अल्जाइमर राेगियाें काे दवाइंयाें के साथ ही भावनात्मक रूप से भी सपाेर्ट की जरूरत हाेती है। जानें कैसे करें उनकी सही देखभाल
वृद्ध माता-पिता की देखभाल करना एक जटिल कार्य है। लेकिन जब अल्जाइमर की स्थिति आती है, ताे यह अधिक कठिन लगता है। अल्जाइमर में व्यवहारिक परिवर्तन हाेता रहता है, ऐसे में अगर आपके माता-पिता काे यह समस्या है ताे वे देखभाल का भी विराेध भी कर सकते हैं। एचसीएमसीटी मणिपाल अस्पताल, नई दिल्ली की सलाहकार-न्यूराेलॉजी डॉक्टर खुशबू गाेयल से जानें अल्जामर राेगी या मरीज की देखभाल कैसे की जानी चाहिए।
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अल्जाइमर के प्रारंभिक चरण के दौरान व्यक्ति स्वतंत्र रूप से रह सकता है। इसमें व्यक्ति सभी तरह के काम कर सकता है। जैसे गाड़ी चला सकता है, सामाजिक कार्य में याेगदान दे सकता है। लेकिन अल्जाइमर राेगी काे थाेड़ी बहुत अलग महसूस हाे सकता है।
मध्यम अल्जाइमर रोग के अन्य चरणों की तुलना में अधिक समय तक रहता है। इस अवस्था में लोग कई वर्षों तक रह सकते हैं। इसमें व्यक्ति में स्मृति हानि, भ्रम की स्थिति जैसे लक्षण नजर आते हैं। साथ ही बैचेनी, चिल्लाना और भटकना भी इनके लक्षणाें में शामिल हैं।
यह अल्जाइमर का अंतिम चरण है। इस अंतिम चरण में मरीज काे पूरे समय देखभाल की जरूरत पड़ती है। वे बिना सहारे के चल नहीं पाते हैं, बैठ नहीं पाते हैं। इसमें व्यक्ति काे निगलने में भी परेशानी आती है।
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अल्जाइमर में जैसे-जैसे बीमारी बढ़ती है, वैसे-वैसे उन्हें अधिक देखभाल की जरूरत पड़ती है। बीमारी बढ़ने पर शारीरिक जरूरताें की देखभाल करना भी जरूरी हाेता है। अगर आप मनोभ्रंश से ग्रसित किसी वरिष्ठ की देखभाल कर रहे हैं, ताे सबसे पहले आपकाे उनके राेग के बारे में जानना बहुत जरूरी हाेता है। अल्जाइमर राेग एक प्रकार का मनाेभ्रंश है। अल्जाइमर राेगी की देखभाल करते हुए आपकाे कुछ जरूरी बाताें का ध्यान रखना चाहिए।
1. अगर आपके माता-पिता या दादा-दादी काे अल्जाइमर है, ताे सबसे पहले आपकाे इसके बारे में जानना जरूरी हाेता है। आपकाे इसके स्टेज के बारे में जरूर पता हाेना चाहिए।
2. जब कोई व्यक्ति मनोभ्रंश के पहले चरण से मध्य चरण में आता है, ताे आपकाे अपने घर के वातावरण में कुछ बदलाव करने की जरूरत हाेती है। इसमें आपकाे राेगी काे घर में सभी सुख-सुविधाएं देना जरूरी हाेता है।
3. अल्जाइमर राेगी काे राेशनी वाले कमर में रखें। अंधेरे से दूर ही रखें। अपने घर की सीढ़ियाें, दरवाजे और बाथरूम में राेशनी रखें।
4. आपकाे अल्जाइमर राेगी की देखभाल के दौरान एक रूटीन बनाना जरूरी हाेता है। मरीज काे डेली एक्टिविटीज में शामिल करें। जैसे पौधाें काे पानी देना, व्यायाम करना शामिल करें। इससे राेगी का कॉन्फिडेंस बढ़ेगा और वह अच्छा महसूस करेगा।
5. अल्जाइमर राेगी काे हमेशा दवाइंया समय पर दें। मरीज के मेडिकल रिकॉर्ड्स आपकाे पता हाेना चाहिए। साथ ही मरीज के मेडिसिन काे लेकर फॉलाे-अप करते रहें।
6. अल्जाइमर के राेगी की एक्टिविटीज काे पहले से ही प्लान करके रखें।
7. जाे लाेग अल्जाइमर राेगी की देखभाल कर रहा है, उससे बातचीत करते रहें। उन्हें किताबें, अखबार पढ़ने की सलाह दें।
8. अल्जाइमर पेशेंट के साथ बातचीत करते रहें, उनके साथ हंसी-मजाक करें।
9. अल्जाइमर राेगी के लिए डाइट भी बेहद जरूरी हाेती है। इसलिए हेल्दी डाइट काे ही शामिल करें। मरीज काे समय-समय पर भाेजन दें। डाइट में ऐसे खाद्य पदार्थाें काे शामिल करें, जिन्हें आसानी से चबाया जा सकता है।
10. अल्जाइमर राेगी के लिए साफ-सफाई रखना भी बेहद जरूरी हाेता है। उनके लिए बाथरूम, उनका कमरा, फ्लाेर काे साफ रखें और गीला हाेने से बचाएं।
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अल्जाइमर राेगी के देखभाल के दौरान आपकाे खुद का ध्यान रखना भी बहुत जरूरी हाेता है। इसलिए बीच-बीच में ब्रेक लेते रहें। साथ ही अपनी डाइट का भी ध्यान रखें।
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