क्या आप हर्निया के बारे में जानते हैं? हर्निया पेट से जुड़ा एक गंभीर रोग है, जिसे ऑपरेशन से ठीक किया जाता है। लेकिन कई लोग अपने लाइस्टाइल में बदलाव करके और योग के जरिए भी इस समस्या को कम करने में सक्षम होते हैं। अगर आप हर्निया के मरीज हैं, तो आप भी अपनी जीवनशैली में कुछ योगासनों को शामिल करके इस समस्या को कम कर सकते हैं। श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली, योग विज्ञान विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. रमेश कुमार (Dr. Ramesh Kumar, Assistant Professor, Department of Yoga Science, Shri Lal Bahadur Shastri National Sanskrit University, New Delhi) से जानें हर्निया के मरीजों के लिए कौन-से योगासन फायदेमंद होते हैं।
हर्निया की समस्या तब होती है, जब पेट से कोई मांसपेशी, अंग या ऊतक बाहर निकल आते हैं। कई बार पेट की कमजोर दीवारों से आंत भी बाहर आ जाती है। आजकल खराब लाइफस्टाइल और खान-पान की वजह से यह समस्या लोगों में आम होती जा रही है। कई लोग इस समस्या से जूझ रहे हैं। यह समस्या मांसपेशियों की कमजोरी के कारण हो सकती है। हर्निया की समस्या होने पर शुरुआत में कुछ लक्षण नजर आते हैं। जैसे- पेट के निचले हिस्से में सूजन, पेशाब करने में कठिनाई और पेट की चर्बी का बाहर निकालना। हर्निया की समस्या को बिना ऑपरेशन के भी ठीक किया जा सकता है।
इन योगासनों से ठीक करें हर्निया (Yoga Asanas to Cure Hernia)
एक्सपर्ट की देखरेख में नियमित रूप से सेतुबंधासन, अर्ध हलासन और मूलबंदासन करने से हर्निया की समस्या को कम किया जा सकता है। इन योगासनों को सही तरीके से करना जरूरी होता है। जानें इन आसनों को करने का तरीका और इनसे मिलने वाले अन्य लाभों के बारे में-
1. सेतुबंधासन (Setu Bandhasana)
हर्निया के मरीजों के लिए सेतुबंधासन करना बेहद फायदेमंद होता है। इस आसन को ब्रिज पोज के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि इसमें शरीर का आकार ब्रिज के समान नजर आता है। सेतुबंधासन को पीठ के बल लेटकर किया जाता है। इसके नियमित अभ्यास से कई रोग दूर होते हैं।
- सेतुबंधासन करने के लिए सबसे पहले योगा मैट पर पीठ के बल लेट जाएं।
- अपने दोनों घुटनों को मोड़ें। तलवों को जमीन पर रखें।
- अपने दोनों हाथों को एकदम सीधा रखें। धीरे-धीरे हथेलियों से एंकल को पकड़ने की कोशिश करें।
- अब लंबी गहरी सांस लेते हुए धीरे-धीरे अपनी कमर को ऊपर उठाने की कोशिश करें।
- इस दौरान आपका सिर और गर्दन जमीन पर ही रहना चाहिए।
- इस अवस्था में 10-30 सेकेंड तक रहें। इसके बाद धीरे-धीरे हाथों को छोड़ें और पैरों को सीधा करें।
- इस प्रक्रिया को आप 3-5 बार दोहरा सकते हैं।
- पीठ के नीचे टकिया लगा लें।
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सेतुबंधासन के लाभ (Setu Bandhasana Benefits)
- हर्निया के मरीजों के लिए नियमित रूप से सेतुबंधासन करना बेहद लाभकारी होता है। इसके अभ्यास से इसे काफी हद तक कम किया जा सकता है।
- सेतुबंधासन करने से पेट से जुड़ी समस्याएं जैस कब्ज, अपच और गैस की समस्या से राहत मिलती है।
- कमर दर्द में भी सेतुबंधासन करना लाभकारी होता है।
- यह मन और दिमाग को शांत करके चिंता, अवसाद को दूर करने में सहायक होता है।
- सेतुबंधासन करने से पेट की चर्बी को कम किया जा सकता है।
- यह शरीर में रक्त के संचार को बेहतर बनाने में भी मददगार होता है।

2. अर्ध हलासन (Ardha Halasana)
अगर आपको हर्निया की समस्या है, तो आप नियमित रूप से इसका अभ्यास कर सकते हैं। अर्ध हलासन, हलासन से थोड़ा आसान होता है। हर्निया के मरीज इसे आसानी से कर सकते हैं। इसके रोजाना अभ्यास से पेट के सभी तरह के रोग दूर होते हैं। हलासन से भी सेहत को कई फायदे मिलते हैं, लेकिन इसमें पैरों को आगे तक लाना होता है, इसलिए हर्निया के मरीजों को इसे करने से बचना चाहिए।
- अर्ध हलासन करने के लिए सबसे पहले योगा मैट पर पीठ के बल लेट जाएं।
- अपने दोनों हाथों को जांघों के पास रख दें।
- इसके बाद अपने दोनों पैरों को धीरे-धीरे ऊपर उठाएं। इसके लिए आप पहले पैरों को 30 डिग्री, फिर 60 डिग्री और आखिरी में 90 डिग्री पर उठाएं।
- इस दौरान आपका सिर, गर्दन और कमर जमीन पर ही रहेंगे।
- इस अवस्था में कुछ देर रुकने के बाद अपने पैरों को धीरे-धीरे नीचे ले आएं।
- इस तरह एक चक्र पूरा हो जाता है। आप इस तरह से इसके 3-5 चक्र कर सकते हैं।
अर्ध हलासन के लाभ (Benefits of Ardha Halasana)
- अर्ध हलासन हर्निया के मरीजों के लिए लाभकारी होता है। इस आसन के नियमित अभ्यास से इसे कम किया जा सकता है।
- इसे रोजाना करने से आप अपने पेट की चर्बी को भी कम कर सकते हैं।
- अर्ध हलासन थायरॉइड की समस्या में भी फायदेमंद होता है।
- अर्ध हलासन को करने से पेट के रोग जैसे कब्ज, गैस और अपच की समस्या ठीक हो सकती है।
- बवासीर होने पर भी यह आसन करना लाभकारी हो सकता है।
3. मूलबंदासन (Mulabandhasana)
मूलबंदासन करना भी हर्निया के मरीजों के लिए लाभदायक हो सकता है। इस आसन को करना बहुत ही ईजी होता है। लेकिन शुरुआत में योगा एक्सपर्ट की देखरेख में ही इस आसन को करना चाहिए।
- इस आसन को करने के लिए सबसे पहले योगा मैट पर बैठ जाएं।
- अपने दोनों पैरों के तलवों को आपस में जोड़ या मिला लें।
- इसके बाद दोनों पैरों की उंगुलियों को जमीन पर टिका कर रखें।
- दोनों हाथों को घुटनों पर ज्ञान मुद्रा में रख लें।
- इस दौरान अपनी आंखें बंद करें। इस अवस्था में लंबी गहरी सांस लें और छोड़ें।
- आप 5-10 मिनट तक इस अवस्था में रह सकते हैं।
मूलबंदासन के लाभ (Mulabandhasana Benefits)
- मूलबंदासन करने से हर्निया की समस्या को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
- इसके अभ्यास से आपके पैरों की मांसपेशियां मजबूत बनती हैं।
- मूलबंदासन करने से पेट से संबंधित सभी तरह के रोगों में राहत मिलती है।
- पेट में दर्द होना भी हर्निया का एक लक्षण है। मूलबंदासन पेट दर्द की समस्या को दूर करने में सहायता करता है।
हर्निया के मरीज रखें इन बातों का ध्यान
- योगा एक्सपर्ट डॉक्टर रमेश कुमार बताते हैं कि हर्निया के मरीजों को कभी भी भारी वजन नहीं उठाना चाहिए। इससे उनकी समस्या बढ़ सकती है।
- इस दौरान धू्म्रपान, एल्कोहल के सेवन से भी बचना चाहिए।
- तनाव, चिंता और अवसाद से खुद को दूर रखें।
- अपने खान-पान पर खास ध्यान दें। आप अपनी डाइट में ऐसी चीजों का सेवन करें, जिससे कब्ज की समस्या न हो और पेट अच्छी तरह साफ हो।
- शारीरिक थकावट वाला कोई भी काम करने से आपको बचना चाहिए।
अगर आपको भी हर्निया की समस्या है, तो आप इन आसनों को करने इस समस्या को काफी हद तक कम कर सकते हैं। साथ ही आपको अपनी लाइफस्टाइल और डाइट का भी खास ध्यान रखना चाहिए। शुरुआत मे आपको इन योगासनों को किसी एक्सपर्ट की सलाह और देखरेख में ही करना चाहिए।
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