
Is Rabies Curable Permanently: रेबीज नर्वस सिस्टम को नुकसान पहुंचाने वाली एक गंभीर बीमारी है। यह बीमारी कुत्ते या पागल जानवरों के काटने से इंसानों में होती है। रेबीज का शाब्दिक अर्थ भी 'पागलपन' है, आमतौर पर ऐसे जानवर जो मांसाहार का सेवन करते हैं, उनके काटने से रेबीज की बीमारी का खतरा ज्यादा रहता है। इस गंभीर बीमारी के लक्षण घटना के 3 से 4 महीने बाद दिखाई देते हैं। रेबीज की वजह से हर साल लाखों लोग अपनी जान गंवाते हैं। अक्सर लोग जानवर कुत्तों के काटने के बाद कुछ गलतियां कर बैठते हैं, जिसकी वजह से रेबीज का खतरा बढ़ जाता है। इस बीमारी को फैलने से रोकने के लिए वैक्सीन लगवाना ही सबसे प्रभावी उपचार है। आइये इस लेख में विस्तार से जानते है क्या रेबीज होने पर मरीज को पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है और इस बीमारी में क्या सावधानियां बरतनी चाहिए।
क्या रेबीज का इलाज पूरी तरह से हो सकता है?- Is Rabies Curable Permanently in Hindi
रेबीज वायरस आपके दिमाग और सेंट्रल नर्वस सिस्टम पर हमला करता है। इसकी वजह से मरीज कोमा में जा सकता है और भ्रम, उत्तेजना जैसे कई गंभीर लक्षण पैदा होते हैं। लक्षणों के विकसित होने पर मरीज की जान मुश्किल से बचाई जा सकती है। किसी जानवर के काटने पर तुरंत घाव को साबुन से धोने के बाद रेबीज इम्युनोग्लोबुलिन या रेबीज के टीके लगवाने से इस बीमारी का शिकार होने से बचा जा सकता है। बाबू ईश्वर शरण हॉस्पिटल के सीनियर फिजिशियन डॉ. समीर कहते हैं कि, "संक्रमित जानवरों के लार ग्रंथियों में रेबीज का वायरस होता है। जब संक्रमित जानवर किसी व्यक्ति को काट लेता है या इसकी लार शरीर पर मौजूद किसी घाव के संपर्क में आती है, तो रेबीज फैलने का खतरा रहता है। यह वायरस शरीर में जाने के बाद सेंट्रल नर्वस सिस्टम को अपना ठिकाना बनाता है और धीरे-धीरे अपने लक्षण प्रकट करता है।" रेबीज की बीमारी संक्रमित होने के 10 दिन से लेकर 8 महीने के भीतर कभी भी हो सकती है।
इसे भी पढ़ें: रेबीज के कारण हर साल होती है लाखों मौत, 15 साल से कम उम्र के बच्चों की संख्या सबसे ज्यादा: WHO की रिपोर्ट
रेबीज से संक्रमित होने के बाद लक्षण दिखने पर मरीज की स्थिति बेहद गंभीर हो जाती है। सही समय पर जरूरी सावधानियों का ध्यान रखने और वैक्सीन लगवाने से व्यक्ति इस बीमारी का शिकार होने से बच सकता है। एंटी रेबीज वैक्सीन की एक खुराक जानवरों के काटने के 24 घंटे के भीतर ले लेनी चाहिए। बीमारी फैलने के बाद इसका कोई सटीक इलाज नहीं होता है। डॉक्टर सिर्फ मरीज के लक्षणों को कम करने के लिए दवाएं और उपचार देते हैं।
रेबीज में जरूरी सावधानियां- Rabies Precautions in Hindi
रेबीज से बचने के लिए वैक्सीन और साफ-सफाई ही सबसे अहम है। संक्रमित जानवर के काटने पर तुरंत घाव को साफ पानी और साबुन से धो लें और 24 घंटे के भीतर रेबीज की वैक्सीन जरूर लगवाएं। एंटी रेबीज वैक्सीन लगवाने के बाद शरीर में एंटीबॉडी का निर्माण होता है। यह एंटीबॉडी रेबीज वायरस से लड़ने का काम करती हैं। 24 घंटे के भीतर इसकी पहली खुराक लगने से खतरा कम हो जाता है।
इसे भी पढ़ें: कुत्ते के काटने पर भूलकर भी न करें ये गलतियां, डॉक्टर ने दी ये सलाह
कुत्ते के काटने के बाद डॉक्टर के पास जाना चाहिए। डॉक्टर मरीज की स्थिति के आधार पर इलाज करते हैं। अगर आपका घाव गहरा है, तो डॉक्टर एंटी-रेबीज इम्यूनोग्लोबुलिन का इंजेक्शन लगा सकते हैं। वहीं, अगर घाव कम है या सिर्फ स्क्रैच हुआ है, तो डॉक्टर वैक्सीन लगवाने की सलाह देते हैं। इसके अलावा पालतू कुत्ते के काटने और स्ट्रीट डॉग्स के काटने का इलाज अलग-अलग तरह से होता है।
(Image Courtesy: Freepik.com)
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version