
हम में से ज्यादातर लोग आए दिन शरीर में किसी न किसीप्रका र के दर्द का सामना करते हैं। गले में दर्द, कमर दर्द, सिरदर्द, माइग्रेन, साइटिका पेन, नसों में दर्द, एड़ियों और जोड़ों में दर्द होना लोगों में बहुत आम है। शरीर में किसी भी तरह का दर्द होने पर लोगों को काफी परेशानी होती है। दर्द होने पर न तो वे कोई काम ठीक से कर पाते हैं, न ही आराम कर पाते हैं। साथ ही इससे लोगों में तनाव बढ़ता है और उनका स्वभाव भी चिड़चिड़ा हो जाता है। दर्द से छुटकारा पाने के लिए हम तरह-तरह की दवाओं का सेवन करते हैं या घरेलू नुस्खे आजमाते हैं। लेकिन शरीर के हर दर्द के लिए अलग दवाएं और नुस्खे होते हैं, कोई एक चीज सभी दर्दों में काम नहीं करती है।
लेकिन क्या आप जानते हैं योग में कुछ ऐसी मुद्राएं मौजूद हैं जो शरीर के सभी दर्द से छुटकारा पाने में आपकी मदद कर सकती हैं? ऐसी ही एक योग मुद्रा है शून्य वायु मुद्रा (Shunya Vayu Mudra)। योगाचार्य और मुद्रा एक्सपर्ट जूही कपूर की मानें तो शून्य मुद्रा का अभ्यास करने से शरीर के किसी भी दर्द से छुटकारा पाया जा सकता है। आइए जानते हैं शून्य वायु मुद्रा का अभ्यास कैसे करें।
शून्य वायु मुद्रा का अभ्यास करने का तरीका (How to Do Shunya Vayu Mudra)
- सबसे पहले किसी हवादार और शांति वाली जगह पर योग मैट बिछा लें
- अब पद्मासन या सुखासन मुद्रा में आराम से बैठ जाएं।
- रिलैक्स होकर बैठें और अपनी रीढ़ की हड्डी, पीठ और गर्दन को एकदम सीधा रखें।
- उसके बाद दोनों हथेलियों को अपने घुटनों या जांघों के ऊपर रख लें। ध्यान रखें कि आपकी हथेलियां ऊपर की तरफ रहें।
- अब अपनी बीच वाली उंगली को हथेली की तरफ मोड़ें। इसके ऊपर अपने अंगूठे को रखें। दूसरी सारी उंगलियों को सीधा रखें।
- अपनी आंखों को धीरे-धीरे बंद कर लें।
- अभ्यास के दौरान सांस लेते व छोड़ते रहें और सांस पर ध्यान केंद्रित करें।
- इसका अभ्यास 10 से 15 मिनट तक करें।
- आप सुबह और शाम इसका अभ्यास कर सकते हैं।
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शून्य वायु मुद्रा के अन्य फायदे (Benefits of Shunya Vayu Mudra)
शून्य वायु मुद्रा का नियमित अभ्यास करने से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है। इससे शरीर में सुन्नपन की समस्या को दूर करने में मदद मिलती है। साथ ही कान के दर्द में भी आराम मिलता है। इसके अलावा यह मुद्रा शरीर में सूजन को कम करने में मददगार है और गले के रोगों से छुटकारा दिलाती है। यह दिल को स्वस्थ रखने में मददगार है और सांस संबधी रोगों को दूर करने में फायदेमंद है। इस मुद्रा का अभ्यास करने से मानसिक तनाव भी कम होता है।
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