
ठंड के मौसम में पैरों की देखभाल में जरा सी भी लापरवाही करना, आप पर भारी पड़ सकता है। इसके कारण आपको पैरों में कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं।
सर्दियां अपने साथ सिर्फ सर्दी-जुकाम जैसे मौसमी परेशानियों को ही नहीं लाती, बल्कि हाथ-पैर के लिए भी गंभीर बीमारियां लाती है। जी हां, तापमान घटने के साथ शरीर के हर तंत्र में बदलाव होता है, जिसका असर अलग-अलग अंगों पर नजर आता है। आज हम बात सर्दियों में पैरों से जुड़ी परेशानियों (foot disease in winter)की कर रहे हैं, जो कि आमतौर पर बहुत से लोगों को परेशान करता है। सर्दियों में पैरों से जुड़ी परेशानियों का सबसे बड़ा कारण है, ब्लड सर्कुलेशन का धीमा पड़ जाना है। इसके अलावा लोगों की लाइफस्टाइल और पैरों की देखभाल (Winter Foot Care Tips) से जुड़ी लापरवाही भी इन बीमारियों का कारण बनती हैं। तो, आइए सबसे पहले जानते हैं सर्दियों में पैरों में होने वाली 5 आम बीमारियां और फिर जानेंगे सर्दियों में पैरों की देखभाल कैसे करें?
सर्दियों में पैरों से जुड़ी परेशानियां -foot disease in winter
1.ठंड से पैरों की स्किन का सिकुड़ना -Trench Foot
ट्रेंच फुट (Trench Foot) पैरों से जुड़ी एक ऐसी गंभीर स्थिति है, जो कि लंबे समय तक पैरों के गीले रहने के कारण होती है। इसमें पैरों खास कर की एड़ियों में ठंड और गीलेपन के कारण फफोले हो जाते हैं और रेडनेस आ जाती है। दरअसल लंबे समय तक ठंड और गीलेपन के साथ रहने से, आपके पैर अपना ब्लड सर्कुलेशन और तंत्रिका कार्य को खोने लगते हैं। तब पैरों में ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। इसमें व्यक्ति को पैरों में गैंग्रीन, टिशूज और नर्व को नुकसान और अल्सर आदि होता है।
ट्रेंच फुट के लक्षण
ट्रेंच फुट के लक्षणों की बात करें, तो इसमें ज्यादा देर तक पैरों के ठंडे रहने से त्वचा के टिशूज बेजान हो जाते हैं और इसके कारण पैरों में शीतलता और सुन्नता आ जाती है। साथ ही इस कंडीशन में जब आप गर्मी के संपर्क में आते हैं या गर्म चीजों से पैरों की सिकाई करते हैं, तो पैरों में तेज दर्द होता है। लगातार खुजली होती है और रह-रह कर झुनझुनी होती है। ट्रेंच फुट के ये लक्षण केवल पैरों के एक हिस्से को प्रभावित कर सकते हैं। लेकिन सबसे गंभीर मामलों में, ये आपके पैर की उंगलियों सहित पूरे पैरों में अपना विस्तार कर सकते हैं।
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2.प्लांटर फेशिआइटिस -Plantar Fasciitis
सर्दियों में कई लोगों के एड़ी का दर्द (Foot Pain in winter) बढ़ जाता है। ये प्लांटर फेशिआइटिस (Plantar Fasciitis) के कारण हो सकता है। ठंडा तापमान आपके जोड़ों के टिशूज में खिंचाव का कारण बनती है, जिससे जोड़ों का दर्द होता है। साथ ही सर्दियों के मौसम में कैलकेनियम के भीतरी परत में सूजन आ जाती है। इसके कारण जैसे ही हम अपना पैर जमीन पर रखते हैं, एक तेज दर्द हमें अपनी एड़ी में महसूस होता है। इसके लक्षणों की बात करें, तो इसमें
- -व्यक्ति के पैरों को जमीन पर रखते ही तेज दर्द होता है।
- -खास कर ये दर्द सुबह बिस्तर से उतरते ही होता है।
- -एड़ी में सूजन आ जाती है।
- -प्रभावित क्षेत्र में संक्रमण, जैसे रेडनेस और दर्द आदि होता है।

3.पैरों में पाला मार जाना या सर्दी लग जाना - Chilbains
चिलब्लेंस (Chilbains) ठंडी हवा के संपर्क में आने के बाद ब्लड वेसल्स की सूजन के कारण होने वाले छोटे घाव हैं। ये अक्सर दर्दनाक होते हैं और आपके हाथों और पैरों पर त्वचा को प्रभावित करते हैं। दरअसल, ठंड का मौसम, आपकी त्वचा की सतह के पास छोटी रक्त वाहिकाओं को कसने का कारण बन सकता है। एक बार जब आप गर्म हो जाते हैं, तो ये घाव बहुत तेजी से फैलने लगते हैं। फिर ये टिशू में सूजन पैदा करती है। सूजन तब प्रभावित क्षेत्र में नसों को परेशान करती है, जिससे दर्द होता है। इसके लक्षणों की बात करें, तो
- -चिलब्लेंस त्वचा के पैच होते हैं जो सूजे हुए और लाल या कभी-कभी नीले रंग के दिखाई देते हैं।
- - सूजन के कारण, घाव चमकने लगते हैं।
- -तेज जलन
- -फफोले
- -खुजली

4.ठंडे पैर-Cold Feet
ठंडे पैर शरीर के ठंडे तापमान पर शरीर की सामान्य प्रतिक्रियाओं में से एक हैं। जब शरीर ठंडा हो जाता है, तो हाथ और पैर जैसे छोरों में रक्त वाहिकाएं संकुचित हो जाती हैं। इससे इन क्षेत्रों में ब्लड का प्रवाह कम हो जाता है, जिससे शरीर की गर्मी कम हो जाती है। समय के साथ यह ब्लड सर्कुलेशन में कमी के कारण ऊतकों में ऑक्सीजन की कमी हो सकती है, जिससे कि शरीर का ठंडा क्षेत्र नीले रंग का होने लगता है। इसके लक्षणों को देखें, तो इसमें
- -पैरों में खराब ब्लड सर्कुलेशन
- -लाल और सूजन भरी उंगलियां
- -दर्द और खुजली
- -पैरों का सुन्न हो जाना।
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5.पैरों में इंफेक्शन-Foot Infections
सर्दियों में पैरों की सही से रख रखाव न करने के कारण आपके पैरों में फंगल और बैक्टीरियल इंफेक्शन हो सकता है। साथ ही कई लोगों को ठंड के कारण एक्जिमा जैसी परेशानी भी हो जाती है। इसमें पैरों की त्वचा पपड़ीदार होकर उतरने लगती है। यह समस्या बैक्टीरिया के कारण होती है। साथ ही कई लोगों को रिंगवर्म हो जाता है, जो कि फैलता भी है। ये पैरों में छल्लेदार आकार का होने वाला फंगल इंफेक्श है। इसमें पैरों की त्वचा लाल और कठोर हो जाती है। इन सबके अलावा पानी में ज्यादा समय तक काम करने से भी लोगों को फंगल इंफेक्शन हो जाता है। पैरों में इंफेक्शन के लक्षणों की बात करें, तो
- - ऐसे में नाखून लाल हो जाते हैं
- - नाखून पर सूजन आने के साथ ही खुजली भी होती है।
- -पपड़ीदार त्वचा होने के कारण ये दिन रात खुजली का कारण बन जाते हैं।

सर्दियों में पैरों की देखभाल कैसे करें? -How To Take Care legs In Winter Season
- - कम सर्दी में सूती और ज्यादा सर्दी में सूती के ऊपर ऊनी जुराब और दस्ताने पहनें।
- - जहां तक संभव हो ऊनी व सूती कपड़े पहननें।
- - सुबह-शाम के समय पानी में काम करना जरूरी है तो गर्म पानी का इस्तेमाल करें।
- - बाहर निकलते समय हाथों में दस्ताने और पैरों में जुराब जरूर पहनें।
- -सर्दियों में हाथ-पैर में होने वाली सूजन और जलन से बचने के लिए गर्म पानी में सेंधा नमक मिलाकर 10 से 15 मिनट के लिए इसमें पैर रखें।
- -कटोरी में थोड़ा जैतून या नारियल का तेल लें, तवे पर रखकर उसे गर्म कर लें। इस तेल से पैर की मालिश करें। इससे प्रभावित नसों में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होगा और दर्द दूर हो जाएगा।
- - इंफेक्शन से दूर रहने के लिए जरूरी है कि आप अपने पैरों की अच्छे से सफाई करें। पैरों की सफाई करते समय अंगुलियों के बीच के हिस्से की भी सफाई करें।
- -पैरों को अच्छे से सूखा कर मोजे पहनें और तब जूते पहनें। बिना मोजे के जूते पहनना, पैरों में संक्रमण का कारण बन सकता है।
- - प्लांटर फेशिआइटिस की परेशानी में नंगे पैर घूमने से बचें।
- -ब्लड सर्कुलेशन को सही रखने के लिए एक्सरसाइज करें।
हालांकि, ये सभी घरलू नुस्खे हैं, जो कि धीमे-धीमे ही काम करेंगे। इसलिए अगर आपको चिलब्लेन या प्लांटर फेशिआइटिस जैसी कोई भी गंभीर परेशानी है, तो आपको अपने डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना चाहिए। तो, सर्दियो में अपने पैरों का रखें खास ध्यान और हेल्दी रहें।
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