रूमेटाइड अर्थराइटिस (what is rheumatoid arthritis) या गठिया एक ऑटोइम्यून बीमारी है, जिसमें हमारा इम्यून सिस्टम शरीर के अलग-अलग टिशूज पर खुद ही हमारा कर देती है। इसमें शरीर के जॉइंट्स में दर्द, सूजन होने के साथ ही उनका आकार बदल जाता है। अगर आप रूमेटाइड अर्थराइटिस से पीड़ित हैं, तो आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से आपके जोड़ों के अस्तर को एंटीबॉडी भेजती है, जहां वे ज्वाइंट्स के आसपास के टिशूज पर हमला करते हैं। फिर ये यह आपके जोड़ों को ढकने वाली कोशिकाओं (सिनोवियम) की पतली परत में सूजन पैदा करते हैं और बीमारी को और गंभीर बना देते हैं। पर इन सब के अलावा रूमेटाइड अर्थराइटिस के बारे में सबसे चिंताजनक बात ये है कि ये न सिर्फ हमारे जोड़ों को प्रभावित करता है बल्कि, शरीर के अलग-अलग अंगों, जैसे आंखों को, लंग्स, दिल और खून की धमनियों और त्वचा पर भी बुरा असर डालता है। इसलिए रूमेटाइड अर्थराइटिस से जुड़ी इन चिंताजनक स्थितियों को समझने के लिए हमने डॉ. अरुण पाण्डेय (Dr.Arun Pandey) से बात की, जो कि एक ऑरथोपेडिक डॉक्टर (हड्डी रोग विशेषज्ञ) हैं।
रूमेटाइड अर्थराइटिस के कारण (causes of rheumatoid arthritis)
डॉ. अरुण पाण्डेय बताते हैं कि अर्थराइटिस आमतौर पर हड्डियों से जुड़ी परेशानी है और रूमेटाइड अर्थराइटिस इसी का एक प्रकार है। रूमेटाइड अर्थराइटिस ऑटोइम्यून रोग है, जिसमें इम्यून सिस्टम साइनोवियम (synovium)नामक शरीर के सेल्स और जोड़ों पर हमला करती है। इसके कारण जोड़ों में सूजन होती है, जो जोड़ों में दर्द और अकड़न का कारण बनती है। ज्यादा बढ़ जाने पर ये टेंडन्स और लिगामेंट्स में भी खिंचाव का कारण बनती है। साथ साइनोवियम का सूजन कार्टिलेज और जोड़ों के बीच की हड्डी को नुकसान पहुंचाती है। रूमेटाइड अर्थराइटिस होने के आम कारणों की बात करें, तो इनमें शामिल है
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रूमेटाइड अर्थराइटिस का प्रभाव -how does rheumatoid arthritis affect the body?
1.आंखों पर रूमेटाइड अर्थराइटिस का असर
रूमेटाइड अर्थराइटिस विभिन्न प्रकार के आंखों से जुड़ी परेशानियां (rheumatoid arthritis effect on eyes)भी पैदा करता है, जिसमें कि ज्यादातर लोगों को ड्राई आईज (dry eye) और आंखों के मिडल लेयर ( uveitis) में सूजन आ जाती है। ऐसा इसलिए कि रूमेटाइड अर्थराइटिस वाले लोगों को Sjögren's सिंड्रोम नामक एक ऑटोइम्यून बीमारी भी होती है, जिसमें आपका इम्यून सिस्टम लार और आंसू ग्रंथियों जैसी नमी पैदा करने वाली कोशिकाओं पर हमला करती है, जिससे कि आंखों का पानी भी सूख जाता है। लंबे समय तक आंखों के सूखने से कॉर्निया का टेढ़ापन, अल्सरेशन, संक्रमण और कई अन्य परेशानियां भी पैदा कर सकती हैं। इसके अलावा बात अगर आंखों के मिडल लेयर ( uveitis) में सूजन की करें, तो इसमें आंखों के अंदर आईबॉल (eyeball) के स्केलेराइटिस में सूजन आ जाती है। इसके लक्षणों की बात करें, तो
- -आंखों में दर्द
- - रेडनेस
- -धुंधली दृष्टि की परेशानी हो जाती है।

2.रूमेटाइड अर्थराइटिस के कारण फेफड़ों की समस्याएं
अर्थराइटिस वाले लोगों को फेफड़ों के टिशूज में सूजन होने का खतरा होता है। हालांकि यह पूरी तरह से समझ में नहीं आया कि यह क्यों होता है, लेकिन यह माना जाता है कि यह पर्यावरणीय जोखिम का एक संयोजन है, जैसे तंबाकू का धुआं, गंभीर अर्थराइटिस और त्वरित उम्र बढ़ने की प्रक्रिया आदि। Arthritis Foundation की मानें, तो रूमेटाइड अर्थराइटिस के बढ़ जाने पर इम्यून सिस्टम द्वारा फेफड़ों पर हमला करने के कारण फेफड़ों से जुड़ी निम्न परेशानियां होती हैं। जैसे कि
- -फेफड़ो में पानी (फ्लूयड) भर जाना
- -फेफड़े पर निशान पड़ जाना
- -वायुमार्ग में रुकावट (ब्रोंकियोलाइटिस ओब्स्ट्रक्शन)
- -फेफड़ों का ब्लड प्रेशर बढ़ जाना
रूमेटाइड गठिया में फेफड़ों की समस्याओं के लक्षणों पर ध्यान दें, तो इसमें व्यक्ति को लगातार खांसी और सांस की तकलीफ होती है, जो कि बिगड़ जाने पर छाती में दर्द का कारण भी बनता है। ध्यान रहे कि अगर आपको गठिया है और आप धूम्रपान कर रहे हैं, तो ये शरीर की हर परेशानी को धीमे-धीमे बढ़ा देगा।
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3.रूमेटाइड अर्थराइटिस के कारण दिल से जुड़ी बीमारियां
रूमेटाइड अर्थराइटिस हार्ट अटैक होने का खतरा ज्यादा रहता है। ऐसा इसलिए कि रूमेटाइड अर्थराइटिस में सूजन के कारण कई बार लोगों के ब्लड वेसेल्स सिकुड़ जाती हैं और धमनियों के अंदर प्लॉक जैसा जमने लगता है। अगर यह प्लॉक ब्लड वेसल्स को रोकती है, तो दिल का दौरा या स्ट्रोक हो सकता है। साथ ही ये सूजन ब्लड वेसल्स की दीवारों को नयी आकृति प्रदान कर सकती है, जिससे वाहिकाओं के अंदर प्लॉक टूटने की संभावना अधिक होती है, जिससे दिल का दौरा भी पड़ सकता है। साथ ही प्लॉक का ज्यादा जम जाने के कारण रूमेटाइड अर्थराइटिस वाले लोगों में कोलेस्ट्रॉल का स्तर भी डिसबैलेंस होने की संभावना अधिक होती है। इससे आरए वाले लोगों के लिए दिल का दौरा पड़ने का खतरा और भी बढ़ जाता है।
4.हाथ-पैर की नसों में झुनझुनी या सुन्नता
रूमेटाइड अर्थराइटिस वाले लगभग 5 प्रतिशत लोगों मे, रूमेटाइड वैस्कुलाइटिस (rheumatoid vasculitis) विकसित होता है। वैस्कुलाइटिस के सबसे आम लक्षणों की बात करें, तो इसमें लोगों के
- -पैरों में अल्सर, जो नाखूनों के चारों ओर या उसके नीचे हो सकते हैं।
- - चूंकि रुमेटीयड वैस्कुलिटिस हाथ और पैर की नसों को प्रभावित कर सकता है, इसलिए आपको जलन, झुनझुनी या सुन्नता महसूस हो सकती है।
5. रूमेटाइड अर्थराइटिस का स्किन पर असर
रूमेटाइड अर्थराइटिस जब बहुत ज्यादा बढ़ जाता है तो ये आपकी स्किन को भी प्रभाविक करने लगता है। इसमें त्वचा चकत्ते या रैशेज हो जाते हैं। ये लाल चकत्ते त्वचा पर लाल, दर्दनाक और खुजलीदार पैच के रूप में दिखाई दे सकते हैं। उन्हें गहरे लाल रंग के खुजलीदार दानों के रूप में भी देखा जा सकता है। ये सबसे ज्यादा उंगलियो पर होते हैं। आरए रैशेज धमनियों की सूजन के कारण होते हैं जो शरीर त्वचा और नसों सहित विभिन्न अंगों में ब्लड सर्कुलेट करते हैं। सूजन वाली धमनियों को रूमेटाइड वैस्कुलाइटिस के रूप में जाना जाता है और किसी की त्वचा की सतह पर रूमेटाइड अर्थराइटिस दाने या पैच पैदा कर सकता है। इसके लक्षणों की बात करें, तो इसमें
- -उंगलियों पर या उसके आस-पास की धमनियों में दर्दनाक पैच नजर आ सकते हैं।
- - पैरों में प्रभावित धमनियों में बहुत सारे दाने हो सकते हैं।

रूमेटाइड अर्थराइटिस से बचाव का एक मात्र तरीका यही है कि आप सबसे पहले अपनी लाइफस्टाइल को ठीक करें। अगर आपके यहां रूमेटाइड अर्थराइटिस अनुवांशिकी के कारण नहीं है, तो ये लाइफस्टाइल जुड़ा हुआ हो सकता है। इसलिए पहले को अपनी डाइट सही करें और कैल्शियम और विटामिन सी युक्त चीजों को खाएं। उसके बाद वजन संतुलित रखें और धूम्रपान करना बंद कर दें।
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