सर्दियों के मौसम में अक्सर देखा जाता है कि पुरानी से पुरानी बीमारियां लोगों को परेशान करने लगती हैं। विशेषकर सर्दियों में जोड़ों का दर्द बहुत ही आम माना जाता है। सर्दियों में जोड़ों के दर्द की समस्या सिर्फ बुजुर्गों को नहीं बल्कि युवाओं में भी देखी जाती है। जोड़ों के दर्द के कारण लोगों को उठने, बैठने और यहां तक की सही तरीके से लेटने में भी परेशानी आती है। जोड़ों का दर्द अगर 1 या 2 दिन रहता है, तो कोई बात नहीं है, लेकिन जब यह दर्द लंबे समय तक बना रहता है और अन्य लक्षणों के साथ जुड़ा होता है, तो यह किसी गंभीर स्थिति का संकेत हो सकता है।
कई बार जोड़ों का ऑटोइम्यून बीमारियों का लक्षण (Joint Pain Can be a Common Symptom of Autoimmune Diseases) भी हो सकता है। आज इस लेख में हम इसी विषय पर बात करने वाले हैं। इस बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए हमने वैशाली स्थित मैक्स हॉस्पिटल के ऑर्थोपेडिक्स एवं जॉइंट रिप्लेसमेंट के एसोसिएट डायरेक्टर डॉ. अखिलेश यादव से बात की।
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ऑटोइम्यून बीमारियां क्या हैं?- What are Autoimmune Diseases?
डॉ. अखिलेश यादव के अनुसार, ऑटोइम्यून बीमारियां उस स्थिति को कहा जाता है, जब शरीर का इम्यून सिस्टम गलती से अपने ही अंगों और ऊतकों पर हमला करने लगता है। सामान्य रूप से इम्यून सिस्टम शरीर को बाहरी संक्रमण और बीमारियों से बचाने का काम करता है, लेकिन ऑटोइम्यून बीमारियों में इम्यून सिस्टम आपके शरीर के खिलाफ की काम करने लगता है। अगर ऑटोइम्यून बीमारियों के लक्षणों का पता सही समय पर लगाकर पर इलाज न शुरू किया जाए, तो यह गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है, जिसका इलाज मुश्किल हो सकता है।
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क्या जोड़ों का दर्द ऑटोइम्यून बीमारियों का एक लक्षण हो सकता है? | Joint Pain Can be a Common Symptom of Autoimmune Diseases
डॉ. अखिलेश यादव का कहना है कि जोड़ों का दर्द ऑटोइम्यून बीमारियों का एक गंभीर लक्षण हो सकता है। इन्हें कई प्रकार की परिस्थितियों में विभाजित किया गया है।
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1. रुमेटॉयड आर्थराइटिस (Rheumatoid Arthritis)
मेडिकल टेस्ट के दौरान अगर आपके रिपोर्ट में रूमेटॉयड अर्थराइटिस का रिजल्ट आया है, तो यह एक ऑटोइम्यून बीमारी है जो खासतौर पर जोड़ों को प्रभावित करती है। इसके कारण जोड़ों में सूजन और जकड़न की समस्या भी देखी जाती है। रूमेटाइड आर्थराइटिस के कारण हाथों में भी समस्या देखी जाती है। जोड़ों और हाथों में दर्द व सूजन की समस्या अगर आपको 6 सप्ताह से ज्यादा रहती है, तो इसके लिए डॉक्टर द्वारा सुझाई गई दवाएं और थेरेपीज लें।
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2. लुपस - Systemic Lupus Erythematosus
लुपस एक गंभीर ऑटोइम्यून बीमारी है। यह सिर्फ जोड़ों को ही नहीं, बल्कि त्वचा और शरीर के आंतरिक अंगों भी प्रभावित करता है। लुपस के कारण जोड़ों का दर्द, त्वचा पर लाल चकत्ते, थकान और लंबे समय तक बुखार की समस्या देखी जाती है।
3. सोरियाटिक आर्थराइटिस- Psoriatic Arthritis
जोड़ों के दर्द के अलावा जिन लोगों को विभिन्न प्रकार की त्वचा संबंधी बीमारियां हैं, तो उन्हें सोरियाटिक आर्थराइटिस जैसे ऑटोइम्यून बीमारियों का खतरा रहता है। सोरियाटिक के कारण जोड़ों में दर्द और सूजन, त्वचा पर लाल और परतदार धब्बे नजर आ सकते हैं।
ऑटोइम्यून बीमारियों का इलाज क्या है?
ऑटोइम्यून बीमारियों का इलाज अगर जोड़ों या कमर के दर्द से जुड़ा हुआ है, तो डॉक्टर इसके लिए एंटीबॉडी टेस्ट, ESR, इमेजिंग टेस्ट, एक्स-रे , एमआरआई जैसे विभिन्न प्रकार के मेडिकल टेस्ट करवाने की सलाह दे सकते हैं। इन मेडिकल टेस्ट रिपोर्ट के आधार पर एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाइयां और फिजिकल थेरेपी करवाने की सलाह दी जाती है।
निष्कर्ष
जोड़ों का दर्द सिर्फ एक साधारण समस्या नहीं है, यह ऑटोइम्यून बीमारियों का भी संकेत हो सकता है। अगर आपको जोड़ों के दर्द की समस्या लंबे समय से हो रही है, तो इस बारे में डॉक्टर से बात करें और इलाज शुरू करवाएं।