जीवन में कुछ ऐसा हो जाए जिसके बारे में कभी सोचा नहीं था। इस अनहोनी ने मन में ऐसा धक्का मारा कि शब्द मौन हो गए। शरीर एक कमरे में कैद हो गया। भावनाएं मन में ही कैद हो गईं। आप अवसाद में चले गए। या फिर कोरोना जैसी महामारी ने अवसाद में डाल दिया हो। ऐसी ही परिस्थितियों में काम आती है आर्ट थेरेपी। एक ऐसी थेरेपी जो रंगों से, कलम से, कागज पर की जाती है। मन में जो भाव चल रहे हैं उन्हें शब्द नहीं रंग बयां करते हैं। मन की जो भी स्थिति है वह कागज पर रंगों द्वारा उकेरी जाती है। तब किसी पेशेंट की मानसिक स्थिति के बारे में पता चलता है। आर्ट थेरेपी एक ऐसी कला है जो मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक स्थिति को मजबूत करती है। ये आर्ट थेरेपी ही है जो दुखी मन को खुश करती है। अगर आप भी किन्हीं वजहों से दुखी हैं तो परेशान न हों। और आज ही कागज, कलम और रंगों की मदद से अपनी आर्ट थेरेपी करना शुरू करिए।
इन परिस्थितियों में होता है आर्ट थेरेपी का इस्तेमाल
1. जब युवा तनाव महसूस करते हैं।
2. बच्चे घर या स्कूल में जब व्यवहार संबंधी परेशानियों से गुजर रहे होते हैं।
3. बच्चे या बड़े जब किसी ट्रॉमा से गुजरते हैं।
4. लोग मेंटल हेल्थ से संबंधित परेशानियों से गुजर रहे होते हैं।
5. दिव्यांग बच्चों के लिए।
इन बीमारियों में मदद करती है आर्ट थेरेपी
आर्ट थेरेपी में चित्रों के माध्यम से मौन शब्दों को रंगों की मदद से कागज पर उतरवाया जाता है। इसमें जब कोई व्यक्ति किसी मानसिक स्थिति की वजह से बोल नहीं पाता तब उससे आर्ट थेरेपी करवाई जाती है ताकि उसकी मानसिक स्थिति पता चल सके। यह थेरेपी, कैंसर, अवसाद, चिंता, डर, इटिंग डिसऑर्डर, मेडिकल कंडीशन्स, पीटीएसडी, इमोशनल डिफिकल्टीज, परिवार या रिलेशनशिप से संबंधित बीमारियों में काम आती है।
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खुश रहने का टूल है आर्ट थेरेपी
कला केवल बुरी परिस्थितियों से निकलने में ही मदद नहीं करती बल्कि यह आपको खुश रखने में भी मदद करती है। तो वहीं, आपका लक्ष्य भी सेट होता है। आर्ट थेरेपी करके भी आप खुश रह सकते हैं। इससे पहले भी कई शोध हो चुके हैं, जिनमें यह साबित किया गया कि आर्ट थेरेपी से लोग खुश रह सकते हैं। तो वहीं अस्पतालों में भी आर्ट थेरेपी का सहारा मरीजों को ठीक करने के लिए लिया जाता है। इन गतिविधियों को करके आप आर्ट थेरेपी का इस्तेमाल खुद को खुश रखने के लिए कर सकते हैं।
1.अपनी स्वतंत्रता की चित्रकारी करें
आप खुद के लिए कैसी स्वतंत्रता चाहते हैं उसको कागज पर उकेरें। आपके मन में जो भी चल रहा है उसको लेकर चित्रकारी करें। आपको जैसे रंग पसंद हों, वैसे रंगों का सहारा लें।
2.अपनी पसंद के रंगों को चुनें
जो रंग आपको पसंद आ रहे हैं उन्हें चुनें और उनसे चित्रकारी करें। रंग आपकी मानसिक स्थिति के बारे में बताते हैं। जब आपकी मानसिक स्थिति ठीक रहेगी तो आप खुद भी स्वस्थ रहेंगे। मन से ही सारे रोग जुड़े हैं। मन में अगर जीत की भावना है तो आप किसी भी परिस्थित से बाहर आ सकते हैं।
3.अपने दिन का एक कोलाज बनाएं
आपका दिन कैसा जाने वाला है। आपने अपने लिए कैसा दिन प्लान किया है। उसका एक कोलाज बनाएं। इस कोलाज में आप पूरे दिन क्या करने वाले हैं, इस बारे में चित्रकारी करें।
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4. फोटोग्राफी करके शीट पर चिपकाएं
जो चीजें आपको अच्छी लगती हैं उनकी फोटो खींचें। फोटो खींचकर उन्हें एक शीट पर चिपकाएं। ऐसा करने से आपको भीतर से खुशी मिलेगी। आप अकेलेपन से निकलेंगे।
आर्ट थेरेपी मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक स्तर पर खुद को मजबूत करने की एक कला है। इसका इस्तेमाल चिकित्सा से संबंधित स्थानों पर किया जाता है। आर्ट थेरेपी खुश रहने का एक बेहतर टूल हो सकती है। इसकी मदद से मन के भाव को रंगों की मदद से कागज पर उतारा जा सकता है। खुद को बेहतर तरीके से समझा जा सकता है। यह बच्चों, बड़ों सभी के लिए फायदेमंद है।
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