मानसून का मौसम जहां हरियाली, ठंडक और राहत लेकर आता है, वहीं यह कई स्वास्थ्य समस्याओं की भी वजह बनता है। इस मौसम में वातावरण में नमी बढ़ जाती है, तापमान में उतार-चढ़ाव होता है और वायरल व बैक्टीरियल इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। इन सभी कारणों से गले से जुड़ी समस्याएं जैसे टॉन्सिल्स (Tonsillitis) की शिकायतें आम हो जाती हैं। लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव ने बताया कि टॉन्सिल्स हमारे गले में स्थित छोटे-छोटे लसीका ग्रंथियां होती हैं, जो शरीर की इम्यून सिस्टम का हिस्सा होती हैं और शरीर के इंफेक्शन्स से लड़ने में मदद करती हैं। लेकिन जब इन्हीं पर वायरस या बैक्टीरिया हमला करते हैं, तो ये सूज जाते हैं और गले में दर्द, निगलने में तकलीफ, बुखार जैसी समस्याएं होने लगती हैं। मानसून में ज्यादातर लोग ठंडा-गर्म खाना, गंदा पानी या बाहर का तला-भुना खाना खाते हैं, जिससे टॉन्सिल्स का खतरा बढ़ जाता है। बच्चों और बुजुर्गों में यह समस्या ज्यादा देखने को मिलती है क्योंकि इनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता थोड़ी कमजोर होती है। आइए जानते हैं कि मानसून में टॉन्सिल्स की शिकायत क्यों ज्यादा होती है और इससे कैसे बचा जा सकता है।
1. मौसम में बदलाव और इंफेक्शन- Weather Changes and Infections
मानसून में अचानक तापमान गिर जाता है, जिससे शरीर को एडजस्ट करने में समय लगता है। इस बदलाव के कारण वायरस और बैक्टीरिया एक्टिव हो जाते हैं। गले में मौजूद टॉन्सिल्स, ऐसे इंफेक्शन से जल्दी प्रभावित हो जाते हैं, जिससे टॉन्सिलाइटिस की समस्या बढ़ जाती है।
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2. नमी भरा वातावरण बैक्टीरिया को बढ़ाता है- Humidity Encourages Bacterial Growth
मानसून में हवा में ज्यादा नमी होने के कारण बैक्टीरिया और फंगस तेजी से पनपते हैं। गले में मौजूद टॉन्सिल्स इस बैक्टीरियल इंफेक्शन की चपेट में आ सकते हैं, जिससे त्वचा में सूजन, रेडनेस और दर्द महसूस होता है।
3. मानसून में खराब खानपान- Unhygienic Food in Monsoon
इस मौसम में लोग अक्सर बाहर के तले-भुने स्नैक्स, चाट, आइसक्रीम और ठंडे ड्रिंक्स का सेवन करते हैं। ये सभी चीजें गले को नुकसान पहुंचाती हैं और टॉन्सिल्स में इंफेक्शन का कारण बनती हैं।
4. दूषित पानी से इंफेक्शन का खतरा- Contaminated Water Triggers Infections
बारिश के कारण, पीने का पानी अक्सर खराब हो जाता है। जब हम ऐसा पानी पीते हैं या उस पानी से बनी चीजें खाते हैं, तो यह सीधे हमारे गले और पाचन तंत्र पर असर डालता है, जिससे टॉन्सिल्स की समस्या हो सकती है।
5. कमजोर इम्यूनिटी- Weak Immunity
बच्चे, बुजुर्ग और क्रॉनिक बीमारियों से पीड़ित लोगों की इम्यूनिटी कमजोर होती है। इन पर मानसून में टॉन्सिल्स का असर तेजी से होता है, क्योंकि शरीर इंफेक्शन से लड़ने में उतना सक्षम नहीं होता।
6. गीले कपड़े और एसी का ज्यादा इस्तेमाल- Wet Clothes and Excessive Use of AC
मानसून में लोग अक्सर गीले कपड़े पहनते रहते हैं या ठंड से बचने के लिए एसी का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं। इससे गला सूख जाता है या ठंड लग जाती है, जो टॉन्सिल्स की समस्या का कारण बन सकता है।
7. ओरल हाइजीन की अनदेखी- Ignoring Oral Hygiene
मानसून में गले और मुंह की साफ-सफाई न रखने से बैक्टीरिया मुंह में बढ़ते हैं, जो टॉन्सिल्स तक पहुंच सकते हैं। ब्रश न करना, गरारे न करना और गंदे हाथों से खाने से भी समस्या हो सकती है।
मानसून में टॉन्सिल्स से बचाव के उपाय- Prevention Tips For Tonsils in Monsoon
- उबला हुआ और साफ पानी ही पिएं।
- गुनगुने पानी से दिन में 2 बार गरारे करें।
- ठंडी चीजों जैसे आइसक्रीम, कोल्ड ड्रिंक्स से परहेज करें।
- ओरल हाइजीन पर विशेष ध्यान दें।
- इम्यूनिटी बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ जैसे तुलसी, हल्दी, अदरक का सेवन करें।
- अगर टॉन्सिल्स के लक्षण दिखें तो डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
हल्का भोजन करें- Eat Light Food
मानसून में पेट की गड़बड़ी और गले की समस्या दोनों का खतरा रहता है। ऐसे में ज्यादा मसालेदार, ऑयली या भारी भोजन को खाने से बचें और खिचड़ी, मूंग दाल, सूप जैसे हल्के भोजन को प्राथमिकता दें।
घरेलू काढ़ा पिएं- Drink Herbal Kadha
तुलसी, अदरक, दालचीनी, काली मिर्च और हल्दी से बना काढ़ा शरीर को गर्म रखता है और बैक्टीरियल इंफेक्शन से लड़ने में मदद करता है। दिन में 1-2 बार इसका सेवन करना फायदेमंद है।
भीगने के बाद तुरंत स्नान करें- Take Bath After Getting Wet in Rain
बारिश में भीगने के तुरंत बाद गुनगुने पानी से नहाएं और कपड़े बदलें। इससे शरीर की ठंडक दूर होगी और गले पर बुरा असर नहीं पड़ेगा।
धूल और धुएं से बचें- Avoid Dust and Pollution
मानसून में वातावरण में सीलन के साथ-साथ धूल और फंगल पार्टिकल्स भी हवा में रहते हैं। इससे गले में जलन और इंफेक्शन हो सकता है, इसलिए मास्क पहनें और साफ-सुथरी जगह पर रहें।
गले को हाइड्रेट रखें- Keep Throat Hydrated
शुष्क गले में बैक्टीरिया तेजी से पनपते हैं। दिनभर थोड़ा-थोड़ा गुनगुना पानी पीते रहें और रात में स्टीम लें जिससे गले और नाक में नमी बनी रहे और इंफेक्शन से बचाव हो।
टॉन्सिल्स की समस्या को नजरअंदाज करना आगे चलकर बड़ी परेशानियों का कारण बन सकता है। इसलिए इस मौसम में खानपान, पानी, साफ-सफाई और लाइफस्टाइल पर विशेष ध्यान दें।
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FAQ
टॉन्सिल को जल्दी कैसे ठीक करें?
गुनगुने पानी से दिन में 3-4 बार गरारे करें, तुलसी-अदरक वाला काढ़ा पिएं, ठंडी चीजों से बचें और भरपूर आराम करें। इंफेक्शन अगर ज्यादा हो, तो डॉक्टर से एंटीबायोटिक दवा लें।टॉन्सिल में क्या नहीं खाना चाहिए?
बर्फ, आइसक्रीम, कोल्ड ड्रिंक्स, तले-भुने और मसालेदार भोजन से बचें। ज्यादा ठंडा, खट्टा या ज्यादा चीनी युक्त खाना, गले में जलन और सूजन बढ़ा सकता है जिससे टॉन्सिल्स बिगड़ सकते हैं।क्या भाप टॉन्सिल में मदद करती है?
हां, गुनगुनी भाप लेने से गले की सूजन और जकड़न कम होती है। यह इंफेक्शन वाले हिस्से को नमी देकर राहत पहुंचाती है और बैक्टीरिया को हटाने में भी मदद करती है।