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आप भी करते हैं गर्म तेल से शिशु के पेट की मालिश, तो हो जाएं सावधान, बच्चे को पहुंच सकता है नुकसान

शिशुओं के शरीर या पेट पर गर्म तेल से मालिस करने पर उनकी त्वचा को नुकसान पहुंच सकता है, आइए जानते हैं कैसे? 
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आप भी करते हैं गर्म तेल से शिशु के पेट की मालिश, तो हो जाएं सावधान, बच्चे को पहुंच सकता है नुकसान


दादी-नानी के जमाने से नवजात शिशुओं के सेहत से जुड़ी कई समस्याओं का अंदाजा लगाकर घर पर ही उसे ठीक करने के उपाय किए जाते हैं। शिशुओं को सर्दी जुकाम होने या पेट में गैस बनने की समस्या को दुर करने के लिए महिलाएं आज भी उन घरेलू उपायों को आजमाती हैं। लेकिन कौन-सी रेमेडी किस तरह काम करती हैं और उसे करने का सही तरीका क्या है, शायद इसका अंदाजा उन्हें नहीं होता है, जिसका खमियाजा शिशुओं को भूगतना पड़ता है। बैंगलोर में साई थुंगा अस्पताल के बच्चों के डॉक्टर सईद मुजाहिद हुसैन ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर करके बताया कि उनके पास एक ऐसा ही मामला आया है, जिसमें मां ने बच्चे के रोने के कारण समझा की बच्चे के पेट में एसिडिटी बन गई है। जिसे दूर करने के लिए उन्होने कैस्ट्रॉल ऑयल को गर्म करके पान के पत्ते के साथ बच्चे के पेट पर रख दिया। तेल ज्यादा गर्म होने के कारण शिशु के पेट पर चकत्ते पड़ गए। जिसके बाद डॉ. सईद मुजाहिद हुसैन ने शिशुओं के पेट पर गर्म तेल लगाने से क्या समस्याएं हो सकती हैं, इस बारे में जानकारी दी है। 

शिशु के पेट पर गर्म तेल से मालिश करने के साइड इफेक्ट्स 

1. शिशु की स्किन पर जलन होना

बच्चों को गर्म तेल लगाने से उनकी सेंसिटिव स्किन पर जलन हो सकती है। जिससे उन्हें दर्द, छाले या जलने के निशान पड़ सकते हैं। गर्म तेल के साथ पान के पत्ते लगाने से बच्चों को एलर्जी की समस्या भी हो सकती है, जिससे उनकी स्किन डैमेज हो सकती है। 

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2. शिशु को इंफेक्शन का खतरा होना

गर्म तेल से शिशुओं की स्किन जल सकती हैं, जिससे त्वचा को नुकसान पहुंचा सकता है और जली हुई स्किन बैक्टीरिया को शरीर के अंदर जाने का रास्ता बन सकता है, जिससे इंफेक्शन फैलने का जोखिम बढ़ सकता है। 

3. सांस से जुड़ी समस्याएं

गर्म तेल और पान के पत्तों की तेज सुगंध संभावित रूप से शिशुओं में सांस से जुड़ी समस्याएं या एलर्जी पैदा कर सकती है, जिससे उन्हें सांस से जुड़ी समस्याएं हो सकती है।

4. पाचन संबंधी समस्याएं 

पेट के क्षेत्र में पदार्थ लगाने से आंतरिक पाचन संबंधी समस्याएं ठीक नहीं होती हैं और सही इलजा में देरी हो सकती है, जिसके कारण शिशुओं को पेट से जुड़ी समस्याएं बढ़ सकती है, और ज्यादा गंभीर हो सकती है। 

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5. गलत इलाज होना 

पारंपरिक उपचारों पर निर्भर रहने से संभावित गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज में देरी हो सकती है। जैसे, पेट का दर्द, गैस या अन्य पेट से संबंधी समस्याओं के लक्षण हो सकते हैं जिनके लिए डॉक्टर से संपर्क करना बहुत जरूरी है। 

 
 
 
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तो अगली बार शिशुओं के पेट पर गर्म तेल या पान के पत्ते जैसे उपाय आजमाने से पहले उन्हें डॉक्टर के पास ले जाएं और किसी एक्सपर्ट की सलाह पर और सही तरह से घरेलू उपायों को आजमाएं, ताकि आपके शिशु के स्वास्थ्य पर कोई बुरा असर न पड़ें। 

Image Credit: Freepik 

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