ऐसा माना जाता है कि बच्चे का सही विकास तभी होता है, जब उसका वजन बढ़ता है। ऐसे में अगर मां का दूध पीने के बाद शिशुओं का वजन नहीं बढ़ता है तो माताएं बच्चों को ब्रेस्ट मिल्क पिलाने के स्थान पर उन्हें फॉर्मूला मिल्क देने लगती हैं। लोगों का मानना है कि शिशुओं का वजन बढ़ाने के लिए फॉर्मूला मिल्क देना सबसे अच्छा विकल्प है। 6 महीने तक के बच्चों के लिए फॉर्मूला मिल्क से ज्यादा फायदेमंद मां का दूध माना जाता है। मां के दूध में बच्चे के लिए जरूरी हर पोषक तत्व होता है। लेकिन इसके बाद भी वजन बढ़ाने के लिए फॉर्मूला मिल्क देना सही है या नहीं इस बारे में जानकारी होना बहुत जरूरी है। लाइफट्री हेल्थकेयर की पीडियाट्रिशियन डॉक्टर माधवी भारद्वाज से जानते हैं क्या फार्मूला मिल्क से बच्चे का वजन बढ़ता है?
क्या फार्मूला दूध बच्चे का वजन बढ़ाने में मदद करता है? - Does Formula Milk Help Baby Gain Weight in Hindi?
हर मां का दूध अलग होता है, लेकिन अपने बच्चे के लिए वह दूध सबसे परफेक्ट होता है। अगर बच्चा मोटा नहीं हो रहा है और पतला है तो इसका मतलब हो सकता है कि बच्चे का जेनेटिक ही पतला है और उसका ब्रेन डेवलेपमेंट भी सही होगा। यह जरूरी नहीं है कि हर मोटा बच्चा ही स्वस्थ हो। फॉर्मूला दूध के डब्बों पर भी आपने पढ़ा होगा कि शिशु के लिए मां का दूध ही सबसे बेहतर होता है। लेकिन अगर मां के मेंटल या फिजिकल हेल्थ के कारण ब्रेस्टमिल्क नहीं बन रहा है, या किसी कारण वे बच्चे को अपना दूध नहीं पिला सकती है तो इस अवस्था में आप बच्चे को फॉर्मूला दूध दे सकते हैं। लेकिन ध्यान रहे फॉर्मूला दूध कोई दवाई हीं है, जो बच्चे को फुलाने या मोटा करने में मदद करे। मां को सही मात्रा में दूध आने के बाद भी अगर आप बच्चे को फॉर्मूल दूध पिलाना शुरू करते हैं, तो मां का दूध भी बनना धीरे-धीरे बंद हो जाता है, जिस कारण बच्चे को मां का पोष्टिक दूध नहीं मिल पाता और उसे फॉर्मूला दूध पर ही टिके रहना पड़ता है, जिस कारण बच्चे के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है और भविष्य में बच्चा गंभीर बीमारियों का शिकार हो सकता है, क्योंकि किसी भी व्यक्ति के स्वास्थ्य की नींव बचपन में ही रख दी जाती है।
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शिशु का वजन कैसे बढ़ाएं? - How to Increase Baby's Weight in Hindi?
स्तनपान करने वाले शिशुओं का वजन बढ़ने के लिए जरूरी है कि मां की डाइट बेहतर हो। इसलिए अगर आप अपने बच्चे को खुद का दूध पिला रही हैं तो आप अपनी डाइट में प्रोटीन, हरी सब्जियां, फल, और साबुत अनाज ज्यादा से ज्यादा शामिल करें। प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ जैसे कि मांस, मछली, अंडे, डेयरी उत्पाद, सेम, नट्स और सीड्स। सब्जियों में आप कम से कम 3 तरह की सब्जियां शामिल करें और एक दिन में 2 अलग-अलग तरह के फलों का सेवन करें। इसके साथ साबुत अनाज जैसे साबुत गेहूं की ब्रेड, पास्ता, अनाज और दलिया का भी सेवन करें। मां का स्वास्थ्य बेहतर रहने पर स्तनपान करने वाले शिशु का स्वास्थ्य भी बेहतर रहता है।
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