गाजियाबाद के विजय नगर इलाके के चरण सिंह क्षेत्र में कुत्ते ने एक 14 वर्षीय बच्चे को कुत्ते ने काट लिया। जिसके बाद डर की वजह से बच्चे ने परिजनों से यह घटना छिपाई। 4 दिनों पहले बच्चे में रैबीज इंफेक्शन के लक्षण देखे गए। हालत बिगड़ने पर परिजन बच्चे को अस्पताल लेकर पहुंचे, जिसके बाद चिकित्सकों ने टेस्ट कर उसे भर्ती करने से मना कर दिया।
इलाज के लिए कई अस्पतालों में भटके परिजन
बच्चे के रैबीज इंफेक्शन फैलने के बाद परिजन उसे गाजियाबाद के एम.एम अस्पताल से लेकर मेरट और दिल्ली के ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज और जीटीबी में लेकर गए। अस्पताल में उसे लाइलाज बताकर भर्ती करने से मना कर दिया, जिस कारण सोमवार रात बच्चे की मौत हो गई। पिता याकूब के मुताबिक रैबीज फैलने के बाद बच्चे को पास के अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसका इलाज करने से मना कर दिल्ली ले जाने की बात कही।
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मौत से पहले दिखे ये लक्षण
याकूब ने बताया कि एक सितंबर को बच्चा अजीब-गरीब हरकतें कर रहा था। वह बात-बात पर जीभ निकालने लगता था और शरीर को मोड़कर बैठ जाता था।ऐसे में वह अंधेरे में रहना ज्यादा पसंद करने लगा था साथ ही रात में अजीब तरह की आवाजें भी निकालता था। बच्चे के दादा अहमद के मुताबिक कुत्ते ने बच्चे को एक से डेढ़ महीने पहले ही काटा था, लेकिन उसने इस बात की सूचना नहीं दी। वहीं, सही इलाज नहीं मिल पाने से उसकी मौत हो गई।
कुत्ते के काटने पर क्या करें?
कुत्ते के काटने के बाद तत्काल रूप से फर्स्ट एड लेनी चाहिए। ऐसे में आप प्रभावित हिस्से पर गर्म पानी डालें और उसे साबुन से धोएं। इसके लिए एंटीबैक्टीरियल लोशन या फिर बैक्टीरिया को फैलने से रोकने के लिए किसी साफ कपड़े को भी प्रभावित हिस्से पर लगा सकते हैं। इससे खून निकलना बंद हो सकता है। ऐसे में बैक्टीरिया फैलने का भी खतरा काफी कम रहता है। इससे रैबीज फैलने से रोका जा सकता है। ऐसे में लापरवाही करने से शरीर में इंफेक्शन फैलने का जोखिम बढ़ सकता है।