खर्राटों की समस्या बहुत सारे लोगों को परेशान करती है। खर्राटों की वजह से कई बार ऐसे लोगों को शर्मिन्दगी का सामना करना पड़ता है। ऐसे लोगों के आसपास कोई और नहीं सो सकता क्योंकि उनके खर्राटों की आवाज के कारण नींद आनी मुश्किल होती है और लगातार खर्राटों के कारण खीझ भी होती है। अगर आप भी खर्राटों की समस्या से परेशान हैं तो संभल जाइये। ज्यादातर लोग खर्राटों को एक सामान्य शारीरिक क्रिया मानकर नजरअंदाज करते हैं लेकिन ये कई गंभीर रोगों का इशारा हो सकता है। ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया भी ऐसी ही समस्या है जिसमें नींद लेते समय व्यक्ति के नाक में हवा का बहाव कम हो जाता है। इस कारण सोते समय नाक से आवाज आने लगती है।
क्या है ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया
ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया एक ऐसी बीमारी है जिसका संबंध नींद और सांस दोनों से है। इस बीमारी में जब भी आप सोते हैं तो आपके नाक और मुंह के ऊपरी हिस्से में हवा भर जाती है और इस वजह से नाक का कुछ हिस्सा या पूरी नाक जाम हो जाती है और आप मुंह से सांस लेने लगते हैं जबकि हवा के दबाव के कारण नाक से आवाज आने लगती है। इसीलिए आपने देखा होगा कि ज्यादातर लोग जब खर्राटे लेते हैं तो उनका मुंह पूरा या आधा खुला होता है। इस बीमारी के कारण फेफड़ों को हवा बाहर निकालने के लिए ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। ये एक खतरनाक बीमारी है क्योंकि इसके कारण कई बार सांस रुक जाती है और व्यक्ति की मौत भी हो सकती है।
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इस बीमारी के लक्षण
- सोते समय तेज खर्राटे आना
- नींद में बेचैनी महसूस करना
- सोते समय दम घुटने लगना या सांस में रुकावट महसूस करना
- सोते समय पसीना आना और सीने में दर्द महसूस करना
- दिन में ज्यादा सोना और दिनभर सुस्त रहना
- सुबह उठने के बाद सिर में दर्द होना
- नींद से बार-बार पेशाब के लिए उठना
- भरपूर नींद के बाद भी सुस्त और थका हुआ महसूस होना
- याददाश्त कमजोर होना और किसी चीज पर ध्यान न लगा पाना
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ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया के कारण
इस बीमारी के कई कारण हो सकते हैं। ज्यादा वजन होने के कारण या ज्यादा मोटापे की वजह से गले का साइज बढ़ जाता है जबकि नाक, मुंह और गले के अंदरूनी हिस्से का आकार घट जाता है इसलिए ये परेशानी हो सकती है। कई बार टॉन्सिल बढ़ जाने के कारण भी ये समस्या हो जाती है। गले में सांस की नली के पास अगर जरूरत से ज्यादा टिशूज उग आते हैं तब भी ये परेशानी हो जाती है। सामान्य से अधिक लंबी जीभ होना भी इस परेशानी का कारण हो सकता है। इसके अलावा इस बीमारी के सामान्य कारणों में एल्कोहलिक पदार्थों का सेवन, लगातार नींद की दवा लेना और धूम्रपान भी हैं। इस बीमारी का इलाज संभव है। अगर कारण सामान्य हैं तो कुछ दवाइयों और परहेज से ये ठीक हो जाता है और अगर कारण असामान्य हों तो कई बार ऑपरेशन करने की भी जरूरत पड़ती है।
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