महिला और पुरुष दोनों के लिए सेक्सुअल हेल्थ उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर रखने के लिए बहुत जरूरी है। लेकिन आज भी भारत में लोग सेक्सुअल हेल्थ के बारे में खुलकर बात करने से कतराते हैं। इसी कारण भारत में आज भी यौन स्वास्थ्य के बड़ा मुद्दा बना हुआ है। स्कूलों में भी सेक्सुअल हेल्थ के बारे में न के बराबर बताया जाता है, जिस कारण युवा वर्ग सोशल मीडिया पर मिल रही जानकारी पर विश्वास करने लगते हैं, जिससे न सिर्फ उन्हें गलत जानकारी मिलती है, बल्कि वे इस विषय को सही तरह से समझ भी नहीं पाते हैं। आपको बता दें कि हर साल 4 सितंबर को वर्ल्ड सेक्सुअल डे मनाया जाता है, जो लोगों में इस विषय के महत्व को बताने में अहम भूमिका निभा रहा है। तो आइए जानते हैं क्या है साल 2025 की वर्ल्ड सेक्सुअल हेल्थ डे की थीम, इतिहास और महत्व-
वर्ल्ड सेक्सुअल हेल्थ डे 2025 की थीम
वर्ल्ड सेक्सुअल डे जब से मनाना शुरू किया गया है, हर साल इस दिन को मनाने के लिए अलग-अलग थीम निर्धारित की गई है। जिसे लेकर अस्पतालों और एनजीओ द्वारा कई तरह के कार्यक्रम, सेमिनार आदि आयोजित करवाएं जाते हैं, जिसके द्वारा लोगों को सेक्सुअल हेल्थ को लेकर जानकारी और इसके महत्व के बारे में बताया है। इसलिए, साल 2025 यानी इस साल वर्ल्ड सेक्सुअल हेल्थ डे की थीम, "सेक्सुअल जस्टिस, हम क्या कर सकते हैं?" रखी गई है। इस थीम की को रखने का उद्देश्य यौन अधिकारों के महत्व को बढ़ावा देना, कंलक को कम करना और हेल्दी सेक्सुअल लाइफ के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाना है।
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वर्ल्ड सेक्सुअल हेल्थ डे का इतिहास
वर्ल्ड सेक्सुअल हेल्थ डे की शुरुआत साल 2010 में ऑस्ट्रेलिया कोट्स ने World Association for Sexual Health के द्वारा किया था। विश्व यौन स्वास्थ्य संघ एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है, जो यौन स्वास्थ्य, अधिकार और लोगों को शिक्षित करना है। इस दिन को मनाने का कारण लोगों को यह समझाना था कि सेक्सुअल हेल्थ न सिर्फ एक कपल के बीच का रिश्ता है, बल्कि ये मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर रखने के लिए भी बहुत जरूरी है।
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वर्ल्ड सेक्सुअल हेल्थ डे का महत्व
वर्ल्ड सेक्सुअल हेल्थ डे लोगों तक यौन संबंध से जुड़ी सही जानकारी पहुंचाना और लोगों को इसके प्रति जागरूक करना है। आइए विस्तार से जानते हैं इस दिन का महत्व-
- वर्ल्ड सेक्सुअल हेल्थ डे भारत जैसे देशों में यौन शिक्षा को लेकर लोगों के बीच फैली गलतफहमियों को दूर करके सही जानकारी पहुंचाना है।
- सेक्सुअल हेल्थ महिला और पुरुष दोनों के मेंटल और इमोशनल हेल्थ को भी प्रभावित करता है। इसलिए, इस दिन लोगों के बीच यौन शोषण जैसे मुद्दों से निपटने के बारे में जागरूक किया जाता है।
- हर व्यक्ति को यह अधिकार होता है कि वह अपनी मर्जी से सुरक्षित और सम्मानजनक सेक्सुअल रिलेशनशिप बना सकते हैं। ऐसे में लोगों को सेक्सुअल हेल्थ से जु़ड़ी अधिकारों के बारे में भी बताया जाता है।
- LGBTQ+ समुदाय, HIV पॉजिटिव, सेक्स वर्कर आदि लोगों को लेकर समाज में होने वाले भेदभाव को खत्म करने और उन्हें सम्मान दिलाना भी इस दिन का एक बड़ा उद्देश्य है। प्रति समाज में अक्सर भेदभाव होता है। यह दिन इन वर्गों के प्रति सम्मान और समावेशिता की भावना फैलाने में मदद करता है।
- यौन संबंध के द्वारा फैलने वाली बीमारियां जैसे HIV, HPV अदि के बारे में सही जानकारी और इसकी रोकथाम को लेकर भी लोगों को जागरूक किया जाता है