एंडोमेट्रियोसिस एक सामान्य स्त्री रोग है, जो दुनिया भर में लाखों महिलाओं को प्रभावित करती है। इसमें महिलाओं के गर्भाशय के बाहर एंडोमेट्रियम ऊतक की वृद्धि की होने लगती है। जिसकी वजह से महिलाओं को तेज दर्द व पेट में ऐंठन की समस्या को सामना करना पड़ता है। हालांकि, यदि किसी महिला को दर्द ज्यादा हो रहा है तो उसे डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए। लेकिन, अगर दर्द कम है, तो वह इस स्थिति में योग की मदद से एंडोमेट्रियोसिस के लक्षणों को कम कर सकती हैं। इस लेख में योग और फिटनेस ट्रेनर रिप्सी सिंह ने बताया कि एंडोमेट्रियोसिस से पीड़ित महिलाओं को कौन से योगासन करने से दर्द में कमी आती है।
एंडोमेट्रियोसिस होने पर किए जाने वाले योगासन | Yoga For Endometriosis Problem In Women In Hindi
व्रजासन
व्रजासन करने से आपकी पेल्विक एरिया का दबाव कम होता है। इस आसन को करने के लिए घुटनों के बल पर बैठ जाए। इसके बाद गहरी और लंबी सांसे लें। इस दौरान आप हाथ जोड़कर नमस्कार मुद्रा में बैठ सकते हैं।
मलासन
इस आसन से आपकी पेल्विक एरिया स्ट्रेच होता है, जिससे इस हिस्से का दर्द कम होता है। इसे करने के लिए आप पैरों को खोलते हुए बैठे, लेकिन इस समय आपके कूल्हे जमीन से नहीं छूने चाहिए। इसे मल त्याग की स्थिति भी कह सकते हैं।
बच्चे की मुद्रा (बालासन)
चाइल्ड पोज़ धीरे-धीरे पीठ के निचले हिस्से और पेल्विक (Pelvic) को फैलाता है, जिससे एंडोमेट्रियोसिस से जुड़े दर्द और तनाव को कम करने में मदद मिलती है। इस आसन को करने के लिए आप फर्श पर घुटनों पर बैठें। इसके बाद सांस छोड़ें और आगे की ओर झुकें, अपने धड़ को अपनी जांघों के बीच में लाएं। अब, अपनी भुजाओं को आगे फैलाएं या उन्हें अपने शरीर के साथ टिकाएं। गहरी सांस लें, जिससे आपके पेल्विक एरिया को आराम मिलेगा।
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स्पाइन पोस्ट ट्विस्ट (सुप्त मत्स्येन्द्रासन)
स्पाइन ट्विस्ट पेल्विक दर्द से राहत और पाचन में सुधार के लिए फायदेमंद है। एंडोमेट्रियोसिस से प्रभावित होने पर पाचन क्रिया खराब हो जाती है। अपनी भुजाओं को बगल की ओर फैलाकर और अपनी पीठ के बल लेटें। अपने घुटनों को मोड़ें और उन्हें अपने शरीर के दाहिनी ओर ले जाएं। अपने सिर को बाईं ओर घुमाएं, अपने बाएं कंधे को देखने का प्रयास करें।
कोबरा मुद्रा (भुजंगासन)
कोबरा पोज़ पीठ के निचले हिस्से को मजबूत बनाने में मदद करता है और प्रजनन अंगों के ब्लड सर्कुलेश को बेहतर करता है। इस आसन से दर्द कम होता है। इसे करने के लिए आप अपने पैरों को फैलाकर पेट के बल लेटें और अपनी हथेलियों को अपने कंधों के पास फर्श पर रखें। अपनी हथेलियों को फर्श पर दबाएं, सांस लें और अपने निचले शरीर को जमीन पर रखते हुए अपनी छाती को जमीन से ऊपर उठाएं। अपने पेट में हल्का खिंचाव बनाए रखते हुए कुछ सेकेंड के लिए इस मुद्रा में बने रहें।
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ब्रिज पोज़ (सेतु बंधासन)
सपोर्टेड ब्रिज पोज़ मासिक धर्म की परेशानी से राहत और पेल्विक क्षेत्र में तनाव को कम करने में सहायक होता है। इस करने के लिए आप पीठ के बल लेट जाएं। इसके बाद अपनी हथेली से पैर के टखनों को छुएं और कूल्हे को ऊपर उठाएं। इस पोजीशन में कुछ समय के लिए रूकें, फिर वापस नॉर्मल पोजीशन में आ जाएं।
रिक्लाइनिंग बाउंड एंगल पोज़ (सुप्त बद्ध कोणासन)
यह मुद्रा कूल्हों को खोलती है और कमर को फैलाती है, जिससे पेल्विक दर्द से राहत मिलती है और आराम को बढ़ावा मिलता है। अपनी पीठ के बल लेटें और अपने पैरों के तलवों को एक साथ लाएँ, जिससे आपके घुटने बाहर की ओर रहें। यदि आवश्यक हो तो अपने घुटनों को कंबल या बोल्स्टर से सहारा दें। अपनी भुजाओं को अपने शरीर के साथ टिकाएं या अपने हाथों को अपने पेट पर रखें। धीमी, गहरी सांसें लें, जिससे तनाव कम हो सके और संतुलन बहाल हो सके।
एंडोमेट्रियोसिस के दर्द को कम करने के लिए आप इन आसनों को कर सकते हैं। इसे करते समय योग ट्रेनर की सलाह अवश्य लें। यदि, स्थिति ज्यादा खराब हो तो पहले डॉक्टरी इलाज कराना आवश्यक होता है।