Scrub Typhus: शिमला में स्क्रब टायफस से 5वीं मौत, जानें इस बीमारी के लक्षण और बचाव के तरीके

हिमाचल में स्क्रब टायफस के मामले बढ़ते जा रहे हैं। इस बीमारी के चलते गुरुवार को सोलन के रहने वाले एक 65 वर्षीय बुजुर्ग की मौत हो गई।
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Scrub Typhus: शिमला में स्क्रब टायफस से 5वीं मौत, जानें इस बीमारी के लक्षण और बचाव के तरीके

हिमाचल में स्क्रब टायफस के मामले बढ़ते जा रहे हैं। इस बीमारी के चलते गुरुवार को सोलन के रहने वाले एक 65 वर्षीय बुजुर्ग की मौत हो गई। मरीज को इंफेक्शन होने के बाद शिमला के इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज के आईसूयू में भर्ती कराया गया जहां, उसने दम तोड़ दिया। इसके बाद से प्रदेश में स्क्रब टायफस से मरने वालों की संख्या बढ़कर 5 हो गई है। इसमें 4 महिला और एक पुरुष शामिल हैं। वहीं, अब तक इस इंफेक्शन के 15 मामले देखे जा चुके हैं। अस्पताल में 773 लोगों के सैंपल लिए गए, जिसमें से 207 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।

क्या है स्क्रब टायफस? 

स्क्रब टायफस को बुश टायफस के नाम से भी जाना जाता है। यह बीमारी आमतौर पर बैक्टीरिया के कारण होती है। यह माइट लार्वा या फिर किसी जानवर के काटने से भी फैल सकता है। हालांकि, शरीर में कुछ लक्षण दिखने और ब्लड टेस्ट कराने के बाद आसानी से इसका पता लगाया जा सकता है। इस संक्रमण के ज्यादा मामले भारत, इंडोनेशिया, जापान और दक्षिणी ऑस्ट्रेलिया के ग्रामीण क्षेत्रों में पाए जाते हैं। डेंगू-मलेरिया और कैंसर की तरह ही अभी तक इस संक्रमण से बचाव के लिए भी कोई वैक्सीन नहीं बनी है। 

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स्क्रब टायफस के लक्षण 

इस बीमारी से संक्रमित होने के 10 दिनों के भीतर आपको शरीर में कुछ लक्षण जैसे सिर में दर्द, त्वचा पर चकत्ते, शरीर और मांसपेशियों में दर्द, त्वचा पर काटने के निशान बनना, लिंफ नोड्स का बढ़ना तेज बुखार, ठंड लगना या फिर बार-बार भूलना और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानियां होने जैसे स्थिति दिख सकती है। यही नहीं, कुछ मामलों में हालत गंभीर होने पर शरीर के कुछ अंगों का काम करना बंद कर देना या फि खून निकलने जैसी स्थिति भी हो सकती है। 

बचाव के तरीके 

स्क्रब टायफस से बचने के लिए चिग्गर नामक कीड़े के संपर्क में आने से बचें। अगर आप किसी ग्रामीण क्षेत्र या फिर कहीं दूर की यात्रा करके आ रहे हैं तो ऐसे में जांच जरूर कराएं। ऐसे क्षेत्रों में जाने से बचें, जहां चिग्गरों के काटने का अधिक खतरा रहता है। शरीर में इस प्रकार के लक्षण दिखने पर बिना देर किए चिकित्सक की सलाह लें।

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