
अस्थमा एक सांस संबंधित समस्या है, जिसमें ब्रीदिंग, सांस नलियों और फेफड़ों की क्रियाओं पर अधिक ध्यान देने की जरूरत होती है। प्रेगनेंसी के दौरान अस्थमा की समस्या होने पर आपको उसे बिल्कुल इग्नोर नहीं करना चाहिए। बल्कि यह कभी भी गंभीर रूप ले सकता है और आपकी स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें बढ़ सकती है। इससे बचाव के लिए आपको तुरंत अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए और उचित दवाओं का सेवन करना चाहिए। साथ ही आपको अपने खानपान पर ध्यान देना चाहिए। खानपान की मदद से आप सांस संबंधी समस्याओं को कुछ हद तक कम कर सकते हैं। खानपान के साथ प्रेगनेंसी में अस्थमा की समस्या को दूर करने के लिए आप योग का सहारा ले सकते हैं। योग से मन को एकाग्र करने और सांसों की गति को संतुलित करने में मदद मिलती है। प्रेगनेंसी के दौरान यह आपको सांस फूलने की समस्या और बेचैनी से भी आराम दिला सकता है। इसके लिए आप कुछ खास योगासन का अभ्यास कर सकते हैं। इससे आपको काफी लाभ मिल सकता है।
प्रेगनेंसी के दौरान अस्थमा में करें ये योग
1. शवासन
प्रेगनेंसी के दौरान शवासन करना सबसे आरामदायक योगासनों में से एक है। इस योगासन का अभ्यास करने से आपको आसानी से अस्थमा की समस्या में फायदा मिल सकता है। इस आसन को करने से सांसों की गति अच्छी होती है। तनाव को दूर करने, हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, डिप्रेशन और हृदय समस्याओं के लिए ये काफी लाभकारी हो सकता है। इससे आपकी याददाश्त और एकाग्रता भी अच्छी रहती है। प्रेगनेंसी के दौरान इसे आप अपनी सुविधा के अनुसार करें ताकि आपको कोई शारीरिक परेशानी न हो।
2. अनुलोम-विलोम
फेफड़ों को मजबूत बनाने और सांस लेने की प्रक्रिया को बेहतर बनाने के लिए आप प्रेगनेंसी के समय अनुलोम-विलोम का अभ्यास कर सकती हैं। इस योगासन को करने के लिए पद्मासन में बैठकर दाएं हाथ के अंगूठे से नाक के दाएं छिद्र को बंद करके बाएं छिद्र से सांस लें। इसके बाद अंगूठे के साथ वाली दो उंगलियों को बाएं छिद्र पर रखकर दाएं छिद्र से सांस बाहर निकालें। इस प्रक्रिया को 3-4 मिनट के लिए दोहराएं। इससे सांस की दिक्कत में बहुत जल्द फायदा मिलेगा। साथ ही हृदय समस्याओं में आराम मिलता है।
3. उत्तानासन
अस्थमा से जूझ रहे लोगों के लिए उत्तानासन भी काफी फायदेमंद होता है। इस आसन को करने के लिए प्रेगनेंसी में आप पहले सीधे खड़े होकर पैरों की तरफ झुक जाएं। आपके लिए जितना झुकना संभव हो, उतना ही झुकें ताकि किसी तरह का दर्द और खिंचाव आपकी पेट में न आए। इससे भी अस्थमा में ब्रीदिंग प्रॉब्लम से आराम मिलता है।
इसे भी पढे़ं- प्रेग्नेंसी में अस्थमा किन कारणों से हो सकता है? डॉक्टर से जानें इसके लक्षण जिन्हें नहीं करना चाहिए नजरअंदाज
4. सुखासन
सुखासन आपकी सांसों पर ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है और स्ट्रेस को नियंत्रित करता है। सुखासन के अभ्यास से फेफड़ों में स्वच्छ वायु का संचार होता है। इससे दिमाग को स्थिर और एकाग्र बनाने में सहायता मिलती है। आप प्रेगनेंसी के समय होने वाली चिड़चिड़ाहट, बेचैनी और दर्द को भी कम कर सकते हैं। इससे आपको आंतरिक शांति का अनुभव होता है। यह अस्थमा अटैक के संभावित जोखिमों को कम कर सकता है।
5. अर्ध मत्स्येन्द्रासन
अर्ध मत्स्येन्द्रासन आपके सीने को खोलने और शुद्ध वायु को अंदर पहुंचाने में मदद करता है। इससे फेफड़ों में अधिक ऑक्सीजन पहुंच पाता है और सांसों की दिक्कत दूर हो सकती है।
(All Image Credit- Freepik.com)
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version