
वर्तमान समय में महिलाओं में ओवेरियन सिस्ट की समस्या तेजी से बढ़ रही है, यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें अंडाशय (ओवरी) में छोटी-छोटी सिस्ट बन जाती हैं। ओवेरियन सिस्ट कई बार सामान्य होती हैं और बिना किसी इलाज के खुद ही ठीक हो जाती हैं, लेकिन कई मामलों में यह गंभीर समस्याओं का कारण बन सकती हैं। खासकर जब यह सिस्ट बड़े आकार की हो जाती हैं या फट जाती हैं, तो पेट में तेज दर्द, अनियमित पीरियड्स होते हैं, वजन बढ़ने लगता है और फर्टिलिटी संबंधित समस्याएं हो सकती हैं। हार्मोनल इंबैलेंस और PCOS जैसी समस्याओं के कारण भी ओवरी में सिस्ट हो सकती है। ओवेरियन सिस्ट से राहत पाने के लिए इलाज के अलावा योग के साथ हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाने की सलाह दी जाती है। इस लेख में दिल्ली के उत्तम नगर में स्थित योग जंक्शन के योग थेरेपिस्ट प्रवीण गौतम ओवेरियन सिस्ट के लिए 5 योगासन बता रहे हैं, जिनके अभ्यास से लाभ मिल सकता है।
ओवरी में गांठ के लिए योग
1. भुजंगासन
भुजंगासन का अभ्यास करने से पेट के निचले हिस्से में खिंचाव होता है, जिससे ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है और गर्भाशय एवं अंडाशय को हेल्दी रखने में मदद मिलती है। ओवेरियन सिस्ट से राहत दिलाने में यह आसन कारगर साबित हो सकता है। भुजंगासन पेट की मांसपेशियों को टोन करता है, ब्लड फ्लो को बढ़ाता है साथ ही मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करता है।
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2. धनुरासन
धनुरासन न केवल आपके पेट के हिस्से को टोन करता है बल्कि आपके पूरे शरीर को एक्टिव करता है। यह आसन अंडाशय और गर्भाशय में ब्लड फ्लो को बढ़ाता है और ओवेरियन सिस्ट से जुड़ी समस्याओं को कम करने में सहायक हो सकता है। धनुरासन का नियमित अभ्यास पेट और पीठ की मांसपेशियों को मजबूत करता है और ओवेरियन सिस्ट जैसी समस्याओं को भी कम कर सकता है।
3. पश्चिमोत्तानासन
यह योगासन ओवेरियन सिस्ट के लक्षणों को कम करने में कारगर साबित हो सकता है। पश्चिमोत्तानासन आपके पेट और निचले हिस्से में खिंचाव पैदा करता है, जिससे अंडाशय में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है और दर्द में राहत मिलती है। यह आसन पेट और कमर के निचले हिस्से में खिंचाव लाकर गर्भाशय और अंडाशय की सेहत को सुधारता है।

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4. सुप्त बद्ध कोणासन
सुप्त बद्ध कोणासन का अभ्यास करने से पेट के निचले हिस्से में खिंचाव होता है। सुप्त बद्ध कोणासन गर्भाशय और अंडाशय को टोन करता है, जिससे ओवेरियन सिस्ट में राहत मिल सकती है। इसके साथ ही यह अंडाशय यानी ओवरी में ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाता है।
5. बालासन
बालासन पेट और कमर के निचले हिस्से में खिंचाव पैदा करता है, जिससे शरीर को आराम मिलता है। यह आसन ओवेरियन सिस्ट के कारण होने वाले दर्द को कम कर करने में सहायक हो सकता है।
निष्कर्ष
ओवेरियन सिस्ट से जुड़ी समस्याओं में योगाभ्यास कारगर साबित होता है, बशर्ते इसे नियमित रूप से और सही तरीके से किया जाए। ये योगासन न केवल शारीरिक राहत देते हैं बल्कि मानसिक तनाव को भी कम करते हैं, जो ओवेरियन सिस्ट से जूझने वाली महिलाओं के लिए जरूरी है। अपने डॉक्टर की सलाह लेकर इन योगासनों को अपनी दिनचर्या में शामिल करें और ओवेरियन सिस्ट से जुड़ी समस्याओं से छुटकारा पाएं।
All Images Credit- Freepik
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