Wild Poliovirus Case in Afghanistan detected: अफगानिस्तान में एक बार फिर वाइल्ड पोलियो वायरस टाइप 1 के मामले बढ़ रहे हैं। ग्लोबल पोलियो उन्मूलन पहल (GPEI)के अनुसार, देश में नया पोलियो वायरस का केस दर्ज किया गया है। नया मामला सामने आने के बाद अफगानिस्तान में वाइल्ड पोलियो वायरस टाइप 1 के मामलों की संख्या 6 हो गई है। वहीं, नाइजीरिया ने भी सर्कुलेटिंग वैक्सीन-व्युत्पन्न पोलियो वायरस टाइप 2 (cVDPV2) के तीन नए मामलों की सूचना दी है। नए मामले सामने आने के बाद नाइजीरिया में इस साल 30 मामले पोलियो के हो गए हैं। दुनियाभर के तमाम देशों में बढ़ रहे पोलियो के मामलों ने विश्व स्वास्थ्य संगठन की चिंता को बढ़ा दिया है। WHO का कहना है कि पोलियो के बारे में एक बार फिर से जागरूकता फैलाने की जरूरत है, ताकि इसका खतरा कम किया जा सके।
पोलियो वायरस एक अत्यधिक संक्रामक वायरस है जो मुख्य रूप से पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों को प्रभावित करता है। यह मल और मुंह के जरिए बच्चों को प्रभावित करता है। WHO के अनुसार, पोलियो वायरस तंत्रिका तंत्र पर आक्रमण कर सकता है। कुछ मामलों में यह गंभीर हो सकता है और बच्चों को बहुत ही ज्यादा बीमार कर सकता है। आज इस लेख के माध्यम से हम आपको बताने जा रहे हैं पोलियो के लक्षण और बचाव के उपाय।
पोलियो वायरस संक्रमण के लक्षण- Symptoms of Poliovirus Infection in Hindi
पोलियो वायरस लक्षण न दिखाई देने से लेकर गंभीर तक हो सकता हैं। यह बीमारी कई चरणों में सामने आती है। इसलिए पोलियो के लक्षणों के बारे में जानकारी होना बहुत जरूरी है, ताकि इससे बचाव किया जा सके।
इसे भी पढ़ेंः कंप्यूटर की तरह तेज काम करेगा दिमाग, आज से ही फॉलो करें एक्सपर्ट की ये 4 टिप्स
1. लक्षण दिखाई न देना
लगभग 100 में से 72 लोगों में पोलियो वायरस के लक्षण नजर नहीं आते हैं। लेकिन यह वायरस फिर भी एक से दूसरे में फैल सकता है और बीमार कर सकता है।
2. मामूली बीमारी
पोलियो संक्रमण के लगभग 100 में से 24 लोगों में बुखार, गले में खराश, सिरदर्द, उल्टी, थकान और मांसपेशियों में अकड़न जैसे मामूली लक्षण दिखाई देंगे। ये लक्षण आमतौर पर 2 से 5 दिनों तक रहते हैं और फिर अपने आप ठीक हो जाते हैं।
इसे भी पढ़ेंः ज्यादा उम्र में भी मां बन का सुख दे सकता है फर्टिलिटी प्रिवेशन, डॉक्टर से जानिए इसके बारे में
3. नॉन-पैरालिटिक पोलियो
संक्रमित व्यक्तियों का एक छोटे हिस्से (लगभग 100 में से 1) में नॉन-पैरालिटिक एसेप्टिक मैनिंजाइटिस जैसे लक्षण नजर आते हैं। इसमें पीठ, गर्दन, हाथ या पैरों में दर्द या जकड़न देखने को मिलती है। जैसे-जैसे बीमारी बढ़ती है, व्यक्तियों को अचानक लकवा (आमतौर पर असममित) हो सकता है। लकवा के लक्षण मुख्य तौर पर हाथ और पैरों में दिखाई देते हैं। गंभीर मामलों में, सांस लेने और निगलने को नियंत्रित करने वाली मांसपेशियां लकवाग्रस्त हो सकती हैं, जिससे खाना निगलने में परेशानी होती है।
पोलियो से बचाव के तरीके- Prevention Tips from Polio
किसी भी तरीके से पोलियो से बचाव का एक ही तरीका है वैक्सीनेशन। वर्तमान में पोलियो से बचाव के लिए इंजेक्शन वैक्सीन और ओरल वैक्सीन मौजूद हैं। पोलियो से बचाव के लिए आपके लिए और बच्चों के लिए कौन सी वैक्सीन कब और कैसे लेनी चाहिए, इस विषय पर ज्यादा जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करें।
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version