मिनी स्ट्रोक में मरीज को बोलने में दिक्कत होने लगती है, कमजोरी महसूस होने लगती है और फिर बोलने की क्षमता पूरी तरह खत्म हो जाती है। साथ ही शरीर का एक तरफ का पूरा हिस्सा काम करना भी बंद करने लगता है, लेकिन 24 से 48 घंटे (1 से 2 दिन) में मरीज ठीक हो सकता है। ऐसे मामलों में अधिकतर मरीज की पूरी तरह रिकवरी हो जाती है। कुछ मामलों में तो मरीज खुद भी ठीक हो जाता है, लेकिन डॉक्टर से सही इलाज कराना बेहद जरूरी होता है। यदि सही इलाज न कराया जाए तो मरीज फौरी तौर पर बेशक ठीक हो जाएं, लेकिन अगले 2 से 3 साल में उसे फुल फ्लैज्ड अटैक होने की आशंका बढ़ जाती है।
दरअसल रक्त संचार में बाधा उत्पन्न होने के कारण मस्तिष्क की कार्यप्रणाली में समस्या होने की वजह से स्ट्रोक होता है। ऐसा या तो किसी बाधा के कारण इश्चेमिया (रक्त संचार में कमी) या फिर हेमरेज (रक्तस्राव) के कारण होता है। हालांकि काफी लोगों को स्ट्रोक के बारे में पता नहीं होता, और उन्हें नहीं पता होता है कि इसके क्या लक्षण व प्रभाव होते हैं। ब्रेन स्ट्रोक मिनी स्ट्रोक तथा फुल फ्लैज्ड स्ट्रोक दो प्रकार का होता है। तो चलिये विस्तार से जानें कि मिनी स्ट्रोक के लक्षण क्या होते हैं।
बोलने में दिक्कत
स्ट्रोक के दौरान मरीज को स्पष्ट बोलने में दिक्कत होती है। उनसे सामान्य सवाल करें, स्ट्रोक होने पर वे सामान्यतः प्रश्नों का सही जवाब नहीं दे पायेंगे। स्ट्रोक की पुष्टि के लिये सवालों को एक बार दोहरायें।
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चेहरे का झुक जाना
अगर मरीज का चेहरा एक ओर को झुक जाये या फिर उसके चेहरे के एक तरफ सुन्न जैसा अहसास हो तो तुरन्त सहायता के लिये डॉक्टर के पास जाएं। इस दौरान उसे हंसने के लिये कहें, अगर वो ऐसा न कर पाए तो तुरन्त अस्पताल ले जायें। ये मिनी स्ट्रोक का संकेत होता है।
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बांहों में कमजोरी व सन्तुलन खोना
स्ट्रोक के मरीज को एक या दोनों बांहों में सुन्न होने या कमजोरी का अहसास हो सकता है। ऐेसे में मरीज को हाथ उठाने के लिये कहें, स्ट्रोक होने पर हाथ नीचे गिर जायेगा। साथ ही स्ट्रोक के मरीज को अपना शरीर सन्तुलित करने में दिक्कत होने लगती है, उसे चलने में भी परेशानी हो सकती है।
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तेज सिरदर्द
अगर सिर में बिना किसी कारण काफी तेज़ दर्द हो तो यह सामान्यतः हेमरेज (रक्तस्राव) के कारण हो सकता है जोकि स्ट्रोक का संकेत भी हो सकता है। तो ऐसे में सचेत रहें।
थोड़े देर के लिये यादाश्त जाना
यद मरीज की यादाश्त थोड़े देर के लिये चली जाए तो यह भी मिनी स्ट्रोक का संकेत हो सकता है। ऐसे में मिनी स्ट्रोक के कराण बहुत थोड़े समय के लिये कुछ याद आना मुश्किल हो सकता है।
कभी-कभी मिनी ब्रेन स्ट्रोक के कारण असन्तुलन हो सकता है और चलने में समस्या हो सकती है। तो बिना किसी कारण के अचानक सन्तुलन बिगड़ जाना भी मिनी स्ट्रोक का संकेत हो सकता है। साथ ही अचानक आंखों के सामने अंधेरा छा जाना या फिर देखने में समस्या होना भी स्ट्रोक के संकेत हो सकते हैं।
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