लंबे समय बाद ऑफिस में कर रहे हैं वापसी तो इन बातों का रखें ख्याल, नहीं होगा काम के दौरान तनाव

महामारी के दौर में लोगों की धीरे-धीरे दफ्तर की ओर वापसी हो रही है। ऐसे में काम के दौरान तनाव न हो उसके लिए सीडीसी ने गाइडलाइंस जारी की हैं।
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लंबे समय बाद ऑफिस में कर रहे हैं वापसी तो इन बातों का रखें ख्याल, नहीं होगा काम के दौरान तनाव

जब से कोरोना आया है तब से काम करने के पारंपरिक तरीके बदले हैं। ऑफिस घर पर उठकर आ गए हैं। काम के घंटे तो बढ़े ही हैं साथ ही नौकरियों में असुरक्षा भी बढ़ी है। कोरोना के आते ही कई संस्थानों से कर्मचारियों को निकाला गया। जिन जगहों से नहीं निकाला गया उन संस्थानों में नौकरी को लेकर असुरक्षा भाव कर्मचारियों के मन में आने लगा। अब धीरे-धीरे कोरोना का असर कम हो रहा है। कुछ दफ्तर धीरे-धीरे खुल रहे हैं। लेकिन लोगों के दिमाग से कोरोना का डर निकला नहीं है। इसी कड़ी में कर्मचारी दफ्तरों में वापसी कर रहे हैं। पहले वे जिस खुलेपन से दफ्तर जाते थे अब उतने ही डर में जाएंगे। ऐसे में दफ्तर में काम करने के दौरान उनका मानसिक तनाव बढ़ेगा। बहुत बार काम करते हुए हम सोचने लग जाते हैं कि अगर मुझे काम के दौरान कोरोना हो गया तो मेरी वजह से मेरा परिवार भी सफर करेगा। इन्हीं सवालों में कर्मचारी उलझकर खुद को परेशान करेगा और तनाव बढ़ेगा। इन्हीं समस्याओं को देखते हुए अमेरिकन हेल्थ एजेंसी सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ने इस महामारी में कर्मचारि वर्कप्लेस के तनाव को कैसे कम कर सकते हैं इसको लेकर बीते दिनों कुछ टिप्स दिए थे। आइए जानते हैं उन टिप्स के बारे में।

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काम के दौरान होने वाले स्ट्रेस को पहचानें

1. दफ्तर में वापसी के बाद अनिश्चितता, घबराहट और चिंतित महसूस करना

2. जलन या गुस्सा महसूस करना

3.कॉम्पिमेंट्स न मिलने पर अभावग्रस्त महसूस करना

4.हमेशा उदासी में रहना 

5.नींद का ठीक से न आना। सोते समय सिर्फ करवटें बदलतें रहना।

6.काम पर फोकस करने में दिक्कत होना

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महामारी के दौरान दफ्तर के तनाव को ऐसे करें डील

1.कोरोना वायरस की चिंता छोड़ें

कोरोना ने कितनी जानें निगल लीं, यह हम सभी जानते हैं। ऐसे में जो लोग घरों से बाहर निकलकर पब्लिक ट्रांसपोर्ट का सहारा लेकर नौकरी करने जा रहे हैं, वाकई में एक जोखिम ले रहे हैं। अभी तक फ्रंटलाइन वर्कर ही काम पर जा रहे थे। लेकिन अब कोरोना की रफ्तार कम होने पर सभी दफ्तर धीरे-धीरे खुलने शुरू हो गए हैं। ऐसे में जब आप दफ्तर जाएंगे तो कोरोना के संपर्क में आने का डर हमेशा लगा ही रहेगा। लेकिन डरने से आपके काम की क्षमता पर ही असर पड़ेगा। आपकी परफोरमेंस घटेगी। इसलिए काम के दौरान इस वायरस के बारे में न सोचें। 

2.अपनों की जरूरतों की चिंता

यह लाजिमी है कि घर की जिम्मेदारी जिसके सिर होती है उसे घर की जरूरतों को ध्यान में रखना पड़ता है। ऐसे में काम के दौरान आपको घर की जरूरतों की चिंता सकती है। लेकिन इससे आपके काम का तनाव और बढ़ेगा। इसलिए ऑफिस के काम के समय ऑफिस के बारे में सोचें और काम खत्म होने के बाद घर के बारे में। इससे आपका स्ट्रेस बढ़ेगा नहीं। इस तरह आप अलग-अलग वर्कलोड संभाल पाएंगे।

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3. उपकरणों की कमी से जूझना

कोरोना में सभी कर्मचारी धीरे-धीरे दफ्तर आ रहे हैं। ऐसे में कुछ डिपार्टमेंट कुछ लोग आए हैं और कुछ नहीं आए हैं तो काम में असुविधा होने लगती है। दूसरा कंपनियों में अभी पूरा स्टाफ वैसे भी नहीं बुलाया जा रहा है। इसलिए तकनीकी खामियां तो उपकरणों की कमी से कर्मचारियों को जूझना पड़ रहा है। यह कमी भी तनाव को बढ़ाती है।

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4. गिल्ट में न रहें

ऐसा महसूस करना कि आप बहुत बेहतर तरीके से काम नहीं कर पा रहे हैं जिस वजह से आप गिल्ट में रह सकते हैं। आपके दिमाग में ऐसी भी बातें आ सकती हैं कि आप फ्रंटलाईन वर्कर नहीं बन पा रहे हैं, तो ऐसा सब सोचकर खुद की सेहत को न बिगाड़ें। यह सब कोरोना की वजह से हुई अव्यवस्थित स्थिति के कारण हुआ है। इसमें आपका कोई रोल नहीं है। इसलिए ऐसी सोच से बाहर निकलें और खुद के तनाव को न बढ़ाएं। 

5. नौकरी की असुरक्षा

ज्यादातर लोग निजी क्षेत्र में काम कर रहे हैं। इस वजह से नौकरियों में अस्थायित्व बना हुआ है। ऐसे में लोगों को मजबूरन भी ऑफिस जाना पड़ रहा है। बेशक वे कोरोना की वजह से ऑफिस जाने से कतरा रहे हों, लेकिन डर में होंगे। नौकरी न चली जाए, इसका भी डर कर्मचारियों के मन में होगा। तो इन सभी डरों को बाहर निकाल दें। और कुछ पॉजिटिव सोचें। नौकरी यहां नहीं तो कहीं और होगी। दुनिया में जो आया है। उसके लिए खाने की कमी नहीं होगी। इसीलिए कहावत बनी है कि दाने-दाने पर लिखा है खाने वाला का नाम। 

6. ऑफिस में बदलाव

यह भी हो सकता है कि आपके ऑफिस में कुछ बदलाव आ गए हों। आपके कंप्यूटर किसी के घर चले गए हों। आपको किसी और का सिस्टम मिल गया हो। ऐसे में तकनीकी खामियों से भी आप रूबरू होंगे। यह सभी कारक आपमें स्ट्रेस बढ़ा सकते हैं। इसलिए अभी इन क्षणिक बदलावों के बारे में न सोचें, यह सब धीरे-धीरे ठीक हो जाएगा।

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7. कर्मचारियों से बातचीत करें

जब आप दफ्तर वापस जाएंगे तो आपको उचित दूरी का भी पालन करना पड़ेगा। ऐसे मेँ अगर आपको काम के दौरान तनाव हो रहा है तो अपने ऑफिस कलिग्स को अपनी परेशानी के बारे में बताएं। अपने बॉस से बात करें। अपने स्ट्रेस को अपने तक न रखें उसके बारे में डिस्कस करें। इससे आपको अकेलापन महसूस नहीं होगा। और आप वर्क प्रेशर को अच्छे से मैनेज कर पाएंगे।

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8.अपने काबू से बाहर की बातें शेयर करें

वे बातें जिन पर आप काबू नहीं कर पा रहे हैं। आप चाहकर किसी बात को सोचने से खुद को नहीं रोक पा रहे हैं तो उसके बारे में अपने कोवर्कर्स को बताएं। हो सकता है जो बात अंदर ही अंदर खाए जा रही है उसका सल्यूशन मिल जाए।

9. अपना टाइम टेबल बनाएं

किसी के पास वर्क फ्रॉम है तो कोई ऑफिस जाने की तैयारी कर रहा है। काम के घंटे बढ़े हैं या पब्लिक ट्रांसपोर्ट की बेहतर व्यवस्था अभी तक नहीं हो पाई है तो आप चिंता मत करिए। इसे तनाव मत बनाइए। अपने काम और पर्सनल लाइफ को मैनेज करें। हमेशा काम के बारे में बात न करें। ऐसा करने से आप खुद भी परेशान नहीं होंगे और अपना काम बेहतर व शांत मन से कर पाएंगे।

धीमी होती रफ्तार के साथ सब कुछ सामान्य होने की कगार पर है। दफ्तर, दुकानें, बाजार खुल रहे हैं। लेकिन फिर भी कोरोना के डर का साया सभी पर छाया हुआ है। दफ्तर खुल रहे हैं और कर्मचारी दफ्तर जाना शुरू कर रहे हैं, लेकिन कोरोना का डर सभी के मन में अभी है। यही वजह है कि यह डर काम के दौरान भी होगा। तो ऐसे में आप काम के दौरान तनाव में न रहें। पॉजिटिव सोचें, सब ठीक होता जाएगा। ऐसा करने से आप वर्कप्लेस के तनाव से बच पाएंगे।

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