शतावारी एक ऐसी जड़ी-बूटी है जो कि फर्टिलिटी बढ़ाने के लिए जानी जाती है। पर ये महिलाओं की कई परेशानियों के लिए रामबाण इलाज की तरह भी है।
मां बनना हर औरत की ख्वाहिश होती है। पर कई बार शरीर की कुछ कमियों के कारण कुछ महिलाएं मां नहीं बन पा रही होती हैं। ऐसे में कई बार कुछ जड़ीबूटियां और आयुर्वेदिक उपचार आपकी मदद कर सकती है। शतावारी (shatavari) एक ऐसी ही जड़ीबूटी है, जो कि गर्भधारण करने में आपकी मदद कर सकती है। शतावारी महिलाओं में फर्टिलिटी (Shatavari for fertility) की क्षमता बढ़ाती है और गर्भ ठहरने के लिए एक आयुर्वेदिक दवा के रूप में काम करती है। इतना ही नहीं ये महिलाओं में हार्मोनल बैलेंस को बेहतर बनाने में मदद करती है, जिससे गर्भधारण (shatavari benefits for pregnancy) करना आसान हो जाता है। इसके अलावा भी महिलाओं के लिए शतावारी के सेवन के फायदे और भी हैं, तो आइए जानते हैं उनके बारे में विस्तार से।
कई महिलाएं प्रजनन क्षमता की उम्र के दौरान पॉलिसिस्टिक ओवरियन सिंड्रोम की समस्या से गुजरती हैं, जिसके कारण उन्हें हार्मोनल अंसतुलन की समस्या होती है। शतावरी इन लक्षणों को कम करने, हार्मोनल को संतुलित करने में मदद करती है। इससे फर्टिलिटी की संभावना बढ़ती है और गर्भ ठहरने ( Shatavari for conceiving a baby) की उम्मीद बढ़ जाती है। शतावरी के सेवन से मेंस्ट्रुअल साइकल भी नियमित हो सकता है, जो कि प्रेग्नेंसी के लिए बहुत जरूरी है।
शतावरी में पाये जाने वाले मुख्य घटकों में से एक घटक स्टेरायडल सैपोनीन (steroidal saponins) है। यह घटक एस्ट्रोजन को नियंत्रित करने के लिए जाना जाता है। जिससे पीरियड नियमित होते हैं और कंसीव करने की संभावना बढ़ती है। साथ ही शतावरी शरीर में जमा नुकसानदायक तत्वों को बाहर निकालने में मदद करता है। जिससे, स्पर्म्स और एग को मिलने और प्रेगनेंसी के लिए अनुकुल माहौल तैयार करके फर्टिलिटी बढ़ाई जा सकती है।
इसे भी पढ़ें : शादी के बाद पैरों में बिछिया (Toe Ring) पहनने से क्या सच में बढ़ जाती है फर्टिलिटी? जानें एक्सपर्ट्स की राय
सर्वाइकल म्यूकस का सिक्रेशन कम होने के कारण भी गर्भाधारण में समस्या उत्पन्न होती है। सर्वाइकल म्यूकस गर्भाश्य ग्रीवा द्वारा स्रावित होता है और सर्वाइकल म्यूकस और स्पर्म महिलाओं के रिप्रोडक्टिव ट्रैक्ट में जाकर अंडों के साथ मिलते है। शतावरी में म्यूसिलेज होता है यह म्यूसिलेज मेम्ब्रेन को सुरक्षित रखने में टॉनिक की तरह काम करता है।
क्या आप जानते हैं कि तनाव का असर आपकी प्रजनन क्षमता पर भी पड़ता है। तनाव के कारण ओव्यूलेशन में समस्या और टिश्यू में सूजन या चोट के कारण प्रजनन प्रणाली पर असर पड़ता है, जिससे फैलोपिन ट्यूब ब्लॉक होने के साथ गर्भाशय फाइब्रॉएड और ओवरियन सिस्ट जैसी बहुत सी समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं। इन सब समस्याओं के चलते कंसीव करने में बाधा उत्पन्न होती है। लेकिन शतावरी का सेवन करने से शरीर में वाइट ब्लड सेल्स का उत्पादन बढ़ता है, जिससे सूजन कम करने, खून से हानिकारक विषाक्त पदार्थों और अपशिष्ट पदार्थ को अवशोषित करने में मदद मिलती है और प्रेग्नेंट होने की संभावनाएं बढ़ती हैं। गर्भधारण की इच्छा वाली महिलाओं को एक दिन में शतावरी का सूखा संयंत्र 4.5 मिलीग्राम ही लेना चाहिए।
इसे भी पढ़ें : हार्मोनल गर्भनिरोधक उपाय कितने सुरक्षित होते हैं? जानें इस तरह के कॉन्ट्रासेप्शन से होने वाले 10 नुकसान
शतावरी का सेवन आप सब्जी के रूप में कर सकती है। पर ध्यान रहे कि 1 कप से ज्यादा सब्जी ना खाएं। साथ ही शतावरी का सेवन चूर्ण या टेबलेट के रूप में भी किया जाता है, जिसे आपको डॉक्टरी की सलाह पर ही लेना चाहिए। ध्यान रहे कि ज्यादा मात्रा में भी इसका सेवन न करें, नहीं तो ये आपको और आपकी शुरुआती प्रेग्नेंसी को भी नुकसान पहुंचा सकता है।
Read more articles on Ayurveda in Hindi
इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है हालांकि इसकी नैतिक जि़म्मेदारी ओन्लीमायहेल्थ डॉट कॉम की नहीं है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें। हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है।