफी चिंतित और तनावपूर्ण महसूस करते हैं। अगर आप इन चीजों के बारे में बहुत अधिक सोचते हैं तो इससे दिमाग पर बहुत बुरा असर पड़ता है और आप नींद न आने के साथ ही डिप्रेशन जैसी समस्याओं का शिकार हो जाते हैं।
अब सवाल यह उठता है कि आप ओवरथिंकिंग से छुटकारा पाने के लिए आप क्या कर सकते हैं? आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. अल्का विजयन (BAMS Ayurveda) की मानें तो ज्यादा सोचने की आदत शरीर में वात अंसुतलन के कारण होती है, जिसके लिए कई कारक जिम्मेदार हो सकते हैं। कुछ आयुर्वेदिक उपायों की मदद से आपको वात को संतुलित करने और ओवरथिंगिंग से राहत पाने में मदद मिल सकती है। इस लेख में हम आपको ओवरथिंकिंग को कम करने के लिए 5 आयुर्वेदिक उपाय बता रहे हैं।
ज्यादा सोचने की आदत को कम करने के आयुर्वेदिक उपाय- Ayurvedic Tips To Deal With Overthinking
1. पैरों के तलवों की तेल से मालिश करें
रात को बिस्तर पर जाने से पहले पैरों की तेल से मालिश करने से शरीर में वात को संतुलित करने में मदद मिलती है। आप आरामदायक और शांत महसूस करते हैं, जिससे तनाव और चिंता जैसी समस्याओं से राहत मिलती है और आप जल्दी सो जाते हैं। साथ ही आप मानसिक स्वास्थ्य भी बेहतर होता है।
2. सिर की तेल से मालिश
दिनभर की थकान, तनाव और चिंता को दूर करने के लिए सिर की तेल से मालिश करना एक बेहतरीन उपाय है। यह आपको रिलैक्स महसूस कराने का एक आसान तरीका है। खासकर अगर आप गर्म तेल से सिर की मालिश करते हैं, तो इससे ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है है और साथ ही सिर का दर्द या तनाव जैसी समस्याओं में भी राहत मिलती है।
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3. नस्य क्रिया
नस्य क्रिया में कई आयुर्वेदिक औषधियों को नाक के द्वारा आपके शरीर में पहुंचाया जाता है। इसके लिए देसी घी, क्वाथ और कई अन्य तेलों का भी इस्तेमाल किया जाता है। सामग्रियों को मिक्स करके नाक में 1 से 2 बूंदें नाक के प्रत्येक नथूने में डाली जाती हैं। यह कई रोगों के उपचार में बहुत मददगार है। यह साइनसाइटिस, सिरदर्द, अनिद्रा या नींद से संबंधित मुद्दों, माइग्रेन के रोगियों के उपचार में बहुत कारगर है।
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4. बिस्तर पर जाने से पहले दूध में ब्रह्मी घृत मिलाकर पिएं
ब्राह्मी एक बेहतरीन आयुर्वेदिक हर्ब है। ब्राह्मी घृत का सेवन से वात संतुलन को बेहतर बनाने में मदद मिलती है। आप रात को सोने से पहले एक गिलास दूध में ब्राह्मी घृत मिलाकर इसका सेवन कर सकते हैं। ब्राह्मी में बुद्धि में सुधार करने वाले गुण होते हैं जिससे यह चिंता और तनाव जैसी समस्याओं से छुटकारा दिलाने में फायदेमंद हैं।
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5. इंटरमिटेंट फास्टिंग न करें
इंटरमिटेंट फास्टिंग शरीर में तनाव हार्मोन (कोर्टिसोल) के स्तर को बढ़ाती है, जिससे आप अधिक चिंतित और तनावग्रस्त महसूस कर सकते हैं। इससे आपको बहुत अधिक थकान, नींद न आना और डिप्रेशन जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
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