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इस बीमारी के होने पर 100% तय है मौत लेकिन 100% बचाव का तरीका भी है मौजूद, डॉक्टर से जानें इसके बारे में

रेबीज की बीमार जानलेवा साबित हो सकती है। आइए जानें कुत्ते और बिल्ली के काटने पर होने वाली इस बीमारी के लक्षण और बचाव के तरीके क्या हैं?
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इस बीमारी के होने पर 100% तय है मौत लेकिन 100% बचाव का तरीका भी है मौजूद, डॉक्टर से जानें इसके बारे में


आपने कई बार फिल्मों में ऐसी लाइलाज बीमारियां देखी होंगी, जिनका अंजाम मौत होता है। अब देखा जाए, तो अगर किसी बीमारी को ठीक करने के लिए कोई इलाज या दवाई ही नहीं है, तो इंसान की मृत्यु होनी ही है। ये बात सुनने में गलत नहीं लग रही है, लेकिन अगर हम आपको कहें कि एक ऐसी बीमारी भी है, जिसमें मरने के 100% चांस होते हैं, लेकिन इस बीमरी से 100% बचा भी जा सकता है। इसके लिए आपको बस कुछ सावधानी बरतने की जरूरत है। इस तरह आप खुद को बीमारी  फैलाने वाले बैक्टीरियाओं से बचा सकते हैं। बता दें कि यहां हम रेबीज बीमारी के बारे में बात कर रहे हैं। आपने रेबीज के बारे में जरूर सुना होगा। यह बीमारी कुत्ते या बिल्ली के काटने पर फैल सकती है। इस बारे में एम्स की न्यूरोलॉजिस्ट और एमडी मेडिसिन डॉ. प्रियंका शेरावत का कहना है कि कुत्ते और बिल्ली के सलाइवा में रेबीज का वायरस होता है। ऐसे में अगर इन दोनों जानवरों ने आपको काटा है या गलती से इनका दांत भी आपके लग गया है, तो समय रहते सही इलाज न करवाने पर आपको रेबीज की समस्या हो सकती है। आइए अब डॉक्टर से इस बारे में विस्तार से जानते हैं।

रेबीज क्या है?- What is Rabies

rabies

अगर रेबीज को अच्छी तरह से समझने की कोशिश करें, तो यह एक वायरल संक्रमण है। रेबीज की बीमारी दिमाग और स्पाइनल कॉर्ड को प्रभावित करती है। यह जानवरों से जुड़ी बीमारी है। जैसा हमने आपको बताया कि रेबीज वायरस, संक्रमित जानवर के काटने से इंसानों के शरीर पहुंच जाता है। रेबीज रबडोवायरस (rhabdovirus) परिवार का एक आरएनए वायरस है। अगर आप रेबीज से बचना चाहते हैं, तो जानवर के काटने या दांत लगने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।

रेबीज होने पर दिखते हैं ये लक्षण- Rabies Symptoms

बता दें कि शरीर में रेबीज के कई लक्षण नजर आ सकते हैं। हालांकि, यह लक्षण कई मामलों में जल्दी और कई मामलों में देरी से भी नजर आ सकते हैं। रेबीज के लक्षणों में काटने वाली जगह पर दर्द, खुजली, या झुनझुनी महसूस होना, बुखार, सिरदर्द, और थकान, गले में ऐंठन और मुंह से झाग आना, भ्रम, चिंता, बेचैनी और अनियंत्रित उत्तेजना और हिंसक गतिविधि जैसी समस्याएं शामिल हैं। इनके अलावा, रेबीज होने पर इंसान को पानी से डर, दौरे, कोमा, सुन्नता, निगलने और सांस लेने में परेशानी जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

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रेबीज से बचाव कैसे करें?- How to Prevent Rabies

बता दें कि रेबीज के लिए कोई प्रभावी उपचार उपलब्ध नहीं है। आप बस इस बीमारी से रोकथाम कर सकते हैं। इसके अलावा, रेबीज का टीका लगाया जाता है। आपको इस वैक्सीन को जरूर लगवाना चाहिए। इसके साथ ही, घर के पालतू जानवरों को भी रेबीज का इंजेक्शन लगवा सकते हैं। बता दें कि रेबीज से बचने के लिए वैक्सीन और साफ-सफाई सबसे जरूरी है।आपको जानवर के काटने पर तुरंत घाव को साफ पानी और साबुन से धो लेना है। इसके बाद 24 घंटे के अंदर रेबीज की वैक्सीन जरूर लगवाएं। एंटी रेबीज वैक्सीन लगवाने के बाद शरीर में एंटी-बॉडी बनते हैं। ये रेबीज वायरस से लड़ने का काम करते हैं।

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आपको रेबीज से बचने के लिए पालतू जानवरों को घर में ही रखना चाहिए। आप अपने साथ-साथ जानवरों की साफ-सफाई पर भी ध्यान दें। आपको घर पर रखे डस्टबिन को अच्छी तरह बंद रखना है। साथ ही, बच्चों को कुत्ते और बिल्ली से दूर रखें। इस तरह गलती से भी जानवरों के दांत बच्चे को नहीं लगेंगे और रेबीज होने का खतरा कम होगा।

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