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किस उम्र में ज्यादा होता है अर्थराइटिस का खतरा, किन सावधानियों से बच सकते हैं इससे

अर्थराइटिस एक गंभीर जोड़ों की समस्या है, जिससे लाखों लोग प्रभावित होते हैं। यहां जानिए, किस उम्र में ज्यादा होता है अर्थराइटिस का खतरा?
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किस उम्र में ज्यादा होता है अर्थराइटिस का खतरा, किन सावधानियों से बच सकते हैं इससे


अर्थराइटिस एक ऐसी स्थिति है, जिसमें जोड़ों में सूजन, दर्द और स्टिफनेस होती है। यह समस्या सिर्फ बुजुर्गों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि युवाओं में भी गलत लाइफस्टाइल, मोटापा, फिजिकल एक्टिविटी की कमी और अनुवांशिक कारणों के चलते अर्थराइटिस के मामले बढ़ रहे हैं। हालांकि, कुछ सावधानियों को अपनाकर अर्थराइटिस की समस्या से बचा जा सकता है या इसके लक्षणों को कम किया जा सकता है। नियमित एक्सरसाइज, बैलेंस डाइट, सही वजन बनाए रखना, पोषक तत्वों से भरपूर भोजन और अच्छी लाइफस्टाइल अपनाकर अर्थराइटिस के खतरे को कम किया जा सकता है। इस लेख में आकाश हेल्थ केयर के डायरेक्टर, सीनियर कंसल्टेंट, आर्थोपेडिक्स और जॉइंट रिप्लेसमेंट के हेड और प्रमुख डॉ.आशीष चौधरी (Dr. Aashish Chaudhry,Director & Head, Department of Orthopaedics & Joint Replacement, Aakash Healthcare) से जानिए, अर्थराइटिस का खतरा किस उम्र में ज्यादा होता है और इससे कैसे बचा जा सकता है?

आर्थराइटिस का खतरा किस उम्र में बढ़ता है? - At What Age Does Arthritis Usually Start

डॉ.आशीष चौधरी बताते हैं कि अर्थराइटिस आमतौर पर 40 साल की उम्र के बाद ज्यादा दिखाई देने लगता है, लेकिन इसके लक्षण पहले भी दिख सकते हैं। ऑस्टियोअर्थराइटिस मुख्य रूप से वृद्धावस्था में विकसित होता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि समय के साथ जोड़ों में होने वाले घिसाव के कारण जोड़ों की संरचना प्रभावित होती है। इसकी शुरुआत आमतौर पर 60 वर्ष या उससे ज्यादा उम्र में होती है, लेकिन 40-50 वर्ष के आस-पास भी अर्थराइटिस के लक्षण (At what age is the risk of arthritis higher) दिख सकते हैं।

दूसरी ओर, रूमेटाइड अर्थराइटिस युवाओं में भी हो (What is the average age to get arthritis) सकता है और यह आत्म-प्रतिरक्षा प्रणाली (self-defense system) की समस्या के कारण होता है। इस स्थिति में शरीर का इम्यून सिस्टम गलती से जोड़ों पर हमला करता है, जिससे सूजन, दर्द और नुकसान होता है। गाउट की समस्या भी आमतौर पर 40 साल के बाद शुरू होती है और यह विशेष रूप से पुरुषों में ज्यादा देखने (What is early warning for arthritis) को मिलती है। गाउट के कारण जोड़ों में अचानक और तेज दर्द होता है और यह आमतौर पर पैरों के अंगूठे में ज्यादा होता है।

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Best Way To Reduce Arthritis

अर्थराइटिस से बचने के लिए सावधानियां - What Is The Best Way To Reduce Arthritis

अर्थराइटिस एक गंभीर समस्या है, लेकिन कुछ सरल उपायों को अपनाकर हम इस पर कंट्रोल पा सकते हैं और इसके लक्षणों को कम कर सकते हैं। यहां कुछ जरूरी सावधानियां दी गई हैं, जिन्हें अपनाकर आप अर्थराइटिस के खतरे को कम कर सकते हैं-

1. फिजिकल एक्टिविटी में बिजी रहें

अर्थराइटिस को रोकने के लिए नियमित रूप से फिजिकल एक्टिविटी बहुत जरूरी है। एक्सरसाइज जोड़ों को मजबूत और लचीला बनाए रखने में मदद करती है। स्ट्रेचिंग, वॉकिंग, स्विमिंग और साइक्लिंग जैसी हल्की एक्सरसाइजजोड़ों के लिए अच्छी होती हैं। हालांकि, ज्यादा हार्श एक्सरसाइज से बचना चाहिए।

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2. सही वजन बनाए रखें

ज्यादा वजन जोड़ों पर ज्यादा दबाव डालता है, खासकर घुटनों और हिप्स पर। वजन कम करने से अर्थराइटिस के लक्षणों को कंट्रोल करने में मदद मिल सकती है। बैलेंस डाइट और नियमित एक्सरसाइज से अपने वजन को कंट्रोल रखें।

3. सही डाइट लें

हड्डियों और जोड़ों के स्वास्थ्य के लिए कैल्शियम, विटामिन D और ओमेगा-3 फैटी एसिड की जरूरत होती है। ताजे फल, सब्जियां, दूध, दही, मछली, और नट्स जैसे फूड्स अर्थराइटिस से बचने के लिए अच्छे होते हैं। ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर डाइट सूजन को कम करने में मदद कर सकती है।

4. सही पोश्चर अपनाएं

गलत पोश्चर से भी जोड़ों पर ज्यादा दबाव पड़ता है, जिससे अर्थराइटिस का खतरा बढ़ सकता है। हमेशा अपने शरीर का सही संतुलन बनाए रखें और बैठने या खड़े होने की सही मुद्रा अपनाएं।

5. आराम और तनाव से दूरी

कभी-कभी मानसिक तनाव भी शारीरिक समस्याओं का कारण बन सकता है। पर्याप्त नींद और आराम से आपके शरीर को रिकवरी का मौका मिलता है। योग और प्राणायाम जैसी एक्टिविटीज तनाव को कम करने में मदद करती हैं। अर्थराइटिस के शुरुआती लक्षणों को पहचानने के लिए नियमित मेडिकल चेकअप कराना बेहद जरूरी है। अगर आपको जोड़ों में दर्द, सूजन या कठोरता महसूस हो रही है, तो डॉक्टर से संपर्क करें।

निष्कर्ष

अर्थराइटिस का खतरा उम्र के साथ बढ़ सकता है, लेकिन इसे सही सावधानियां अपनाकर कंट्रोल किया जा सकता है। यदि आप 40 वर्ष या उससे अधिक उम्र के हैं, तो अर्थराइटिस के लक्षणों पर ध्यान देना और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाना जरूरी है। सही डाइट, एक्सरसाइज, वजन कंट्रोल और सही लाइफस्टाइल अपनाकर आप अर्थराइटिस से बच सकते हैं।

All Images Credit- Freepik

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