क्या है समान वायु मुद्रा? जानें इस आसन को करने के फायदे और सही तरीका

समान वायु मुद्रा का अभ्यास करना सेहत के लिए कई तरीकों से फायदेमंद साबित होती है। आइये जानते हैं इस मुद्रा से होने वाले फायदे और करने का सही तरीका।
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क्या है समान वायु मुद्रा? जानें इस आसन को करने के फायदे और सही तरीका


Samana Vayu Mudra Benefits: योग करना सेहत के लिए कितना जरूरी है इस बात से तो शायद ही कोई वाकिफ होगा। लेकिन बहुत से लोग इसके फायदे पता होने के बाद भी योग और किसी प्रकार की शारीरिक गतिविधियां नहीं करते हैं। ऐसे बहुत से योग और मुद्राएं हैं, जिनके बारे में आपने शायद सुना भी नहीं होगा। क्या आप समान वायु मुद्रा के बारे में जानते हैं? अगर नहीं, तो इस लेख के माध्यम से आज हम आपको इससे होने वाले फायदे और इसे करने के सही तरीके के बारे में बताएंगे। आइये योग टीचर स्मृति से जानते हैं समान वायु मुद्रा करने के फायदों के बारे में। 

क्या है समान वायु मुद्रा? 

समान वायु मुद्रा एक प्रकार की मेडिटेशन है, जिसे करने से आपके तन और मन के बीच एक अच्छा तालमेल बना रहता है। इस मुद्रा को करने के दौरान आपको पांचों उंगलियों को एकसाथ मिलाकर रखना होता है। हमारी शरीर पांच प्रकार की मुद्राओं से मिलकर बनता है, जिसमें प्राण, अपना, समान, वायना और उड़ना मुद्राएं होती हैं। समान मुद्रा हमारे शरीर के बीच के हिस्से में मौजूद होती है। यह मुद्रा पाचन तंत्र के आसपास स्थित होती है। 

समान वायु मुद्रा के फायदे 

  • यह मुद्रा पाचन तंत्र पर अच्छा असर डालती है, जिससे कब्ज, अपच और पेट में होने वाली अन्य समस्याओं से भी राहत मिलती है। 
  • इस मुद्रा का अभ्यास करने से आपके सोचने-समझने की शक्ति बढ़ती है। 
  • इसका अभ्यास करने से शरीर में ब्लड फ्लो बेहतर होता है। 
  • यह आपके लिवर को हेल्दी रखने के साथ ही साथ मेंटल हेल्थ को भी दुरुस्त रखता है। 
  • इस मुद्रा का अभ्यास करने से गुस्सा शांत होता है साथ ही ब्लड प्रेशर भी नियंत्रित रहता है। 
  • इस मुद्रा का अभ्यास करने से शरीर और मन का तेलमेल अच्छा रहता है। 

समान वायु मुद्रा करने का तरीका 

  • समान वायु मुद्रा का अभ्यास करने के लिए आपको आलथी-पालथी मारकर जमीन पर बैठना है। 
  • अब आपको अपने हाथों की सभी उंगलियों को एकसाथ जोड़ना है।  
  • इस दौरान आपकी आंखें बंद होने के साथ ही कंधे और पीठ रिलेक्स होनी चाहिए। 
  • इस मुद्रा को करते समय आपको अपनी सांसों पर ध्यान लगाना है। 

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