
Rabies Prevention Tips: आजकल लोग इंसानों से ज्यादा जानवरों से दोस्ती करना पसंद करते हैं। करें भी क्यों न, वह होते ही इतने प्यारे हैं। पालतू जानवरों को पालने का क्रेज तेजी से बढ़ रहा है। लेकिन यह आदत से जुड़ी गलतियां आपको बीमार बना सकती है। पालतू जानवरों के जरिए इंसानों में कई तरह के इन्फेक्शन और बीमारियां फैलती हैं जिनमें से एक है रेबीज। रेबीज मुख्य तौर पर पशुओं की एक बीमारी है। लेकिन यह संक्रमित पशुओं से इंसानों को भी हो सकती है। यह विषाणु संक्रमित पशुओं की लार में रहता है। जब कोई पशु, इंसान को काट लेता है, तो वह विषाणु इंसान के शरीर में प्रवेश कर जाता है। इस बीमारी के लक्षण इंसानों में 2 से 3 महीनों से लेकर 1 साल में दिखाई दे सकते हैं। अगर आपको लग रहा है कि रेबीज केवल कुत्तों से फैलने वाली बीमारी है, तो ऐसा नहीं है। कुत्तों के अलावा चमगादड़ और बंदरों से भी रेबीज हो सकता है। इस लेख में हम जानेंगे पालतू जानवरों के साथ रहने वाले लोग रेबीज से किस तरह अपना बचाव कर सकते हैं। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने ह्यूमन सोसाइटी इंटरनेशनल इंडिया के सीनियर प्रोग्राम मैनेजर और पशु चिकित्सक Dr Sanjay Ahir से बात की।
पालतू जानवर के काटने से फैलता है रेबीज- Rabies Spreads Through Pet Animals
डॉ संजय ने बताया कि जिन लोगों के घरों में पालतू जानवर हैं, उन्हें रेबीज का खतरा हो सकता है। अगर पालतू जानवर को रेबीज का टीका नहीं लगा है, तो उसके काट लेने के कारण रेबीज हो सकता है। रेबीज का वायरस नसों के जरिए इंसान के दिमाग में प्रवेश करता है और शरीर को बीमार बना देता है। अगर आप किसी पशु चिकित्सालय में काम करते हैं या जानवरों के आस-पास रहते हैं, तो आपको अपने बचाव के लिए रेबीज का टीका जरूर लगवाना चाहिए।
पालतू जानवरों को लगवाएं रेबीज का टीका- Vaccine Prevents Rabies
डॉ संजय ने बताया कि अगर आपके घर में पालतू जानवर जैसे डॉग है, तो उसे साल में एक बार रेबीज का टीका जरूर लगवाएं। डॉ संजय ने बताया कि विदेश में पेट रजिस्ट्रेशन का चलन है। वहां पंजीकरण में वैक्सीन कार्ड भी दिखाना होता है। लेकिन भारत में इस बात पर जोर नहीं है। कुछ शहरों में यह पंजीकरण लागू किया गया है। लेकिन अभी भी हमारे देश में रेबीज के प्रति जानकारी की कमी है। लोग इसे गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। डॉ संजय ने बताया कि साल 2023 जैसे आधुनिक दौर में भी लोग अंधविश्वास को बढ़ावा देते हैं। डॉ संजय ने एक किस्सा बताया कि जब वह गुजरात में थे, तो हडकाई मां नाम के मंदिर में लोग कुत्ते के काटने के बाद जाते हैं। वहां के लोग ऐसा मानते हैं कि इस मंदिर में जाने से शरीर में जहर का प्रकोप कम हो जाएगा और वैक्सीन की जरूरत नहीं पड़ेगी। जबकि यह सच नहीं है। इसलिए हमें रेबीज के खिलाफ ज्यादा से ज्यादा जागरूकता फैलाने की जरूरत है।
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डॉग बाइट के 24 घंटे के भीतर लगवाएं वैक्सीन
- डॉ संजय ने बताया कि अगर आपको कुत्ता काट ले, तो 24 घंटों के अंदर रेबीज की वैक्सीन लगवा लेना चाहिए।
- जिस जगह कुत्ते ने काटा है, उस जगह को साबुन और पानी की मदद से 10 मिनटों तक लगातार धोएं।
- इसके बाद घाव पर एंटी-बैक्टीरियल क्रीम लगा सकते हैं।
- अगर ब्लीडिंग ज्यादा हो रही है, तो तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए।
- वैक्सीन की पहली डोज 24 घंटे में, दूसरी डोज तीसरे दिन, तीसरी डोज सातवें दिन, चौथी डोज 14वें दिन और पांचवी डोज 28वें दिन लगाई जाती है। रेबीज की कुल 5 डोज दी जाती है।
इन टिप्स को फॉलो करके आप रेबीज से खुद को और अपने पालतू जानवर को बचा सकते हैं। उम्मीद करते हैं आपको यह जानकारी पसंद आई होगी। इस लेख को शेयर करना न भूलें।
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