Meningococcal Disease: दुनिया में कोरोना महामारी अभी भी पूरी तरह के खत्म नहीं हुई है। वक्त के साथ दुनिया के कई देशों में कोरोना के नए-नए स्ट्रेन सामने आ रहे हैं और संक्रमण को फैला रहे हैं। हालही में अमेरिका के कई शहरों में गंभीर संक्रमण के मामले सामे आए हैं। संक्रमण के इन मामलों पर यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) द्वारा कहा गया है कि अमेरिका में दर्ज किए जा रहे हैं, वह निसेरिया मेनिंगिटिडिस (Neisseria Meningitidis) बैक्टीरिया के कारण है। इस जीवाणु के कारण मेनिंगोकोकल नामक बीमारी होती है। सीडीसी के अनुसार मेनिंगोकोकल एक गंभीर संक्रमण है। यह मुख्य रूप से संक्रमित व्यक्ति की रीढ़ की हड्डियों, दिमाग और खून को प्रभावित करता है। आइए जानते हैं मेनिंगोकोकल बीमारी के लक्षण और बचाव के उपाय।
क्या है मेनिंगोकोकल बीमारी?
सीडीसी के अनुसार मेनिंगोकोकल एक गंभीर बीमारी है। यह मुख्य रूप से नीसेरिया मेनिंगिटिडिस नामक जीवाणु के कारण फैलाती है। कोरोना वायरस की तरह मेनिंगोकोकल का कारण एक व्यक्ति से दूसरे तक पहुंचता है। कुछ गंभीर मामलों में यह वायरस शरीर के ब्लड फ्लो को भी संक्रमित कर सकता है, जिसकी वजह से व्यक्ति की मौत भी हो सकती है।
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मेनिंगोकोकल के लक्षण क्या हैं?-
यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन की वेबसाइट पर प्रकाशित एक लेख के अनुसार मेनिंगोकोकल के लक्षण नीचे दिए गए हैं।
तेज बुखार
सिरदर्द
मतली
गर्दन में अकड़न महसूस होना
उल्टी
सूखी खांसी
त्वचा पर लाल चकत्ते
भ्रम
दौरे पड़ना जैसे लक्षण संक्रमित व्यक्ति में नजर आ सकते हैं।
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मेनिंगोकोकल का इलाज क्या है?
मेनिंगोकोकल रोग का इलाज एंटीबायोटिक दवाओं से किया जाता है। जितनी जल्दी हो सके इलाज शुरू करना बहुत महत्वपूर्ण है। हालांकि आंकड़ों से पता चलता है कि एंटीबायोटिक दवाओं से उपचार के बाद भी इसकी मृत्युदर अधिक है। इसके अलावा जीवित रहने वाले 20% लोगों में दीर्घकालिक परिणाम जैसे बहरापन, तंत्रिकाओं में क्षति, किडनी की क्षति या मस्तिष्क से संबंधित गंभीर रोग हो सकते हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, संक्रमण से बचाव के लिए वैक्सीनेशन कराना और संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाकर रखना बचाव के लिए आवश्यक माना जाता है।