जिम में नहीं बल्कि प्रकृति के बीच करें एक्‍सरसाइज़, बॉडी और माइंड दोनों रहेंगे फिट

कई शोध बताते हैं कि पार्क या किसी भी हरी-भरी जगह पर कुछ देर व्यायाम करने से डायबिटीज और अन्‍य तमाम तरह की बीमारियों से छुटकारा पाया जा सकता है। इससे ब्लड शुगर को संतुलित रखने में मदद मिलती है। आउटडोर में एक्‍सरसाइज करने से बॉडी और माइंड दोनों फिट रहते हैं।
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जिम में नहीं बल्कि प्रकृति के बीच करें एक्‍सरसाइज़, बॉडी और माइंड दोनों रहेंगे फिट


आजकल लोग एक्‍सरसाइज़ के लिए घर के बाहर बागीचे या लॉन में न जाकर जिम जाना पसंद करते हैं। आमतौर पर ऐसा इसलिए किया जाता है जिससे कि बॉडी जल्‍दी ग्रोथ करे। जबकि ऐसा नहीं है, कई शोध बताते हैं कि पार्क या किसी भी हरी-भरी जगह पर कुछ देर व्यायाम करने से डायबिटीज और अन्‍य तमाम तरह की बीमारियों से छुटकारा पाया जा सकता है। इससे ब्लड शुगर को संतुलित रखने में मदद मिलती है। आउटडोर में एक्‍सरसाइज करने से बॉडी और माइंड दोनों फिट रहते हैं।

आउडोर में एक्‍सरसाइज़ करने के फायदे

1.डायबिटीज धीरे-धीरे शरीर की हर ऐक्टिविटी को प्रभावित करती है। वर्ष 2013 में केनेडा में 15 वर्ष की आयु से अधिक के लगभग 90 प्रतिशत लोगों ने माना था कि उनका स्ट्रेस लेवल अधिक है।
2.इस सर्वे में कहा गया कि यंगस्टर्स की आउटडोर ऐक्टिविटीज लगातार कम होती जा रही हैं, जिसका प्रभाव उनकी सेहत पर नजर आ रहा है। अगर दिन भर में 20-25 मिनट आउटडोर एक्सरसाइज के लिए निकाले जा सकें तो इससे न सिर्फ रोग कम होंगे बल्कि आत्मबल और कार्यक्षमता भी बढ़ सकेगी।
3. लंदन के कुछ वैज्ञानिकों का तो यह भी दावा है कि सिर्फ 5 मिनट प्रकृति के साथ बिताने से मूड स्विंग जैसी समस्याएं हल हो सकती हैं। समय कम है तो सुबह की चाय लॉन, बैलकनी या टेरेस में बैठ कर पिएं। इससे दिन भर कार्य करने की ऊर्जा मिलेगी।

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4. प्रकृति हर पल बदलती है। अलग-अलग जलवायु व तापमान के बीच रहने से शरीर मौसम संबंधी चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार होता है। इसलिए व्यस्तता के बीच ब्रेक लेने, प्रकृति के साथ कुछ पल बिताने से न सिर्फ एकरसता भंग होती है बल्कि दिन-प्रतिदिन के कार्यों में एकाग्रता भी बढ़ती है।
5. शोध बताते हैं कि जो लोग आउटडोर एक्सरसाइज को अपने फिटनेस रूटीन में शामिल करते हैं, वे बोरियत से दूर रहते हैं और उन्हें व्यायाम का अधिक लाभ होता है। इसकी वजह है- अलग-अलग दृश्यों, फूल-पत्तियों व पंछियों को देखने और उनकी आवाजों सुनने से जीवन के प्रति लगाव बढ़ता है।
6. प्रकृति मन की बेचैनी व तनाव को भी कम करती है, जिससे एक्सरसाइज करने की क्षमता बढ़ जाती है। ताजी हवा में व्यायाम करने से फेफड़ों को ऑक्सीजन मिलती है, जिससे मुश्किल वर्कआउट्स जैसे साइक्लिंग, रनिंग, हाइकिंग भी आसान लगने लगती है।

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7. अगर जिम या घर में एक्सरसाइज करने से ऊब गए हैं तो सप्ताह में दो दिन आउटडोर एक्सरसाइज करके देखें। ताजी हवा और धूप श्वसन प्रक्रिया और हड्डियों को ताकत देगी।
8. हाल- फिलहाल हुए शोधों और सर्वेक्षणों में बताया गया है कि 8-10 घंटे आर्टिफिशियल रोशनी में काम करने वाले लोगों में विटमिन डी की कमी होती है। इससे ऑस्टियोपोरोसिस, हार्ट डिजीज और कैंसर जैसी बीमारियां पनप रही हैं। सर्दियों में सुबह कम से कम 15 मिनट की धूप शरीर के लिए जरूरी है। बढ़ती उम्र में हड्डियों की समस्याओं से बचना चाहते हैं तो सनशाइन विटमिन को लेने बाहर निकलें। केवल ऐसे लोग धूप में व्यायाम नहीं कर सकते, जिन्हें फोटोसेंसिटिविटी होती है।
9. आउटडोर स्पोट्र्स और ऐक्टिविटीज शरीर के अलग-अलग मसल्स को मजबूती देती हैं। जैसे ट्रेल रनिंग या हाइकिंग ट्रेडमिल पर दौडऩे से कहीं ज्यादा मुश्किल है। खासतौर पर असमतल जगहों पर दौडऩे से एंकल, घुटनों और जोड़ों को फायदा पहुंचता है।
10. पार्क में वॉक, रनिंग या योग करने से सामाजिकता भी बढ़ती है। कई लोगों से मिलने पर अनुभव संसार बढ़ता है। आजकल कई पार्कों में योग कक्षाएं, हेल्थ चेकअप्स या कई अन्य ऐक्टिविटीज होती रहती हैं। इसके अलावा वीकेंड पर कई फन ऐक्टिविटीज भी होती हैं। आसपास क्या चल रहा है, इसकी जानकारी हासिल कर अपनी सेहत को सुधारें।

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