
Ayurvedic Weight Gain Tips In Hindi: बहुत से लोगों के साथ यह समस्या होती है कि वे खाते तो बहुत हैं, लेकिन उनका वजन नहीं बढ़ता है। दुबला-पतला शरीर होने के कारण कई बार लोगों को काफी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ता है। यह उनके आत्मविश्वास को भी कमजोर करता है, जिससे वह हमेशा लोगों के सामने शर्मिंदा महसूस करते हैं। कुछ लोग इससे परेशान होकर वजन बढ़ाने के लिए लोग तरह-तरह के पाउडर और सप्लीमेंट्स का भी सहारा लेते हैं, लेकिन फिर भी कुछ फायदा देखने को नहीं मिलता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो किसी फिटनेस एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह के बिना पाउडर या सप्लीमेंट नहीं लेने चाहिए, क्योंकि ये आपकी सेहत को नुकसान भी पहुंचा सकते हैं। अब सवाल यह उठता है कि ऐसे में नैचुरली वजन बढ़ाने के लिए आप क्या कर सकते हैं? आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. वरालक्ष्मी यनामंद्र की मानें तो आयुर्वेद की मदद से आपको नैचुरली वजन बढ़ाने में मदद मिल सकती है। इस लेख में हम आपको तेजी से वजन बढ़ाने के लिए 5 आयुर्वेदिक उपाय (Vajan Badhane Ke Liye Ayurvedic Upay) बता रहे हैं।
बढ़ाने में कैसे मददगार है आयुर्वेद- Ayurveda For Weight Gain In Hindi
डॉ. वरालक्ष्मी के अनुसार आयुर्वेद में पोषण में सहायता करने वाले खाद्य पदार्थ, अभ्यास और उपचार को ब्रिमहाना चिकित्सा (Brimhana Chikitsa) कहा जाता है। जिसका अभ्यास आपके रस धातु (Rasa Dhatu) की महत्वपूर्ण पोषक तत्वों को अवशोषित करने के साथ ही बल (Bala) और ओजस (Ojas) को बढ़ाने की क्षमता को बढ़ाते हैं। इन खाद्य पदार्थों और प्रथाओं में तीन मुख्य गुण होते हैं। पहला गुरु यानी भारी (Heavy), दूसरा शीत यानी ठंडा और तीसरा मृदु यानी शीत। ये तीनों ही गुण वजन बढ़ाने में आपकी मदद करते हैं।
वजन बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक उपाय- Ayurvedic Tips For Weight Gain In Hindi
1. घी का सेवन करें
घी को आयुर्वेद में वर्णित चारों वसाओं (Fat) में सबसे उत्तम वसा कहा गया है। यह हमारे शरीर को पोषण देने के लिए भी सबसे अच्छा है। अपने भोजन में घी शामिल करें या खाना पकाने के लिए इसका इस्तेमाल करें।
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2. अभ्यंग के लिए समय निकालें
अभ्यंग या मालिश आपके शरीर और दिमाग को पोषण देने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक है। आप इसका सुबह खाली पेट सप्ताह में कम से कम तीन बार बालास्वगंधादि थैलम (balaswagandhadi thailam) जैसे तेल का उपयोग करके शरीर की मालिश करें।
3. पोषक तत्वों से भरपूर फूड्स खाएं
- डेयरी फूड्स: गाय का दूध, बादाम का दूध, घी और पनीर
- ड्राई फ्रूट्स और नट्स: भीगे हुए या घी में तले हुए बादाम, खजूर, काजू और किशमिश।
- फल: अनार, कटहल, जामुन, सेब, नाशपाती और अंगूर।
- विविध: काले चने, बासमती चावल, घी से बनी मिठाई, गुड़ और गन्ना।
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4. समय पर सोएं
आयुर्वेद के अनुसार निद्रा (नींद) हमारे जीवन को बनाए रखने के लिए सबसे महत्वपूर्ण स्तंभों में से एक है। साथ ही यह हमारे शरीर को पोषण देने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक है। कोशिश करें कि पित्त काल की शुरुआत यानी रात 10 बजे तक सोएं।
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5. स्वस्थ जीवनशैली को फॉलो करें
ऐसे फूड्स का सेवन दिन में तीन बार करें जो पाचन अग्नि (Digestive Fire) को तेज करने में मदद करते हैं। तनाव का प्रबंधन करें और नकारात्मक विचारों से दूरी बनाने का प्रयास करें। मेडिटेशन का अभ्यास करें, साथ ही कोशिश करें कि दिन में 15-20 मिनट योग या एक्सरसाइज जरूर करें।
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