दुनियाभर में लाखों लोग नींद से जुड़ी समस्या का सामना कर रहे हैं। कई बार आपने महसूस किया होगा कि रात में सोते समय कई बार नींद टूट जाती है और सांस लेने में भी कठिनाई महसूस हो सकती है। हाल ही में ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (AIIMS) द्वारा की गई रिसर्च में साबित होता है कि भारत में 100 मिलियन से भी ज्यादा लोग स्लीप एप्निया की समस्या का सामना कर रहे हैं। आइये जानते हैं इसके बारे में।
क्या कहती है स्टडी?
एम्स द्वारा की गई इस स्टडी के मुताबिक भारत में कुल 104 मिलियन लोग ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया का शिकार हैं। स्टडी के मुताबिक 11 प्रतिशत तक व्यसक इस समस्या से जूझ रहे हैं, जिसमें से 13 प्रतिशत संख्या पुरुषों की है। वहीं महिलाओं को स्लीप एप्निया का खतरा 5 प्रतिशत तक है। शोधकर्ताओं के मुताबिक इस समस्या का पता लगाने के चलते पिछले 2 दशकों में अलग-अलग देशों में कुल 7 स्टडी की जा चुकी है। स्टडी के सीनियर रिसर्चर और एम्स के पल्मोनरी डिपार्टमेंट के प्रोफेसर डॉ अनंत मोहन के मुताबिक रिसर्च में पाया गया कि भारत में कुल 104 लोगों को ये समस्या है, जिसमें से कुल 47 मिलियन लोग ऐसे हैं, जिन्हें ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया की समस्या ज्यादा है।
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क्या है ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया?
दरअसल, ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (OSA) नींद से जुड़ा एक डिसऑर्डर है। ऐसे में व्यक्ति को सोने के दौरान नींद खुलने औक सांस लेने में कठिनाई महसूस होती है। इस स्थिति में रुक-रुककर सांस आती है। हालांकि, ऐसा कुछ ही सेकेंड्स के लिए होता है। इस स्थिति में मरीज खर्राटे लेने के साथ ही कई बार दिन के समय भी ज्यादा सोता है। ऐसे में गला सूखने के साथ ही साथ कई बार मुंह सूखने जैसी समस्या भी हो सकती है।
गहरी नींद लेने के लिए क्या करें?
- गहरी नींद लेने या नींद की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए नियमित तौर पर योग और एक्सरसाइज करें।
- इसके लिए आप रोजाना सोने का सही समय निर्धारित करें और देर से सोने की आदत से परहेज करें।
- रात में सोने से पहले ज्यादा पानी पीने से बचें।
- सोते समय अपने बिस्तर का सही चुनाव करें।
- इसके लिए आप रात में ठंडे पानी से चेहरे को धोकर भी सो सकते हैं।
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