Zombie Virus: क्या 50 हजार साल से बर्फ में दफन पड़ा Zombie Virus बन सकता है लोगों के लिए खतरा

हाल ही में रूस के साथ कई देशों के एक्सपर्ट्स ने चेतावनी दी है और बर्फ के नीचे जॉम्बी वायरस के दबे होने की बात की है। आइये जानते हैं। 
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Zombie Virus: क्या 50 हजार साल से बर्फ में दफन पड़ा Zombie Virus बन सकता है लोगों के लिए खतरा


कोरोना वायरस के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। वहीं, ऐसे में दूसरी ओर नई-नई बीमारियां उभर रही हैं। ऐसे में एक नई समस्या लोगों के सामने खतरा बनकर मंडरा रहा है। हाल ही में रूस के साथ कई देशों के एक्सपर्ट्स ने चेतावनी दी है और बर्फ के नीचे एक वायरस के दबे होने की बात की है। इस वायरस करो लोग हल्के में ले रहे हैं, जो आगे चलकर लोगों के लिए खतरे का सबब बन सकता है। आइये विस्तार से जानते हैं जॉम्बी वायरस क्या है। 

क्या है जॉम्बी वायरस? 

जॉम्बी वायरस एक प्रकार का वायरस है, जो 50 हजार साल बाद फिर से जिंदा हो रहे हैं। दरअसल, इस वायरस की खोज एक्स-मार्सिले यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ मेडिसिन में एमेरिटस प्रोफेसर मिशेल क्लेवेरी ने की है। जॉम्बी वायरस पोलियो का एक प्रकार है। हाल ही में, इस वायरस के बर्फ में दबे होने की बात कही जा रही है, जिसे लेकर महामारी होने की आशंका जताई जा रही है। 

बर्फ से पिघल सकता है वायरस 

वैज्ञानिकों का कहना है कि आर्कटिक में जमी बर्फ साल 2023 तक गर्मियों में पिघल सकती है। प्रोफेसर क्लेवरी की टीम द्वारा की गई रिसर्च में उन्होंने बताया कि साइबेरियाई पर्माफ्रॉस्ट से कई वायरस निकले हैं, अब जो काफी संक्रामक बने हुए हैं। विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं द्वारा कहा जा रहा है कि ग्लोबल वार्मिंग के चलते तापमान लगातार बढ़ रहा है, जिसके चलते बर्फ पिघलने लगी है और यह खतरा आगे चलकर अधिक बढ़ सकता है। 

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ग्लोबल वार्मिंग से होने वाले नुकसान 

  • वैज्ञानिकों के मुताबिक ग्लोबल वार्मिंग के कारण जॉम्बी वायरस का खतरा बढ़ रहा है। 
  • ग्लोबल वार्मिंग सेहत पर कई तरीकों से प्रभाव डालता है। 
  • इससे मृत्यु दर बढ़ने के साथ ही साथ संक्रमण होने का कारण बन सकता है। 
  • ऐसे में शरीर में गर्माहट आने के साथ ही तापमान बढ़ सकता है। 
  • ग्लोबल वार्मिंग बढ़ने से अस्थमा होने के साथ ही साथ सांस से जुड़ी अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं। 

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