Happy Father's Day 2020: शिशु से मां जैसा अटैचमेंट चाहिए, तो हर पिता अपनाएं ये 5 टिप्स

बच्चे के पैदा होते ही पिता तुरंत कोई रिश्ता नहीं बना पाते। उन्हें बच्चों के साथ मां जैसा अटैचमेंट पैदा करने के लिए काफी महनत करनी पड़त सकती है।
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Happy Father's Day 2020: शिशु से मां जैसा अटैचमेंट चाहिए, तो हर पिता अपनाएं ये 5 टिप्स


नवजात शिशु की देखभाल करना एक कठिन काम हो सकता है। नाजुक बच्चे को सही ढंग से पकड़ना या डायपर बदलने पर ध्यान देना हर माता-पिता के लिए आसान नहीं होता। मां तो इस सब कामों को तब भी आराम से कर पाती है, पर एक पिता के लिए ये काम थोड़ा मुश्किल होता है। एक पिता के लिए रोते हुए बच्चे का चुप कराना या उसके लिए दूध बना कर ले आना थोड़ा झंझट का काम हो सकता है। हालांकि, आज पिता को लेकर ये लोकप्रिय धारणाएं गलत हो रही हैं। इसके विपरीत आज पिता भी मां से कम बच्चे का ख्याल नहीं रखते। आज के पिता मां की तरह ही बच्चे के प्रति हर काम में बराबरी के भागीदार हैं। पर हां, पिता मां की तरह तुरंत अपने बच्चे के साथ एक लगाव नहीं बनाते हैं। ऐसे में जरूरी ये है कि वे अपने शिशु को पहले दिन से ही ज्यादा से ज्यादा समय दें। ऐसे ही कुछ टिप्स हम आपको देते हैं, जिसकी मदद से आप अपने शिशु के करीब आ सकते हैं।

Inside_baby care dad

अपने बच्चे से स्किन-टू-स्किन कांटेक्ट बनाएं

अपने बच्चे को शुरू से प्यार करें। उसे अपने आस-पास रखें। उसकी हर हरकतों को गौर करें। जब वो सोये तो औप भी उसके पास ही लेट जाएं। इस तरह वो मां की तरह आपकी खुशबू भई पहचानने लगेगा। उसे अपने सीने पर सुला कर प्यार करें। इस तरह वे आपकी धड़कनों को भी समझने लगेगा। इसके साथ ही बच्चे को पकड़न से आपके तनाव के स्तर में भी की आ जाती है और इससे ऑक्सीटोसिन (खुश हार्मोन) रिलीज होने लगता है। यही कारण है कि पिता के लिए बच्चे के साथ खेलना-कूदना आदि भी जरूरी है। इस तरह धीरे-धारे पिता और बच्चे में स्किन-टू-स्किन कांटेक्ट बन जाएगा।

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उसकी देखरेख वाले काम खुद करें

यदि बच्चे को स्तनपान कराया जा रहा है, तो आप फीड के बाद उसे संभाल सकते हैं। वहीं कुछ अतिरिक्त बॉन्डिंग में चुपके से छोटे पालने में डालकर उसे सुलाएं या उसके साथ खेलें। वहीं अगर आपके बच्चे को बोतल से दूध पिलाने में मजा आता है, तो आप बच्चे को दूध पिलाने का काम कर सकते हैं। साथ ही उसे नहाना, डायपर बदलना और प्यार करना भी इसमें शामिल हो सकता है। इस तरह ये आपकी आदत हो जाएगी और आप उसे प्यार करने लगेंगे। शाथ ही ये आपका बच्चा आपको पहचानने लगेगा।

शिशु की हरकतों को समझें

चूंकि आपका शिशु वास्तव में शब्दों और वाक्यों का उपयोग करके संवाद नहीं कर सकता, इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि आप उसके इशारे को समझें और उसके हिसाब से उसकी चीजें करें। यह समझें कि जब बच्चा रो रहा है तो वह क्या कह रहा है। हर बार रोने का मतलब ये नहीं होता है कि वो भूखा है। उसे नींद भी आ सकती है और वो बीमार भी हो सकता है। इसे समझने के लिए जरूरी है कि आप अपने शिशु को समझें और उसे प्यार करें। उनकी हरकतों पर गौर करें और धीरे-धीरे आप समझ जाएंगे कि वो क्या चाहते हैं।

शिशु से बात करें

नए डैड्स के लिए, जब बच्चे के साथ बॉन्डिंग की बात आती है, तो उसके साथ अपने संबंधों को गहन बनाना जरूरी है। इसके लिए अपने बच्चे से बात करें और उसे पुचकारे। ऐसा इसलिए क्योंकि बच्चा आपके करीब आना लगेगा। भले ही आपकी भाषा वो समझ न पाए पर धीरे-धारे आपकी आवाज समझने लगेगा। इसके अलावा कुछ गा भी सकते हैं, ऐसे ही जैसे कि वो समझ रहा हो आप क्या कह रहे हैं। कभी भी कहीं से आएं उसे आवाज दें, उसके पास रूके और प्यार करें। उसे खूब बोल-बोल कर पुचकारें और हंसे-बोले। उसी की तरह मुंह बानाएं और प्यार करें।

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शिशु के साथ खेलें

कम से कम 30 मिनट तक हर दिन अपने बच्चे के साथ खेलें और रोजाना इसे करें। यदि आप चाहते हैं कि बच्चा आपकी गोद में आकार न रोए और आनंद लें, तो इसके लिए आपको उसे अपनी आदत डलवानी होगी। उसके जैसी हरकतें करनी होंगी और अलग अगल प्रकार के मुंह बना कर उसे खुश करना होगा। इन सभी चीजों को ख्याल रख कर ही आप अपने बच्चे के करीब जा सकते हैं। मां-बाप के साथ बच्चे का रिश्ता वैसा ही बनता है, जैसे वे बनाते हैं। बड़े होने के बाद भी वे उसी मां-बाप के करीब होते हैं, जिन्होंने उन्हें बचपन से समझा हो या प्यार किया हो।

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