
बारिश का मौसम (Rainy Season) बच्चों को अच्छा लगता है। बारिश में भीगना, चेहरे पर बूंदों की ठंडक, पानी में खेलना और छुट्टियां एंजॉय करना अक्सर बच्चों की आदत होती है। लेकिन यही मॉनसून का वो मौसम (Monsoon Season) भी है, जिसमें बच्चे सबसे ज्यादा बीमार पड़ते हैं। बारिश आते ही कई तरह की बीमारियों और संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए इस मौसम में बच्चों को हवा में फैलने वाले संक्रमण और बीमारियों (Airborne diseases in Kids) से बचाना बहुत जरूरी है। इस मौसम में वायरल बुखार (Viral Fever), जुकाम (Cold) और फ्लू (Flu) का खतरा बढ़ जाता है।
इन दिनों दुनियाभर में कोरोना वायरस पहले से ही फैला हुआ है, जिसके लक्षण भी इन सामान्य वायरल बीमारियों के जैसे ही हैं। इसलिए छोटी-मोटी समस्याएं होने पर भी लोग घबरा रहे हैं और परेशान हो रहे हैं। अस्पतालों में भी काफी ज्यादा मरीज पहुंच रहे हैं, जिसकी वजह से सभी का समुचित इलाज नहीं हो पा रहा है। इसलिए जरूरी है कि आप इस मौसम में अतिरिक्त सावधानी बरतें और बच्चों को बीमार होने से बचाने का हर संभव प्रयास करें।
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क्या हैं एयरबॉर्न बीमारियां?
एयरबॉर्न बीमारियां यानी हवा में फैलने वाले रोग दरअसल संक्रमण होते हैं, जो हवा में मौजूद वायरस और बैक्टीरिया के द्वारा फैलता है। ये बीमारियां एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भी फैल सकती हैं, इसलिए इनसे सावधान रहना भी जरूरी होता है। चूंकि बच्चों का इम्यून सिस्टम वयस्कों से कमजोर होता है इसलिए बच्चे इन वायरस और बैक्टीरिया की चपेट में आने के बाद जल्दी बीमार होते हैं। ये सामान्य बीमारियां हैं-
- इंफ्लुएंजा या फ्लू
- सामान्य जुकाम (कॉमन कोल्ड)
- चेचक (चिकनपॉक्स)
- खसरा
- कुकुर खांसी
बच्चों को इन बीमारियों से बचाने के लिए जरूरी सावधानियां और टिप्स
ये हवा जनित बीमारियां कुछ दिनों से कुछ सप्ताह तक रह सकती हैं, लेकिन ये आमतौर पर आसानी से ठीक हो जाती हैं। इसलिए इनसे बच्चों को बचाने के लिए बारिश के मौसम में आपको इन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
- बच्चों को बारिश में भीगने से रोकें और मौसम ठंडा हो तो एसी, कूलर का प्रयोग न करें या कम से कम करें।
- दुनियाभर में कोरोना वायरस के खतरों को देखते हुए दिन में कई बार साबुन से हाथ धोने और सैनिटाइजर के प्रयोग की आदत को बच्चों में डलवाना भी बहुत जरूरी है।
- बच्चे जब भी घर से बाहर निकलें तो मुंह पर मास्क या कोई कपड़ा लगाकर ही निकलें। इससे कोरोना वायरस के साथ-साथ दूसरी वायरल बीमारियों से भी बचाव रहेगा।
- ध्यान रखें कि आपके बच्चे खाना खाने से पहले, घर के बाहर से खेलकर आने के बाद, बाथरूम या टॉयलेट के इस्तेमाल के बाद साबुन से अच्छी तरह 20 सेकेंड तक रगड़कर हाथ धोएं।
- इसके अलावा भी दिन में बीच-बीच में 6 से 8 बार हाथ धोते रहें।
- अगर बच्चे बारिश में भीग जाते हैं, तो घर लौटते ही सबसे पले उनके पैरों को पानी से धुलाएं और गर्म पानी से नहलाएं, ताकि अनचाहे जर्म्स और बैक्टीरिया शरीर से निकल जाएं। याद रखें बच्चे अक्सर मां-बाप को ही फॉलो करते हैं, इसलिए ये आदतें आपको स्वयं के लिए भी डालनी चाहिए।
- छोटे बच्चों को सभी जरूरी टीके समय-समय पर लगवाते रहें। टीकाकरण में कोई लापरवाही न बरतें।
- अगर बच्चे को किसी भी तरह की समस्या होती है, जैसे- लगातार खांसी, कई दिनों तक बुखार, भूख न लगना, नाक बहना, थकान और पेट दर्द आदि, तो चिकित्सक को दिखाकर उसका सही इलाज शुरू करें।
- कई बार सामान्य से इंफेक्शन को भी अगर लंबे समय तक नजरअंदाज करते रहें, तो निमोनिया हो सकता है। इसलिए बच्चों के इलाज में लापरवाही न बरतें।