मेनोपॉज के दौरान AFIB की बीमारी का शिकार हो जाती हैं कई महिलाएं, जानें इसके लक्षण और कारण

मेनोपॉज के दौरान जिन महिलाओं को एएफआईबी की दिक्कत होती है, उन्हें दिल की धड़कन बढ़ने की शिकायत हो सकती है।
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मेनोपॉज के दौरान AFIB की बीमारी का शिकार हो जाती हैं कई महिलाएं, जानें इसके लक्षण और कारण

महिलाओं का जीवन आसान नहीं होता है। उन्हें हर पड़ाव पर कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। उम्र के हर पड़ाव पर महिलाओं को अलग-अलग अनुभवों का सामना करना पड़ता है। कई उम्र में उन्हें मासिक धर्म आने शुरू होते हैं, तो एक उम्र के बाद पीरियड्स आने पूरी तरह से बंद हो जाते हैं। जब महिलाओं में पीरियड्स आने बंद हो जाते हैं, तो इस स्टेज को मेनोपॉज के रूप में जाना जाता है। मेनोपॉज की औसतन उम्र 45 से 50 वर्ष की होती है। दरअसल, इस स्थिति में महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन का उत्पादन कम होनेल गता है। ऐसे में उन्हें हॉट फ्लैशेज, मूड स्विंग्स और थकान जैसे लक्षणों का अनुभव होता है। इतना ही नहीं, मेनोपॉज के दौरान कुछ महिलाओं को अनियमित हार्ट बीट यानी एट्रियल फाइब्रिलेशन (AFIB) का सामना भी करना पड़ सकता है। आइए, जानते हैं मेनोपॉज और एट्रियल फाइब्रिलेशन में संबंध-


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मेनोपॉज में एएफआईबी बीमारी का शिकार हो जाती हैं महिलाएं- Atrial Fibrillation After Menopause in Hindi

एट्रियल फाइब्रिलेशन वह स्थिति होती है, जिसमें ऊपरी और निचले चैंबर आपस में तालमेल नहीं रख पाते हैं। इसके कई कारण होते हैं- इसमें अधिक उम्र, मोटापा, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, तनाव और अनिद्रा आदि शामिल हैं। इसके अलावा, मेनोपॉज के दौरान भी कुछ महिलाओं को एट्रियल फाइब्रिलेशन  का सामना करना पड़ता है। मेनोपॉज के दौरान जिन महिलाओं को एएफआईबी की दिक्कत होती है, उन्हें दिल की धड़कन बढ़ने की शिकायत हो सकती है। ऐसे में स्थिति गंभीर रूप भी ले सकती है।

रिसर्च के अनुसार मेनोपॉज के दौरान 4 में से 1 महिला को एट्रियल फाइब्रिलेशन की शिकायत हो सकती है। इस स्थिति में दिल की धड़कर अनियमित हो जाती है। दरअसल, मेनोपॉज के दौरान महिलाओं को तनाव और अनिद्रा का सामना करना पड़ता है, जो एट्रियल फाइब्रिलेशन का कारण बन सकते हैं।

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heart rate

एएफआईबी क्या है?- What is Atrial Fibrillation in Hindi

आपको बता दें कि हृदय में चार चैंबर होते हैं। दो ऊपर और दो नीचे। इन चारों चैंबर को आपस में तालमेल बनाकर रखना होता है। लेकिन जब ऊपरी और निचले चैंबर तालमेल नहीं बना पाते हैं, तो इस स्थिति में एट्रियल फाइब्रिलेशन की स्थिति पैदा होती है। इस स्थिति में दिल की धड़कन अनियमित हो सकती है और ब्लड सर्कुलेशन भी प्रभावित होती है। इससे स्ट्रोक, हार्ट फेलियर और हार्ट अटैक का जोखिम बढ़ता है।

एएफआईबी के लक्षण-  Atrial Fibrillation Symptoms in Hindi

एएफआईबी के लक्षणों में शामिल हैं-

  • दिल की धड़कन तेज होना
  • सीने में दर्द होना
  • थकान और कमजोरी
  • चक्कर महसूस होना
  • ताकत महसूस न होना
  • सांस लेने में कठिनाई होना

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एएफआईबी के कारण- Atrial Fibrillation Causes in Hindi

  • कोरोनरी धमनी रोग
  • जन्मजात हृदय दोष
  • हार्ट अटैक
  • मोटापा
  • धूम्रपान
  • क्रॉनिक किडनी डिजीज
  • अधिक उम्र

वैसे तो एएफआईबी होने के कई कारण जिम्मेदार होते हैं। लेकिन मेनोपॉज के दौरान भी महिलाओं को इस स्थिति का सामना करना पड़ सकता है। अगर आप मेनोपॉज की स्थिति में हैं, तो अपने हृदय स्वास्थ्य का खास ख्याल रखें।

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