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क्या बरसात के मौसम में अचार खा सकते हैं? आयुर्वेदाचार्य से जानें फायदे-नुकसान

बरसात का मौसम आते ही खानपान को लेकर कई सावधानियां बरतनी पड़ती हैं। यहां जानिए, क्या बरसात के मौसम में अचार खा सकते हैं?
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क्या बरसात के मौसम में अचार खा सकते हैं? आयुर्वेदाचार्य से जानें फायदे-नुकसान


भारतीय भोजन में अचार का अपना अलग महत्व है, चाहे दाल-चावल हो या पराठा, अचार का छोटा-सा टुकड़ा खाने का स्वाद कई गुना बढ़ा देता है। अचार का तीखा और खट्टा स्वाद न सिर्फ भूख को बढ़ाता है बल्कि खाने को और भी स्वादिष्ट बना देता है। यही कारण है कि लगभग हर घर में अचार जरूर मिलता है। लेकिन जब बात बरसात के मौसम की आती है, तो अचार खाने को लेकर हमेशा सवाल (achar khana chahiye ya nahi) उठते हैं। इस मौसम में न केवल शरीर की इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है बल्कि पाचन तंत्र भी धीमा पड़ जाता है। यही वजह है कि बरसात में लोग अक्सर पेट से जुड़ी समस्याओं जैसे गैस, अपच, दस्त, कब्ज और एसिडिटी से परेशान रहते हैं। ऐसे समय में खानपान का चुनाव बहुत सोच-समझकर करना चाहिए। इस लेख में रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा (Ayurvedic doctor Shrey Sharma from Ramhans Charitable Hospital) से जानिए, क्या बरसात के मौसम में अचार खा सकते हैं?

क्या बरसात के मौसम में अचार खा सकते हैं? - Can We Eat Pickle During The Rainy Season

चटपटा स्वाद और खाने का मजा बढ़ाने वाला अचार लगभग हर किसी को पसंद होता है। लेकिन आयुर्वेद के अनुसार वर्षा ऋतु में अचार का सेवन करने से परहेज करना चाहिए। आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा बताते हैं कि बरसात के मौसम में अचार वे लोग ले सकते हैं जिन्हें खाने में अरुचि हो रही हो, ताकि भोजन अच्छा लगने लगे। लेकिन कोशिश करें कि अचार कम मात्रा में ही लें और तीक्ष्ण यानी बहुत मिर्च वाले अचारों का सेवन बरसात में बिलकुल न करें। इसके अलावा गाजर जैसे गर्म चीजों के अचारों का सेवन इस मौसम में न करें। कोशिश यही करें कि वर्षा ऋतु में अचार से परहेज ही किया जाए।

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  • आयुर्वेद के अनुसार जब भी ऋतु बदलती है तो शरीर की दोष संरचना (वात, पित्त, कफ) में भी परिवर्तन होता है।
  • वर्षा ऋतु यानी बरसात के मौसम में वात दोष बढ़ जाता है और पाचन अग्नि (डाइजेस्टिव फायर) बहुत कमजोर हो जाती है।
  • यही कारण है कि इस समय तैलीय, भारी और मसालेदार चीजों को पचाना मुश्किल हो जाता है।
  • अचार आमतौर पर तीखा, नमकीन, तैलीय और ऊष्ण (गर्म प्रकृति) वाला होता है।
  • ऐसे में यदि इसे बरसात के समय खाया जाए तो यह पेट पर अतिरिक्त बोझ डाल सकता है।
  • खासकर जिन लोगों को पहले से एसिडिटी, गैस, कब्ज या पाचन से जुड़ी समस्या रहती है, उनके लिए यह और अधिक हानिकारक हो सकता है।

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achar khana chahiye ya nahi

अचार कब नहीं खाना चाहिए? - achar kab nahi khana chahiye

  • जिनको एसिडिटी या सीने में जलन की समस्या रहती है।
  • जिन्हें गैस, कब्ज या पेट फूलने की शिकायत रहती है।
  • जिनका लिवर कमजोर है या फैटी लिवर की समस्या है।
  • डायबिटीज और ब्लड प्रेशर के मरीजों को भी अचार से परहेज करना चाहिए, क्योंकि इसमें नमक और तेल अधिक होता है।

निष्कर्ष

बरसात के मौसम में अचार खाने को लेकर अक्सर लोग उलझन में रहते हैं। आयुर्वेद साफ कहता है कि इस ऋतु में पाचन शक्ति कमजोर हो जाती है और शरीर पर वात-पित्त का असंतुलन बढ़ जाता है। ऐसे में अचार जैसी तीक्ष्ण, ऊष्ण और तैलीय चीजों का सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। अगर बिलकुल ही मन कर रहा हो तो बहुत थोड़ी मात्रा में हल्के अचार का सेवन किया जा सकता है, लेकिन कोशिश यही करें कि बरसात के मौसम में अचार से दूरी बनाए रखें।

All Images Credit- Freepik

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