Ayurvedic Herbs For Varicose Veins In Hindi: वैरिकोज वेन्स या वैरिकोज नसों की समस्या आजकल काफी आम हो गई है। दरअसल, जब शरीर में रक्त प्रवाह ठीक तरह से नहीं हो पाता है, तो खून एक ही जगह पर जमा हो जाता है। इसकी वजह से उस हिस्से की नसें फूल जाती हैं और उभरी हुई नजर आती हैं। इसी स्थिति को वैरिकोज वेन्स के रूप में जाना जाता है। इसकी वजह से खासतौर पर पैरों में नीली या बैंगनी रंग की उभरी हुई नसें नजर आ सकती हैं। इसके अलावा, वैरिकोज वेन्स की समस्या होने पर पैरों में जलन, दर्द, ऐंठन और भारीपन आदि लक्षण भी नजर आ सकते हैं। वैरिकोज वेन्स के कारण आपकी पूरी दिनचर्या प्रभावी हो सकती है। इसलिए इसका सही समय पर इलाज करवाना बहुत जरूरी होता है। आप चाहें तो वैरिकोज वेन्स का उपचार करने के लिए आयुर्वेद की ओर रुख कर सकते हैं। आयुर्वेद में ऐसी कई जड़ी-बूटियां हैं, जो वैरिकोज नसों की समस्या को कम करने में प्रभावी साबित हो सकती हैं। आज इस लेख में आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ रितु चड्ढा (BAMS) से ऐसी ही कुछ आयुर्वेदिक हर्ब्स के बारे में जानते हैं -
वैरिकोज वेन्स के लिए आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां - Ayurvedic Herbs For Varicose Veins In Hindi
सारिवा
सारिवा एक जड़ी-बूटी है, जिसका उपयोग वैरिकोज वेन्स का उपचार करने के लिए दवा के रूप में किया जाता है। सारिवा की जड़ें रंगत सुधारने वाले और जलन से राहत देने वाले गुणों से भरपूर होती है। सारिवा की जड़ों का सेवन करने से शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थ बाहर निकल जाते हैं, जिससे रक्त शुद्ध होता है। साथ ही, यह ब्लड सर्कुलशन को बेहतर बनाने में भी मदद करती है। इसका उपयोग करने के लिए आप सारिवा की जड़ों को पीसकर प्रभावित हिस्से पर लगाएं। कुछ देर बाद त्वचा को पानी से साफ कर लें। इसके नियमित इस्तेमाल से पैरों की नीली नसों और जलन की समस्या से राहत मिल सकती है।
मंजिष्ठा
आयुर्वेद में मंजिष्ठा का इस्तेमाल एक शक्तिशाली जड़ी-बूटी के रूप में किया जाता है। वैरिकोज वेन्स की समस्या में इसका उपयोग काफी लाभकारी साबित हो सकता है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो सूजन और दर्द को कम करने में मदद कर सकते हैं। मंजिष्ठा में मौजूद गुण रक्त से विषाक्त पदार्थों को हटाते हैं और ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करते हैं। इसका इस्तेमाल करने के लिए आप मंजिष्ठा की जड़ को पीसकर पेस्ट बना लें। अब इसमें ताजा एलोवेरा जेल मिक्स कर लें। अब इस मिश्रण को प्रभावित हिस्से पर लगाएं। इसके नियमित इस्तेमाल से वैरिकोज वेन्स की स्थिति में जल्द सुधार हो सकता है।
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चिरबिल्व
चिलबिल्व का उपयोग वैरिकोज वेन्स को ठीक करने के लिए एक दवा के रूप में किया जाता है। यह जड़ी-बूटी एक प्राकृतिक ब्लड प्यूरीफायर है। आयुर्वेद में इसका उपयोग त्रिदोषों से जुड़ी समस्याओं का इलाज करने के लिए किया जाता है। यह वैरिकोज नसों के कारण पैरों में रक्त के थक्कों को ठीक करने के लिए लाभकारी होती है। इसकी छाल से बने काढ़े का सेवन करने से वैरिकोज नसों की समस्या से राहत मिल सकती है। इसके अलावा, इसके पत्तों और छाल से बने पेस्ट को लगाने से त्वचा की रंगत में सुधार होता है।
गोटू काला
वैरिकोज वेन्स की समस्या को ठीक करने के लिए गोटू काला भी एक प्रभावी जड़ी-बूटी है। इसमें मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में होते हैं, जो ब्लड सर्कुलेशन को सुधारने में मदद करते हैं। इसके अलावा, यह ब्लड प्रेशर को भी नियंत्रित करने में मदद करती है। गोटू काला के जूस या काढ़े का सेवन करने से त्वचा में कोलेजन का उत्पादन बढ़ता है और इलास्टिसिटी में सुधार होता है। इसके नियमित सेवन से पैरों में जलन और सूजन की समस्या से भी राहत मिल सकती है।
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वैरिकोज वेन्स की समस्या से राहत पाने के लिए आप इन आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल कर सकते हैं। हालांकि, अगर आप किसी गंभीर स्वास्थ्य समस्या से जूझ रहे हैं, तो इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।