हमारी सेहत को बनाने या बिगाड़ने में खाने का अहम रोल होता है। पहले के समय से चली आ रही कुछ भारतीय परंपरा ऐसी भी रही हैं जो आज के समय में भले ही आपको पुरानी लगती हों पर उन्हें अपनाकर आप आज भी फिट और हेल्दी महसूस करेंगे जैसे भारतीय परंपरा के मुताबिक सुबह-सुबह नाश्ता कर लेना चाहिए वहीं एक्सपर्ट भी ऐसा मानते हैं कि हमें सुबह-सुबह उठने के 30 मिनट के अंदर भोजन कर लेना चाहिए। इसके अलावा भी कई ऐसी आदतें हैं जिनके बारे में हम आगे विस्तार से चर्चा करेंगे।
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1. नीचे बैठकर खाना (Sitting on floor while eating)
नीचे बैठकर खाना भी हमारी भारतीय परंपरा का हिस्सा है। पहले के समय में लोग नीचे बैठकर खाना खाते थे और एक्सपर्ट के मुताबिक नीचे बैठकर खाने में शरीर सुखासन के पोज़ में आ जाता है जिससे एब्डॉमिनल मसल्स ठीक रहती है, ब्लड सर्कुलेशन बेहतर रहता है और फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ती हैं। अगर आपके पास खाने के लिए एक अलग जगह है जहां बैठकर आप भोजन को साफ-सफाई के साथ खा सकते हैं तो आपको नीचे बैठकर खाना चाहिए।
2. सूर्यास्त के बाद न खाना (No food after sunset)
भारतीय परंपरा के मुताबिक समय पर खाना चाहिए और सूरज डूब जाने के बाद खाना अवॉइड करना चाहिए। खाने और सोने के बीच में हमेशा 4 से 5 घंटों का समय होना चाहिए। आप खाने के बाद जितना समय बॉडी को देंगे उतना ही जल्दी खाना रच जाएगा और आप मोटापे के लक्षण या इस बीमारी से बच सकते हैं। समय पर खा लेने से आपको अनिद्रा या रात के समय गैस या पेट दर्द की समस्या भी नहीं होगी।
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3. हाथ से खाना (Eating food with hands)
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पहले के समय में हाथ से खाने की प्रथा थी और आयुर्वेद के मुताबिक भी हाथ से खाना सेहत के लिए अच्छा माना जाता है। आयुर्वेद के मुताबिक जब हम पांचों उंगलियों से खाने को ग्रहण करते हैं तो सारे सेंसरी ऑर्गन एक्टिव हो जाते हैं। इससे डाइजेशन भी अच्छा रहता है क्योंकि हम खाने को छूते हैं। इसके अलावा हाथ से खाना लोगों को ज्यादा अच्छा लगता है क्योंकि उनके मुताबिक इससे खाने का स्वाद बढ़ जाता है। कोविड को देखते हुए आपको हाथ से खाने के साथ सावधानी बरतने की जरूरत है क्योंकि अगर आप हाथ से खाना खा रहे हैं तो आपको अपनी थाली दूसरों के साथ शेयर नहीं करनी है और हाथों को साबुन और पानी से साफ करने के बाद ही खाने को हाथ लगाना है।
4. घर का बना खाने का ही सेवन करना (Eat home cooked food only)
भारतीय परंपरा के मुताबिक आपको खाना केवल घर का बना हुआ ही खाना चाहिए। घर का बना ताजा होने के साथ सेहतमंद होता है। आज कल इंस्टेंट फूड और पैक्ड फूड का चलन बढ़ गया है पर इससे हमारी सेहत को नुकसान हो रहा है। प्रिजर्वेंटिव डले होने के कारण पैक्ड या इंस्टेंट फूड को जरूरत से ज्यादा खा लेना मुमकिन नहीं है और ये आपकी सेहत को कई तरह से खराब कर सकता है और आपको मोटा बना सकता है। अगर आप ट्रैवल भी कर रहे हैं तो भी आपको घर के बने शुद्ध पौष्टिक भोजन का ही सेवन करना चाहिए।
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5. मिट्टी के बर्तन में खाना (Eating in clay pots)
पहले के जमाने में प्लासटिक, एल्यूमिनियम या स्टील के बर्तन नहीं होते थे और मिट्टी के बर्तन के खाना और खाना पकाना अच्छा माना जाता था। मिट्टी के बर्तन में खाना पकाने से खाने में कैल्शियम, फॉस्फोरस, आयरन, मैग्निशियम, सल्फर आदि मिनरल खाने में एड हो जाते हैं। मिट्टी के बर्तन में खाने से पीएच बैलेंस मेनटेन होतो है और कैंसर का खतरा कम हो जाता है।
पुरानी रीत के मुताबिक साथ खाने की परंपरा या एक ही थाली या एक साथ बैठकर खाने की परंपरा भी चलती आ रही है पर इस समय वैश्विक महामारी को देखते हुए आपको एक दूसरे से दूर बनाते हुए भोजन करना चाहिए।
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