मारबर्ग वायरस के कारण तंजानिया में 8 लोगों की मौत, WHO ने जारी की चेतावनी

Marburg virus outbreak in Tanzania: विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अफ्रीकी देश तंजानिया में मारबर्ग वायरस के कारण हुई मौतों की पुष्टि की है।
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मारबर्ग वायरस के कारण तंजानिया में 8 लोगों की मौत, WHO ने जारी की चेतावनी


Marburg virus outbreak in Tanzania: कोरोना और HMPV के बाद अब मारबर्ग वायरस ने दुनिया को चिंता में डाल दिया है। अफ्रीकी देश तंजानिया में मारबर्ग वायरस के कारण 8 लोगों की मौत हो गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा मारबर्ग वायरस के कारण हुई मौतों की पुष्टि की गई है। इस घटना को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने बेहद गंभीर स्थिति बताया है। डब्ल्यूएचओ के अधिकारियों ने मारबर्ग वायरस के फैलाव को रोकने के लिए तुरंत कदम उठाने की बात कही है। डब्ल्यूएचओ द्वारा जारी की गई चेतावनी में कहा गया है कि मारबर्ग वायरस अफ्रीकी देशों के 88 प्रतिशत लोगों को अपनी चपेट में ले सकता है और खतरनाक स्थिति पैदा कर सकता है।

अफ्रीकी देश में मारबर्ग वायरस से हुई मौतों (Marburg virus outbreak in Tanzania) के बाद एक बार फिर यह चिंता का विषय बन चुका है। ऐसे में इस वायरस से संक्रमित होने पर क्या-क्या लक्षण नजर आते हैं, तो इससे बचाव करने के लिए क्या करना चाहिए यह जानना जरूरी है।

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मारबर्ग वायरस क्या है?- What is Marburg virus?

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, मारबर्ग वायरस को पहली बार 1967 में जर्मनी के मारबर्ग और फ्रैंकफर्ट शहरों में पहचाना गया था। यह वायरस मुख्य रूप से चमगादड़ों के जरिए इंसानों में तेजी से फैलता है। मारबर्ग एक बार किसी व्यक्ति के शरीर में प्रवेश कर जाए, तो कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाने लगता है और हैवी ब्लीडिंग का कारण बन सकता है।

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मारबर्ग वायरस के लक्षण क्या हैं?- Symptoms of Marburg virus

मारबर्ग वायरस से संक्रमित होने पर इसके लक्षण शरीर में नजर आने में 2 से 5 दिन का समय लग सकता है। मारबर्ग वायरस के सामान्य लक्षण में सामान्य बुखार नजर आता है। मारबर्ग वायरस के अन्य लक्षण नीचे बताए गए हैं।

  • तेज बुखार
  • अत्यधिक थकावट और शारीरिक कमजोरी 
  • सिरदर्द 
  • मांसपेशियों में दर्द 
  • बार-बार दस्त होना 
  • आंतरिक और बाहरी ब्लीडिंग (नाक, मसूड़ों, या मल में खून आना) 
  • त्वचा पर चकत्ते होना

इन लक्षणों को अगर समय पर इलाज न किया जाए, तो यह गंभीर समस्याओं और मौत का कारण भी बन सकता है। अगर आपको इनमें से कोई लक्षण खुद में या अपने आसपास किसी में नजर आता है, तो तुरंत डॉक्टर या नजदीकी अस्पताल में संपर्क करें।

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मारबर्ग वायरस कैसे फैलता है?- How Marburg virus Spread in Human

मारबर्ग वायरस मुख्य रूप से चमगादड़ों के संपर्क में आने से इंसानों में फैलता है। इसके साथ ही, मारबर्ग वायरस से संक्रमित व्यक्ति के खून, लार, पसीने और मूत्र के संपर्क में आने से भी एक से दूसरे व्यक्ति के बीच फैल सकता है।

मारबर्ग वायरस का इलाज क्या है?- Treatment of Marburg virus

वर्तमान में मारबर्ग वायरस का इलाज करने के लिए दुनिया में कोई वैक्सीन या दवा मौजूद नहीं है। इस वायरस से संक्रमित व्यक्ति का इलाज करने के लिए एंटीबायोटिक का इस्तेमाल किया जाता है। साथ ही, मारबर्ग वायरस से संक्रमित व्यक्ति को ज्यादा मात्रा में तरल पदार्थ का सेवन करने की सलाह दी जाती है।

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निष्कर्ष

मारबर्ग वायरस एक जानलेवा बीमारी का कारण बनता है, लेकिन समय पर लक्षण पहचान कर इसका इलाज किया जा सकता है। मारबर्ग वायरस के लक्षण नजर आने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

Pic Credit: Freepik.com

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