Doctor Verified

क्या वाकई रेबीज सिर्फ कुत्ते के काटने से होता है? जानें ऐसे 7 मिथकों की सच्चाई डॉक्टर से

Myths about Rabies in Hindi:लोगों में रेबीज को लेकर कई तरह के मिथक है, जिसके चलते कई बार लोग वैक्सीनेशन को टाल देते हैं या फिर लोगों को लगता है कि सिर्फ कुत्ते के काटने से ही रेबीज होता है, ऐसे कई मिथकों की सच्चाई डॉक्टर ने इस लेख में बताई है।

  • SHARE
  • FOLLOW
क्या वाकई रेबीज सिर्फ कुत्ते के काटने से होता है? जानें ऐसे 7 मिथकों की सच्चाई डॉक्टर से


Myths about Rabies in Hindi: इस साल मार्च में उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में रहने वाले राज्य स्तर के खिलाड़ी बृजेश सोलंकी ने गांव की नाली से एक कुत्ते के बच्चे को बचाया था। पिल्ले को बचाते समय उसने बृजेश की अंगुली को काट लिया। बृजेश ने लापरवाही के चलते एंटी-रेबीज का वैक्सीन नहीं लगवाया और जून 2025 को उसकी रेबीज के कारण मौत हो गई। इस तरह की घटनाएं बताती हैं कि आज भी लोगों में रेबीज वैक्सीनेशन को लेकर कई तरह के मिथक हैं और इसी वजह से कई मामलों में रोगियों की मौत हो जाती है। इसलिए रेबीज से जुड़े कई मिथकों की सच्चाई जानने के लिए हमने मुंबई के होली फैमिली अस्पताल के जनरल मेडिसिन विभाग की कंसल्टेंट डॉ. कौल्सूम हुसैन (Dr. Koulsoum Houssein, Consultant General Medicine at Holy Family Hospital, Mumbai) से बात की।

रेबीज से जुड़े मिथक और सच्चाई 

मिथक: रेबीज सिर्फ काटने से फैलता है।

सच्चाई: डॉ. हुसैन कहती हैं, “वैसे तो रेबीज इंफेक्शन आमतौर पर जानवरों के काटने से ही होता है, लेकिन अगर किसी संक्रमित जानवर की लार किसी कट, खरोंच या हमारी आंख, नाक या मुंह की झिल्ली (mucous membranes) पर लग जाए, तो भी इंफेक्शन फैल सकता है।”

myths and facts of rabies in hindi expert

इसे भी पढ़ें: क्या रेबीज का इलाज पूरी तरह से हो सकता है? जानें क्या कहते हैं डॉक्टर

मिथक: रेबीज सिर्फ कुत्ते के काटने से होता है।

सच्चाई: डॉ. हुसैन ने बताया, ”अक्सर लोगों को यह गलतफहमी होती है कि रेबीज सिर्फ कुत्तों से फैलता है, लेकिन यह सच नहीं है। रेबीज बिल्ली, बंदर, चमगादड़, लोमड़ी और भेड़िया जैसे दूसरे जानवरों से भी हो सकता है। इसके अलावा, कोई रेबीज भी संक्रमित जानवर इंफेक्शन फैला सकता है।”

मिथक: पालतू जानवर रेबीज से सुरक्षित रहते हैं।

सच्चाई: डॉ. हुसैन ने कहा कि पालतू जानवर अपने-आप रेबीज से सुरक्षित नहीं रहते। इसलिए उन्हें समय पर वैक्सीन लगवाना जरूरी होता है। अगर उन्हें समय पर टीका न लगाया जाए, तो वे भी इस बीमारी की चपेट में आ सकते हैं। इसलिए अपने पालतू कुत्ते-बिल्ली को नियमित रूप से रेबीज का टीका लगवाएं, यह बहुत महत्वपूर्ण है। इसके लिए किसी भी वेटरनरी डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

मिथक: वैक्सीनेटेड कुत्ते के काटने पर रेबीज वैक्सीन की जरूरत नहीं है।

सच्चाई: डॉ. हुसैन कहती हैं कि अगर किसी के पालतू कुत्ते या बिल्ली को वैक्सीनेशन लगा है और उसके बाद वह काट लेता है, या खरोंच मार देता है, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है। दरअसल, कई बार पालतू जानवर का वैक्सीन छूट जाने या इम्युनिटी पूरी तरह से न बनने के कारण रेबीज का रिस्क हो सकता है। इसलिए डॉक्टर की सलाह लें और पोस्ट-बाइट वैक्सीन (post-bite vaccination) लगवाएं।

इसे भी पढ़ें: रेबीज के कारण हर साल होती है लाखों मौत, 15 साल से कम उम्र के बच्चों की संख्या सबसे ज्यादा: WHO की रिपोर्ट

मिथक: रेबीज वैक्सीन नाभि के पास लगाई जाती है।

सच्चाई: डॉ. हुसैन कहती हैं, “लोग आज भी यही समझते हैं, लेकिन अब ऐसा नहीं है। मेडिकल साइंस ने काफी तरक्की कर ली है और अब रेबीज का वैक्सीन नाभि में नहीं लगता। इसे डॉक्टर बांह (intramuscular injection) या फिर कभी-कभी त्वचा के नीचे (intradermal injection) भी लगाते हैं। ये मार्डन वैक्सीनेशन बहुत ही कारगर और असरदार है।

मिथक: हल्दी, मिर्च या तेल लगाने से रेबीज से बचाव होता है।

सच्चाई: डॉ. हुसैन ने जोर देते हुए कहा है कि बहुत से लोग कुत्ते या बिल्ली के काटने पर जख्म में हल्दी या मिर्च जैसी चीजें लगा देते हैं। यह पूरी तरह से गलत है। ऐसे घरेलू नुस्खों से मरीज को गंभीर नुकसान भी हो सकता है। जानवर के काटने को तुरंत साफ पानी से धोएं और इसके बाद तुरंत डॉक्टर से रेबीज का वैक्सीन लगवाएं।

मिथक: रेबीज वैक्सीन कभी भी लगवा सकते हैं।

सच्चाई: डॉ. हुसैन कहती हैं कि कई लोग सोचते हैं कि रेबीज का वैक्सीन कभी भी लगवाया जा सकता है, लेकिन यह सोच बहुत खतरनाक हो सकती है। रेबीज वैक्सीन काटने या खरोंचने के तुरंत बाद ही लगवाई जानी चाहिए। जितनी देर करेंगे, उतना ही असर कम होगा। और अगर लक्षण शुरू हो गए, तो इस बीमारी का इलाज भी संभव नहीं है। हम कह सकते हैं कि यह बीमारी लगभग हमेशा ही जानलेवा होती है।

निष्कर्ष

डॉ. हुसैन ने सलाह देती हैं कि रेबीज के बचाव का तरीका सिर्फ रोकथाम है, जो वैक्सीनेशन से ही हो सकता है। अगर किसी के घर में पालतू जानवर है, तो उसे समय-समय पर टीका लगवाएं। जानवर के काटने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें और जख्म पर किसी भी तरह का घरेलू नुस्खा न अपनाएं। अगर रेबीज के लक्षण दिखने लगें, तो यह रोगी के लिए जानलेवा साबित हो सकता है। इसलिए रेबीज से जुड़े किसी भी मिथकों पर भरोसा न करें, बल्कि सिर्फ डॉक्टर की सलाह ही मानें।

Read Next

बुजुर्गों में बार-बार चक्कर आना सामान्‍य नहीं, जानें इसके पीछे छिपी बीमारियां

Disclaimer

How we keep this article up to date:

We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.

  • Current Version

  • Sep 23, 2025 16:05 IST

    Modified By : Aneesh Rawat
  • Sep 23, 2025 16:05 IST

    Published By : Aneesh Rawat

TAGS